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    Magh Mela 2026 : प्रयागराज माघ मेला में 350 संस्थाओं का सेक्टर परिवर्तन, मेला प्रशासन की नई व्यवस्था के पीछे क्या है कारण?

    By Jagran News Edited By: Brijesh Srivastava
    Updated: Sat, 20 Dec 2025 06:48 PM (IST)

    Magh Mela 2026 प्रयागराज में माघ मेला 2026 के लिए 350 से अधिक संस्थाओं की जमीन का पुनर्व्यवस्थापन किया गया है। गंगा की धारा में बदलाव के कारण, कई संस् ...और पढ़ें

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    Magh Mela 2026 प्रयागराज माघ मेला प्रशासन ने कई संस्थाओं को जमीन दूसरे सेक्टरों में आवंटित कर दी है, माघ मेला का दृश्य। जागरण

    जागरण संवाददाता, प्रयागराज। Magh Mela 2026 माघ मेला में 350 से ज्यादा संस्थाओं की जमीन दूसरे सेक्टरों में दे गई है। झूंसी की ओर स्थित काली मार्ग, त्रिवेणी मार्ग व अक्षयवट मार्ग पर बसाई जाने वाली संस्थाओं को सेक्टर दो, पांच व छह में विस्थापित किया गया है।

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    इसके तहत ही सुविधा पर्ची हो रही आवंटित 

    Magh Mela 2026  संगम के पास सेक्टर एक की संस्थाओं की जमीन में कटौती की गई है तो सेक्टर चार की 50 से ज्यादा संस्थाओं को सेक्टर छह में विस्थापित कर दिया गया है। वहीं सेक्टर पांच की 45 संस्थाओं को सेक्टर दो में त्रिवेणी मार्ग व काली मार्ग पर विस्थापित किया गया है। इसके मुताबिक ही सुविधा पर्ची आवंटित हो रही है।

    गंगा के धारा की बदली दिशा 

    Magh Mela 2026 गंगा की धारा झूंसी की ओर खिसकने के चलते मेला प्रशासन ने यह कदम उठाया है। गंगा की धारा नागवासुकि के सामने से दारागंज की ओर है, जबकि पुराने रेलवे पुल के पास से गंगा झूंसी की ओर बढ़ते हुए शास्त्री ब्रिज के आस-पास और ज्यादा झूंसी साइड हो गई है।

    खास-खास

    - 12 करोड़ श्रद्धालुओं के आने का अनुमान, यातायात व भीड़ प्रबंधन हो बेहतर

    - 2 अस्पताल होंगे 20-20 बे़ड के, 12 पीएचसी, 50 एंबुलेंस, 17 थाने भी होंगे

    सेक्टर चार तथा पांच में जगह कम हुई

    Magh Mela 2026  इससे माघ मेला के सेक्टर एक और दो में ज्यादा जगह आ गई है और सेक्टर चार तथा पांच में कम हो गई है। विशेष तौर पर झूंसी साइड में त्रिवेणी व काली मार्ग की संस्थाएं ज्यादा प्रभावित हुई हैं। कुछ संस्थाएं अक्षयवट मार्ग की भी विस्थापित हुई हैं।  

    क्या कहते हैं मेलाधिकारी?

    इनमें कुछ संस्थाओं को सेक्टर एक व दो में जगह मिल गया है तो काफी संख्या में सेक्टर पांच व छह में जगह आवंटित की गई है। इनमें सुमेरु पीठ का शिविर भी शामिल है, जो पहले त्रिवेणी मार्ग पर झूंसी की ओर से लगता था तो इस बार सेक्टर दो में इसी मार्ग पर है। इस संबंध में उप मेलाधिकारी विवेक शुक्ल का कहना है कि गंगा की धारा झूंसी साइड में ज्यादा खिसक गई है जिसके कारण संस्थाओं को अन्य सेक्टरों में जमीन आवंटित की जा रही है।

    20-20 बेड के दो अस्पताल भी होंगे 

    लगभग 800 हेक्टेयर में बसाए जा रहे श्रद्धालुओं के उपचार के लिए 20-20 बेड के दो अस्पताल, 12 पीएचसी, एक वेक्टर कंट्रोल यूनिट, पांच आयुर्वेदिक और पांच होम्योपैथिक चिकित्सालय की स्थापना की जा रही है। यहां 50 एंबुलेंस की व्यवस्था हो रही है।

    पर्याप्त शौचालय व स्ट्रीट लाइट की व्यवस्था 

    नगर विकास विभाग द्वारा पर्याप्त मात्रा में शौचालय और विद्युत विभाग द्वारा स्ट्रीट लाइट की व्यवस्था की जा रही है। इस बार 25 हजार शौचालय, आठ हजार डस्टबिन, 3300 सफाई कर्मी तैनात किए जा रहे हैं। सात सेक्टर में बसने वाले मेला के लिए 42 स्थान पर अलग-अलग रूट से आने वाले जो श्रद्धालुओं के लिए पार्किंग की व्यवस्था की जा रही है।

    श्रद्धालुओं की सुरक्षा के प्रबंध 

    सुरक्षा के लिए मेला क्षेत्र में 17 थाने 42, पुलिस चौकी, 20 फायर टेंडर साथ अग्निशमन चौकी बनाई जा रही है। मेला प्रशासन ने 12 से 15 करोड़ श्रद्धालुओं के आने का अनुमान लगाया है जिसके अनुसार बेहतर ट्रैफिक मूवमेंट प्लान एवं भीड़ प्रबंधन के दृष्टिगत अंतरजनपदीय एवं अंतरराज्यीय समन्वय स्थापित करते हुए योजना बनाई जा रही है।