Prayagraj Flood Alert : गंगा-यमुना खतरे के निशान के पास पहुंचीं, चेतावनी बिंदु पार चुका है जलस्तर, पलायन शुरू
प्रयागराज में गंगा के साथ ही यमुना नदी का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। आलम यह है कि दोनों नदियां खतरे के निशान के पास पहुंच चुकी हैं। ऐसे में बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है। दोनों नदियों के तट पर बसे मुहल्लों और गांवों में लोग दहशत में आ गए हैं। इन इलाकों से पलायन करने लगे हैं।

जागरण संवाददाता, प्रयागराज। संगम नगरी में गंगा और यमुना का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है। शनिवार सुबह 10 बजे तक दोनों नदियों का जलस्तर चेतावनी बिंदु को पार कर खतरे के निशान की ओर बढ़ने लगा। शुक्रवार रात भर में गंगा का 83 सेमी जलस्तर बढ़कर शनिवार सुबह 82.74 मीटर पर पहुंच गया। वहीं यमुना का जल स्तर 118 सेमी बढ़कर शनिवार सुबह 82.63 मीटर पर पहुंच गया। प्रयागराज में 83.73 मीटर पर खतरे का निशान है।
गंगा व यमुना में बाढ़ के चलते तटीय इलाकों में रहने वाले लोग पलायन करने लगे हैं। उनके घरों में पानी घुस गया है। काफी संख्या में लोगों को बाढ़ राहत शिविर में प्रशासन ने आवासित कराया है। कैंट मैरिज हाल में शुक्रवार आधी रात के बाद 20 लोगों को लाया गया।
शहर के 10 मुहल्ले तथा ग्रामीण क्षेत्र में 38 गांव बाढ़ के पानी से एक अथवा दो तरफ से घिर गए हैं। मुहल्लों में नालों तथा सड़कों से पानी घरों में घुस रहा है तो गांवों में नालों के जरिए बस्तियों में बाढ़ का पानी जा रहा है। जिला प्रशासन की ओर से इन बस्तियों में नाव तथा मोटर बोट की व्यवस्था की गई है।
एनडीआरएफ व एसडीआरएफ तथा पीएसी बाढ़ राहत की टीमें रेस्क्यू के लिए लगाई गई हैं। प्रशासन ने बाढ़ के पानी से घिरे तटीय क्षेत्रों के लोगों को सुरक्षित स्थान पर जाने के लिए कहा गया है।
प्रशासन की तैयारी
बाढ़ प्रभावित लोगों के लिए 10 शरणालय तैयार करा दिए गए हैं। ऋषिकुल विद्यालय, एनीबेसेंट, महबूब अली इंटर कालेज व कैंट विवाह घर को शरणालय बनाया गया है। बाढ़ से प्रभावित लोगों के लिए पेयजल, विद्युत व शौचालय के साथ भोजन की व्यवस्था कराई गई है।प्रभावित लोगों को सुरक्षित स्थानों पर जाने के लिए एडवाइजरी जारी कराई गई है।
यमुना में पांच लाख क्यूसेक पानी आने से बाढ़ का खतरा
यमुना में सबसे ज्यादा लगभग पांच लाख क्यूसेक पानी आने से प्रयागराज में बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो गई है। मध्य प्रदेश, राजस्थान तथा बुंदेलखंड में वर्षा के चलते यमुना का जलस्तर बढ़ रहा है। मप्र की केन, बेतवा तथा राजस्थान चंबल नदियों से पानी यमुना में आ रहा है, जिसका प्रभाव संगम नगरी में दिखाई दे रहा है।
उत्तराखंड व पश्चिम उप्र की बारिश से गंगा बढ़ा जलस्तर
उत्तराखंड व पश्चिमी उत्तर प्रदेश में बारिश के चलते गंगा का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है। हरिद्वार व कानपुर बैराज तथा नरौरा बांध से लगभग दो लाख क्यूसेक पानी गंगा में छोड़ा जा रहा है, जिसका असर प्रयागराज में पड़ रहा है।
शहर के इन इलाकों तक पहुंचा बाढ़ का पानी
बाढ़ का पानी शहर के निचले इलाकों राजापुर, गंगा नगर, नेवादा, द्रौपदी घाट, बेली कछार, म्योराबाद, मेंहदौरी, तेलियरगंज के शंकरघाट, बघाड़ा, चिल्ला व सादियाबाद मुहल्लों के मुहाने पर है। ये मुहल्ले कहीं एक तो कहीं दो तरफ से पानी से घिर गए हैं। गंगानगर, द्रौपदी घाट, नेवादा, बेली कछार, बघाड़ा के कछार में बने कई घरों में बाढ़ का पानी घुस गया है।
यमुना नदी से प्रभावित इलाके
दूसरी ओर यमुना किनारे बारा व करछना के तथा गंगा किनारे के सोरांव, फूलपुर, हंडिया, करछना व मेजा के 35 गांव भी बाढ़ के पानी कई तरफ से घिर गए हैं। शहर के तटीय मोहल्लों की आधी दूरी तक सड़कों पर पानी आ गया है। गांवों में नालों के माध्यम से पानी बस्तियों के मार्गों पर पहुंचने लगा है।
बाढ़ राहत चौकियों पर कर्मियों की तैनाती
एसडीएम सदर अभिषेक कुमार सिंह ने बताया कि बाढ़ राहत चौकियों पर राजस्व कर्मियों की तैनाती कर दी गई है। सिंचाई विभाग बाढ़ खंड के अधिशासी अभियंता डीएन शुक्ला ने बताया कि बाढ़ नियंत्रण कक्ष संचालित किया जा रहा है। कंट्रोल रूम से 24 घंटे जलस्तर पर नजर रखी जा रही है।
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