वाराणसी की तर्ज पर प्रयागराज के गंगा घाट पर्यटकों को आकर्षित करेंगे, संवरेंगे घाट और होंगी दुकानें
प्रयागराज में गंगा के घाटों को वाराणसी के घाटों की तरह विकसित करने की योजना है। नगर निगम ने घाटों को संवारने की विशेष योजना बना रहा है। इसमें गंगा आरती और सांस्कृतिक कार्यक्रम शामिल हैं। नागवासुकि मंदिर से दशाश्वमेघ घाट तक पक्की दुकानें बनाई जाएंगी और कूड़ा निस्तारण की व्यवस्था की जाएगी।
जागरण संवाददाता, प्रयागराज। प्रयागराज में पर्यटन को बढ़ावा देने की यूं तो कुंभ और महाकुंभ के दौरान तैयारी होती है और योजना बनाई जाती हैं। हालांकि अब इसके लिए स्थायी व्यवस्था पर भी जोर दिया जा रहा है। इसी क्रम में नगर निगम ने प्रयागराज के गंगा के घाटों का सुंदरीकरण कराने की योजना बनाई जा रही है। यहां के घाटों को वाराणसी की तर्ज पर बनाने की तैयारी है।
वाराणसी अपने कई विशाल मंदिरों के अलावा घाटों से हर साल यहां आने वाले लाखों पर्यटकों को बेहद आकर्षित करता है। वहां के गंगा घाटों पर पर्यटकों के लिए गंगा आरती, संगीत समारोह, और स्थानीय कला और हस्तशिल्प जैसी कई विशेष व्यवस्थाएं हैं।
वाराणसी के घाटों के तरह संगम नगरी के घाट भी आने वाले दिनों में पर्यटकों और श्रद्धालुओं के लिए आकर्षक का केंद्र होंगे। घाटों को संवारने के लिए नगर निगम की ओर से विशेष योजना बनाई जा रही है। गंगा घाटों पर हर दिन गंगा आरती तो कराई ही जाएगी। सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित किए जाएंगे।
वाराणसी के असी और दशाश्वमेघ घाट की तर्ज पर संगम नगरी के छह घाटों को विकसित किया जाएगा। नगर निगम की ओर से गंगा घाटों को विकसित करने की विशेष योजना तैयार कर ली गई है। इन घाटों के पास कूड़ा निस्तारण के साथ ही स्वरोजगार के लिए दुकानों का भी निर्माण कराया जाएगा। दो से तीन करोड़ रुपये का बजट घाटों को विकसित करने के लिए खर्च किया जाएगा।
घाटों के आसपास 10 फीट की दुकान भी बनाई जाएगी। नगर निगम के द्वारा नागवासुकि मंदिर से लेकर दशाश्वमेघ घाट के पास 70 से अधिक पक्की दुकानों का निर्माण किया जाएगा। दशाश्वमेध घाट पर हर दिन आरती आयोजित कराने की भी योजना बनाई जा रही है। इसी तरह से रसूलबाद घाट को भी दिव्य रूप से संवारा जाएगा।
इस संबंध में नगर आयुक्त साईं तेजा ने बताया कि तीर्थराज प्रयाग स्वच्छता सर्वेक्षण में अव्वल रहे, इसको लेकर यहां के घाटों को बेहतर तरीके से संवारने और विकसित करने की योजना बनाई जा रही है।
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