Prayagraj Flood Update : गंगा में फिर बाढ़ की आशंका, तेजी से आ रहा चार लाख क्यूसेक पानी, यमुना का जलस्तर भी बढ़ेगा
प्रयागराज में फिर बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है। उत्तराखंड और मध्य प्रदेश में लगातार बारिश से पहाड़ी नदियां उफान पर हैं। रामगंगा खो नदी और केन नदी में जलस्तर बढ़ने से गंगा और यमुना में पानी बढ़ने की आशंका है। सिंचाई विभाग के अनुसार गंगा में दो मीटर तक जलस्तर बढ़ सकता है।

जागरण संवाददाता, प्रयागराज। प्रयागराज में अभी चंद दिन पहले ही तो गंगा-यमुना के बाढ़ का पानी कम हुआ है। अब लोग बाढ़ राहत शिविरों से घरों की ओर लौटने लगे हैं। जनजीवन तेजी से सामान्य की ओर बढ़ रहा है। वहीं दूसरी ओर एक बार फिर प्रयागराज में बाढ़ की संभावना जताई जा रही है।
प्रयागराज में बाढ़ की संभावना इसलिए जताई जा रही है क्योंकि उत्तराखंड और मध्य प्रदेश में तीन दिनों से हो रही बारिश के कारण पहाड़ी नदियां उफान पर हैं। इन नदियों का पानी गंगा और यमुना में आकर मिलता है। इससे फिर दोनों नदियों का जलस्तर बढ़ने की आशंका जताई जा रही है।
उत्तराखंड में बादल फटने से कई इलाकों में स्थिति गंभीर बनी हुई है। इससे पहाड़ी नदी रामगंगा और खो नदी में जलस्तर काफ़ी बढ़ गया है, जिसका पानी गंगा में आ रहा है। इन दोनों नदियों के अलावा गंगा में भी काफ़ी पानी आ रहा है। गंगा में लगभग चार लाख क्यूसेक पानी आ रहा है। कानपुर बैराज से सोमवार रात लगभग सवा तीन लाख क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है।
यमुना में भी केन नदी का पानी आने वाला है। मध्य प्रदेश में भारी वर्षा के कारण केन नदी उफान पर है। इसका पानी यमुना में आ रहा है। ऐसे बारिश और हुई तो फिर बाढ़ की स्थिति उत्पन्न होने की आशंका है। इससे लोगों को काफी परेशानी भी झेलनी पड़ सकती है।
सिंचाई विभाग के बाढ़ खंड के अधिशासी अभियंता डीएन शुक्ला का कहना है कि गंगा में सोमवार रात का जल स्तर 80.80 मीटर था। गंगा का पानी तेजी से पास भी हो रहा है। पहाड़ी नदियों के पानी से डेढ़ से दो मीटर जलस्तर और बढ़ने की संभावना है। इसी तरह यमुना के जलस्तर में भी मामूली बढ़ोतरी होने की संभावना है। यदि बारिश हो जाएगी तो स्थिति और भी गंभीर हो सकती है।
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