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    प्रयागराज के काला हिरन अभ्यारण्य में कुत्तों का आतंक, कर रहे शिकार, डीएम ने लिया जायजा, ग्रामीणों से जानी वास्तविकता

    By Jagran News Edited By: Brijesh Srivastava
    Updated: Sat, 11 Oct 2025 08:31 PM (IST)

    प्रयागराज के डीएम मनीष कुमार वर्मा ने चांद खमरिया स्थित काला हिरण संरक्षित क्षेत्र का दौरा किया। ग्रामीणों ने कुत्तों के आतंक की शिकायत की, जिससे हिरणों की जान को खतरा है। डीएम ने तत्काल कुत्तों को रेस्क्यू करने और सीसीटीवी कैमरे लगवाने के निर्देश दिए। ग्रामीणों ने पानी की कमी और नहर से पानी की आपूर्ति की भी मांग की, जिसपर डीएम ने उचित कार्यवाही करने का आश्वासन दिया।

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    प्रयागराज के चांद खमरिया स्थित काला हिरन संरक्षित क्षेत्र का निरीक्षण करते डीएम और डीएफओ, साथ में ग्रामीण। जागरण

    संसू, खीरी (प्रयागराज)। काले हिरन का संरक्षित क्षेत्र कैसा है, वहां पर संरक्षित किए गए हिरन कैसे रह रहे हैं? क्या सुविधाएं हैं और किस चीज की दिक्कत है? इसे जानने के लिए जिलाधिकारी (डीएम) मनीष कुमार वर्मा शनिवार को चांद खमरिया पहुंचे।

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    काला हिरन संरक्षित क्षेत्र का किया भ्रमण 

    डीएम ने काला हिरन संरक्षित क्षेत्र का भ्रमण किया। इसके बाद ग्रामीणों से मुलाकात की। स्थानीय लोगों ने उन्हें बताया कि क्षेत्र में कुत्तों के आतंक है। लोगों ने उन्हें बताया कि लगभग एक हजार कुत्ते इलाके में घूम रहे हैं, जो हर महीने एक-दो हिरन का शिकार करते हैं।

    संरक्षित क्षेत्र में करीब 600 हैं हिरन

    चांद खमरिया स्थित काले हिरन का संरक्षित क्षेत्र में 600 से भी अधिक हिरन रहते है। आसपास के गांवों में रहने वाले आवारा कुत्ते इनके लिए मुसीबत बन गए है। इसी साल करीब एक दर्जन हिरनों पर हमला कर चुके हैं।

    दैनिक जागरण की खबर को डीएम ने संज्ञान में लिया

    दैनिक जागरण ने शनिवार के अंक में इस मुद्दे को प्रमुखता से उठाया। ‘संरक्षित क्षेत्र में कुत्तों का आतंक, संकट में हिरन’ शीर्षक से छपी खबर को डीएम ने संज्ञान लिया। डीएफओ अरविंद कुमार के साथ वह चांद खमरिया पहुंचे। संरक्षित क्षेत्र में भ्रमण किया। विचरण कर रहे हिरनों को देखा।

    ग्रामीणों ने वास्तविकता से कराया अवगत

    यहां पानी आदि की व्यवस्थाएं देखी। फिर ग्रामीणों के साथ बैठक की। महुलीकला के प्रधान विमल नारायण तिवारी, डीडीसी सदस्य राजेश सिंह पटेल, शंकराचार्य भुर्तिया, मान सिंह, राकेश कुमार, विंध्यवासिनी, नंदू पटेल ने उन्हें स्थितियों से अवगत कराया।

    आवारा कुत्ते हिरणों का करते हैं शिकार

    ग्रामीणों ने कहा कि आसपास के गांवों में रहने वाले आवारा कुत्ते आए दिन हिरनों का शिकार करते रहते हैं। इन पर अंकुश न लगा तो हिरनों का रहना मुश्किल हो जाएगा। संरक्षित क्षेत्र में पानी के जो डैम बनाए गए हैं, वह भी ज्यादातर सूखे रहते हैं। इससे भी हिरनों को परेशानी होती है। इस पर डीएम ने कुत्तों को रेस्क्यू कराने के निर्देश डीएफओ को दिए।

    वाच टावर पर सीसीटीवी कैमरे लगवाने की मांग

    ग्रामीणों ने हिरनों की सुरक्षा के लिए वाच टावर में चारों तरफ सीसीटीवी कैमरे लगवाने की मांग की। इलाके से गुजरी नहर में केन या लपरी से लिफ्ट के सहारे पानी की आपूर्ति कराने की भी मांग उठाई। ताकि, हिरनों को पानी पीने की दिक्कत दूर हो। साथ ही सिंचाई में भी सहूलियत मिले। खूंटा-लेड़ियारी मार्ग के चौड़ीकरण का मुद्दा भी उठाया गया।

    डीएफओ बोले- संरक्षित क्षेत्र में सीसीटीवी लगाए जाएंगे

    डीएफओ ने बताया कि जिला पंचायत या सीएसआर से बजट मिलने पर संरक्षित क्षेत्र में सीसीटीवी लगवाए जाएंगे। इसके अलावा जिलाधिकारी ने हरियाली बढ़ाने व पानी की व्यवस्था को और बेहतर करने के निर्देश दिए हैं।

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