प्रयागराज के बुजुर्ग व्यापारी को डिजिटल अरेस्ट कर 50 लाख रुपये ठगने वाला कानपुर से गिरफ्तार, पुलिस उगलवा रही राज
प्रयागराज के मुट्ठीगंज में एक बुजुर्ग व्यापारी को साइबर अपराधियों ने डिजिटल अरेस्ट कर 50 लाख रुपये की ठगी की। साइबर क्राइम पुलिस ने इस मामले में कानपु ...और पढ़ें

प्रयागराज के व्यापारी से साइबर ठगी करने वाले आरोपित को पुलिस ने गिरफ्तार किया है।
जागरण संवाददाता, प्रयागराज। शहर के मुट्ठीगंज के बुजुर्ग व्यापारी से 50 लाख रुपये की साइबर ठगी करने वाले गिरोह के एक सदस्य को साइबर क्राइम पुलिस ने कानपुर से गिरफ्तार किया है। वह कानपुर के अग्निहोत्री नगर मकड़ीखेडा का रहने वाला है। वह साइबर अपराधियों को बैंक अकाउंट उपलब्ध कराता था और बदले में मोटा कमीशन वसूलता था। पुलिस उससे पूछताछ कर उसके गैंग के अन्य सदस्यों के बारे में जानकारी हासिल कर रही है।
मुट्ठीगंज के रहने वाले एक बुजुर्ग व्यापारी ने 23 नवंबर को साइबर थाने में डिजिटल अरेस्ट कर 50 लाख रुपये की ठगी का मामला दर्ज कराया था। साइबर अपराधियों ने उन्हें फर्जी सीबीआइ अधिकारी बनकर डिजिटल अरेस्ट किया था। उनसे कहा गया था कि आधारकार्ड पर खुले बैंक खाते में 9 करोड़ 38 लाख का ट्रांजेक्शन हुआ है।
सुप्रीम कोर्ट में मामला दर्ज होने का हवाला देते हुए मनी लांड्रिंग का डर दिखाया गया था। एफआइआर दर्ज करने के बाद साइबर थाना प्रभारी ओम नारायण गौतम ने छानबीन शुरू की। किस खाते में व्यापारी से रुपये मंगवाए गए, उसे देखा गया। इसके बाद पुलिस के कदम आगे बढ़े। जांच का दायरा जब आगे बढ़ा तो इसमें कानपुर जनपद के कल्यानपुर थानांतर्गत अग्निहोत्री नगर मकड़ीखेडा निवासी ध्रुव शुक्ला की संलिप्तता सामने आई।
साइबर थाना प्रभारी ओम नारायण गौतम के नेतृत्व में टीम कानपुर पहुंची और दबिश देकर ध्रुव शुक्ला को गिरफ्तार कर लिया। उससे पूछताछ की गई तो बताया कि इंटरनेट मीडिया के माध्यम से साइबर अपराधियों के संपर्क में आया था। उससे कहा गया था कि वह बैंक अकाउंट उपलब्ध कराए, जिसमें साइबर ठगी के रुपये भेजे जा सकें। इसके बदले उसे अच्छा कमीशन दिया जाएगा। इसके बाद उसने साइबर अपराधियों से हाथ मिला लिया और गिरोह के लिए बैंक अकाउंट उपलब्ध कराने लगा।
जब खाते में साइबर ठगी की रकम आती है तो चेक व एटीएम कार्ड के माध्यम से रुपये की निकासी कर साइबर ठगों को देता था। पुलिस के मुताबिक मुट्ठीगंज के व्यापारी से ठगी के बाद ध्रुव शुक्ला के बैंक खाते में दस लाख रुपये ट्रांसफर हुए थे। शेष रकम चेक व एटीएम कार्ड के माध्यम से निकालकर दिया था। इसके बदले उसे अच्छा कमीशन मिला था। पूछताछ में उसने अपने कुछ और साथियाें के नाम भी बताए हैं, जिनके बारे में पता लगाया जा रहा है।

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