Prayagraj News : ...तो जलकल के महाप्रबंधक पर हमला करने वाले बर्खास्त खलासी को नौकरी पर रखा जाएगा, तैयारी यही हो रही
प्रयागराज में 25 दिसंबर 2020 को जीएम जलकल पर हुए हमले के मामले में कुछ अधिकारी बर्खास्त खलासी पर कृपा बरसाने की कोशिश कर रहे हैं जिसे दोषी पाए जाने पर नौकरी से निकाल दिया गया था। नगर आयुक्त से दोबारा जांच कराने का आदेश पारित कराने का प्रयास हो रहा है।

जागरण संवाददाता, प्रयागराज। निजाम बदलते है तो आदेश और निर्देश भी बदल जाते हैं। जलकल और नगर निगम के अधिकारी कुछ ऐसा ही करने का प्रयास कर रहे हैं। ऐसे आदेश बदलवाने का प्रयास हो रहा है जिस घटना की चर्चा चार वर्ष पहले महीनों तक होती रही।
मामला था 25 दिसंबर 2020 में जलकल में महाप्रबंधक रहे हरिश्चंद्र बाल्मीकि पर प्राणघातक हमला का। इसमें जलकल विभाग का खलासी दिलीप भी शामिल था। उस घटना के बाद छह लोगों के खिलाफ एफआइआर खुल्दाबाद थाने में दर्ज कराई गई थी। खलासी को जलकल विभाग में इस पद से बर्खास्त कर दिया गया था।
जांच में दोषी मिलने पर खलासी की सेवा कर दी गई थी समाप्त
अपर नगर आयुक्त अरविंद राय ने जांच किया। जांच में दोषी पाए जाने पर खलासी दिलीप की सेवा वर्ष 2024 में समाप्त कर दी गई। उस समय जलकल के महाप्रबंधक कुमार गौरव ने कार्रवाई का समर्थन किया था। बर्खास्तगी को लेकर नगर आयुक्त प्रयागराज की ओर से कोर्ट में हलफनामा भी दिया जा चुका है।
कुछ अधिकारी कृपा करने का कर रहे प्रयास
इसी मामले को लेकर जलकल और नगर निगम के कुछ अधिकारी इसी बर्खास्त खलासी पर कृपा बरसाने के प्रयास में लगे हुए हैं। वह चाह रहे हैं कि खलासी दोबारा जलकल में नौकरी करने लगे। सूत्रों की मानें तो घटना चक्र को छिपाते हुए नगर आयुक्त से न सिरे से जांच कराने का आदेश पारित करने का प्रयास किया जा रहा है।
जबकि मामले की सुनवाई नगर आयुक्त को करनी है
जलकल विभाग में अपर नगर आयुक्त दीपेंद्र यादव की ओर से जीएम जलकल पर हुए मामले को लेकर ऐसा पत्र भेजा गया है, जिसे पढ़ने पर ऐसा लगेगा कि मामले की जांच कराई जाएगी। अपर नगर आयुक्त की ओर से भेजे गए पत्र में लिखा है कि कि प्रार्थी द्वारा उच्च न्यायालय इलाहाबाद द्वारा पारित आदेश दिनांक 29.8.2024 को दृष्टिगत रखते हुए प्रार्थी की अपील स्वीकर कर सुनवाई करते हुए न्याय दिलाने का अनुरोध किया गया है। जबकि कोर्ट का निर्देश है कि मामले को लेकर सुनवाई नगर आयुक्त को करनी है। तो ऐसा पत्र किस आधार पर जारी किया गया है।
भ्रम फैलाया जा रहा
जानकारों का कहना है कि नगर आयुक्त के द्वारा सिर्फ दोनों पक्षों को सुनवाई के लिए बुलाया जाना चाहिए। इस तरह महाप्रबंधक जलकल विभाग को पत्र जारी कर भ्रम फैलाकर सुनवाई को जांच का रूप देने का प्रयास किया जा रहा है।
क्या थी घटना
25 दिसंबर 2020 की रात में जीएम के सरकारी आवास में घुसकर खलासी दिलीप व उसके साथियों के द्वारा हमला किया गया है। महाप्रबंधक के पैर में गंभीर चोट आई थी। जलकल विभाग के जीएम पर हमला करने वाले आवास की चहारदीवारी को लांघकर किचन के रास्ते उनके आवास में घुसे थे। खाना बनाने वाले को दूसरे कमरे में बंद कर दिया गया था। इसके बाद महाप्रबंधक के बेडरूम में पहुंच गए थे, और जानलेवा हमला किया था। मामले को लेकर जलकल के महाप्रबंधक कुमार गौरव से फोन पर बात करने का प्रयास किया लेकिन उनका फोर रिसीव नहीं हुआ।
जीएम के दोनों पैरों पर वजनी वस्तु से किया गया था प्रहार
25 दिसंबर 2020 की रात को चहरदीवारी डाक कर सरकारी आवास पर हमला करने पहुंचे थे। एक व्यक्ति ने तकिया से जीएम का मुंह दबा दिया था और दूसरा पैर दबाया था। पैर पर भी किसी वजनी वस्तु से प्रहार किया गया था। इससे जीएम हरिश्चंद बाल्मीकि के पैर में चोट आई थी। एक पैर में छह और दूसरे पैर में चार टांके भी लगे थे। इस संबंध में खुल्दाबाद थाने में एफआइआर दर्ज कराई गई थी।
महापौर बोले- दहशत फैलाने वालों पर कृपा नहीं होनी चाहिए
महापौर गणेश केसरवानी का कहना है कि नगर निगम और जलकल विभाग में शांति पूर्ण काम होना चाहिए। अपराधी प्रवृत्ति के लोगों को स्थान नहीं दिया जाना चाहिए। दहशत और दबंगई फैलाने वालों पर कोई कृपा नहीं होनी चाहिए।

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