Prayagraj Airport देश के खास हवाई अड्डों में होगा शामिल, सौर ऊर्जा से लैस हो रहा, पार्किंग में लगेंगे सोलर कारपोर्ट
प्रयागराज एयरपोर्ट जल्द ही देश के चुनिंदा हवाई अड्डों में शामिल होगा। एयरपोर्ट प्राधिकरण पार्किंग क्षेत्र को सौर ऊर्जा से लैस करने की प्रक्रिया शुरू कर रहा है। तीन महीने में यह काम पूरा हो जाएगा। इससे वाहनों को धूप और बारिश से सुरक्षा मिलेगी, साथ ही एयरपोर्ट की बिजली जरूरतें भी पूरी होंगी। 750 किलोवाट क्षमता का सोलर कारपोर्ट लगाया जाएगा, जिससे कार्बन उत्सर्जन घटेगा और पर्यावरण को साफ रखने में मदद मिलेगी।

प्रयागराज एयरपोर्ट के पार्किंग एरिया को सौर ऊर्जा से रोशन करने की तैयारी की जा रही है। जागरण
जागरण संवाददाता, प्रयागराज। उत्तर प्रदेश का प्रयागराज एयरपोर्ट जल्द ही देश के उन चुनिंदा हवाई अड्डों में शुमार हो जाएगा। यहां पार्किंग क्षेत्र को सौर ऊर्जा से लैस किया जा रहा है। एयरपोर्ट प्राधिकरण ने पार्किंग और टर्मिनल के बाहर के मार्ग को सौर कारपोर्ट में बदलने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।
पर्यावरण संरक्षण की दिशा में बड़ा कदम
अगले तीन माह में यह काम पूरा हो जाएगा। इससे न केवल वाहनों को धूप और बारिश से सुरक्षा मिलेगी, बल्कि सूरज की रोशनी से बिजली बनाकर एयरपोर्ट की बिजली जरूरतें भी पूरी होंगी। यह कदम पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक बड़ा संदेश देगा।
मुख्य प्रवेश द्वार के सामने पैनल लगाने का काम शुरू
आप एयरपोर्ट पर कार पार्क करते हैं और ऊपर की छत पर लगे सोलर पैनल सूरज की किरणों को सोखकर बिजली पैदा करेंगे। यही होगा प्रयागराज एयरपोर्ट का नया रूप। मुख्य प्रवेश द्वार के सामने पैनल लगाने का काम शुरू हो चुका है। सोलर कारपोर्ट एक आधुनिक पार्किंग संरचना है। इसकी छत पर सौर पैनल लगे होते हैं, जो सूर्य की रोशनी को बिजली में बदलते हैं। संरचना गैल्वेनाइज्ड स्टील या एल्युमीनियम से बनी होती है, जो मजबूत और लंबे समय तक चलने वाली होती है। सबसे खास बात यह कि इसकी ऊंचाई ऐसी है कि ट्रक, वैन या बड़े वाहन भी आसानी से नीचे से गुजर सकते हैं।
सोलर कारपेट से कार्बन उत्सर्जन घटेगा
एयरपोर्ट अधिकारियों के अनुसार, यहां 750 किलोवाट क्षमता का सोलर कारपोर्ट लगाया जाएगा। यह एयरपोर्ट की बिजली जरूरतों का बड़ा हिस्सा पूरा करेगा। इससे बिजली का बिल कम होगा, कार्बन उत्सर्जन घटेगा और पर्यावरण को साफ रखने में मदद मिलेगी। वर्तमान में प्रयागराज एयरपोर्ट पर बिजली की खपत काफी है। टर्मिनल की लाइटें, एयर कंडीशनिंग, सुरक्षा सिस्टम और अन्य उपकरणों के लिए बिजली लगती है। सोलर कारपोर्ट से पैदा होने वाली बिजली इन सबको सपोर्ट करेगी।
प्रयागराज एयरपोर्ट में 15 विमानों की पार्किंग क्षमता
प्रयागराज एयरपोर्ट पहले से ही तेजी से विकसित हो रहा है। यहां 15 विमानों की पार्किंग क्षमता है, जिसमें आठ बड़े और सात छोटे विमान शामिल हैं। टर्मिनल की कुल क्षमता 2050 यात्रियों की है। टर्मिनल-1 में 850 यात्री और टर्मिनल-2 में 1200 यात्री एक साथ बैठ सकते हैं। कार पार्किंग की बात करें तो 450 से ज्यादा कारें और बाइक्स के लिए अलग जगह है।
यहां से इन शहरों की हो रहीं उड़ानें
अभी एयरपोर्ट से दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु, हैदराबाद, भुवनेश्वर और बिलासपुर जैसे छह शहरों के लिए उड़ानें चल रही हैं। भविष्य में यह संख्या बढ़कर 15 शहरों तक पहुंच सकती है। उड़ानों की बढ़ती संख्या से यात्रियों और वाहनों की तादाद भी बढ़ेगी। ऐसे में सोलर कारपोर्ट पार्किंग को बेहतर बनाएगा और बिजली उत्पादन से संचालन सस्ता हो जाएगा।
बिजली बचत से पैसे की बचत होगी
सोलर पैनल पहल प्रयागराज को हरा-भरा बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण है। शहर में कुंभ मेला जैसे बड़े आयोजन होते हैं, जहां लाखों लोग आते हैं। एयरपोर्ट पर यात्रियों की भीड़ बढ़ती है। सोलर कारपोर्ट से वाहनों को छाया मिलेगी, जिससे गर्मी में राहत होगी। साथ ही, बिजली बचत से पैसे की बचत होगी, जो एयरपोर्ट के विकास पर खर्च किए जा सकेंगे।
बमरौली में 850 किलोवाट का सोलर प्लांट लगा है
दिलचस्प बात यह है कि प्रयागराज में सौर ऊर्जा का इस्तेमाल पहले से हो रहा है। बमरौली में स्थित नागर विमानन प्रशिक्षण कालेज में 850 किलोवाट का सोलर प्लांट लगा है, जो कालेज की 50 प्रतिशत बिजली जरूरतें पूरी करता है। अब एयरपोर्ट को भी 100 प्रतिशत सौर ऊर्जा से चलाने का लक्ष्य है। अधिकारियों का कहना है कि यह तकनीकी रूप से उन्नत कदम है और पर्यावरण के लिए मील का पत्थर साबित होगा।
दिन के समय बिजली की निर्भरता बाहर से कम होगी
सोलर कारपोर्ट लगाने से एयरपोर्ट का लुक भी बदल जाएगा। पार्किंग क्षेत्र हरा-भरा और आधुनिक लगेगा। यात्रियों को सुविधा बढ़ेगी। बड़े वाहनों के लिए ऊंचाई पर्याप्त होने से कोई दिक्कत नहीं होगी। पैनल सूरज की रोशनी को अवशोषित करेंगे और बिजली ग्रिड में जाएगी। इससे दिन के समय बिजली की निर्भरता बाहर से कम हो जाएगी।
इससे स्थानीय स्तर पर रोजगार भी बढ़ेगा
प्रयागराज एयरपोर्ट का यह कदम अन्य एयरपोर्ट्स के लिए प्रेरणा बनेगा। देश में कई हवाई अड्डे सोलर एनर्जी की ओर बढ़ रहे हैं, लेकिन प्रयागराज जैसे मध्यम आकार के एयरपोर्ट में यह नई शुरुआत है। इससे स्थानीय स्तर पर रोजगार भी बढ़ेगा। इंस्टालेशन के दौरान तकनीशियन और मजदूरों को काम मिलेगा। लंबे समय में रखरखाव से भी नौकरियां पैदा होंगी।
पूरे पार्किंग क्षेत्र को कवर किया जाएगा
यात्रियों की सुरक्षा भी बढ़ेगी। कारपोर्ट की मजबूत संरचना बारिश, ओले या तेज हवा से वाहनों की रक्षा करेगी। एयरपोर्ट प्रबंधन का कहना है कि तीन महीने का समय रखा गया है ताकि काम बिना किसी रुकावट के पूरा हो। मुख्य प्रवेश द्वार से शुरू होकर पूरे पार्किंग क्षेत्र को कवर किया जाएगा।
सौर ऊर्जा का माडल बनेगा प्रयागराज एयरपोर्ट
प्रयागराज एयरपोर्ट सौर ऊर्जा का माडल बनेगा। यह न केवल बिजली बचाएगा, बल्कि कार्बन फुटप्रिंट कम करेगा। पर्यावरण प्रेमी इसे सराहेंगे। शहरवासी गर्व महसूस करेंगे कि उनका एयरपोर्ट इतना आगे सोच रहा है। आने वाले समय में जब उड़ानें बढ़ेंगी, तो यह सिस्टम और उपयोगी साबित होगा। सोलर कारपोर्ट से एयरपोर्ट का संचालन टिकाऊ और किफायती बनेगा। एयरपोर्ट प्रशासन की यह पहल देशभर में मिसाल कायम करेगी। जल्द ही प्रयागराज हवाई यात्रा का हरा-भरा केंद्र बनेगा।

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