Power of RTI : बेजुबानों की मौत का तमाशा बनाने वालों को तगड़ा सबक, बंद कराया केयर सेंटर
Power of RTI जनसूचना अधिकार के तहत लगभग 150 पत्र भेजकर सूचनाएं मांगी। इतनी कवायद के बाद डेढ़ वर्ष तक जांच हुई। मंडलायुक्त विजय विश्वास पंत ने तीन सदस्यीय जांच कमेटी गठित किया। औषधि महानियंत्रक भारत सरकार व उत्तर प्रदेश सरकार के खाद्य सुरक्षा व औषधि प्रशासन की ओर से भी जांच शुरू कराई गई।
जागरण संवाददाता, प्रयागराज : सरकारी पशु चिकित्सालयों, प्राइवेट एलीमल क्लीनिक तथा केयर सेंटर के लिए हाई कोर्ट के अधिवक्ता अनुभव की लड़ाई एक सबक से कम नहीं है। एक डाग केयर सेंटर में डेढ़ वर्ष पहले उनके कुत्ते को बेहोश करके बाल काटा गया और उसके कुछ देर बाद उसकी मौत हो गई।
निजी पशु चिकित्सक की इस मनमानी और लापरवाही के खिलाफ लड़ी गई लंबी लड़ाई का परिणाम अब सामने आया है। खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग की ओर से डाग केयर सेंटर के मेडिकल स्टोर का लाइसेंस निरस्त कर दिया गया।
कचहरी के पास बेली रोड निवासी उच्च न्यायालय के अधिवक्ता अनुभव शिमला से भूटिया ब्रीड का जॉनी ले आए थे। वह 10 सितंबर 2023 को जानी का बाल कटवाने इंडियान प्रेस चौराहे के पास पन्ना लाल रोड पर डाग केयर सेंटर में ले गए। जानी को किसी प्रकार का रोग नहीं था। बाल कटवाने के बाद घर ले गए तो उसकी मौत हो गई। अनुभव कुछ समझ ही नहीं सके । अधिवक्ता ने अगले दिन 11 सितंबर को कर्नलगंज थाने में शिकायती पत्र दिया मगर कोई कार्रवाई नहीं हुई। इसके बाद उन्होंने कागजी कार्यवाही शुरू की।
पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों के साथ ही नगर निगम, पशुधन विभाग, पशु चिकित्सा विभाग, खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन के अधिकारियों को पत्र भेजा। प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री तथा औषधि महानियंत्रक भारत सरकार को भी शिकायत भेजा। यही नहीं आइजीआरएस पोर्टल पर शिकायत दर्ज कराई। फिर परिवाद भी दाखिल किया।
जनसूचना अधिकार के तहत लगभग 150 पत्र भेजकर सूचनाएं मांगी। इतनी कवायद के बाद डेढ़ वर्ष तक जांच हुई। मंडलायुक्त विजय विश्वास पंत ने तीन सदस्यीय जांच कमेटी गठित किया। औषधि महानियंत्रक भारत सरकार व उत्तर प्रदेश सरकार के खाद्य सुरक्षा व औषधि प्रशासन की ओर से भी जांच शुरू कराई गई। खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग की ओर से डाग केयर सेंटर में संचालित मेडिकल स्टोर का लाइसेंस निरस्त कर दिया। विभाग के सहायक आयुक्त संजय ने बताया कि लाइसेंस निरस्त कर दिया गया है।आगे की जांच चल रही है, जिसकी रिपोर्ट पर जल्द ही अन्य कार्यवाही की जाएगी। आरटीआइ की सूचना से उन्हें पता चला कि उनके कुत्ते को बिना उनकी अनुमति के ही बेहोशी का इंजेक्शन लगाया गया था। यह इंजेक्शन सामान्य तौर पर आपरेशन के लिए प्रयोग किया जाता है।
नगर निगम के पशुधन अधिकारी ने खोला था सेंटर
नगर निगम के पशुधन अधिकारी डा.श्रीश चंद्रा ने डाग केयर सेंटर खोला था। उनके निधन के बाद अब इस सेंटर का संचालन मंजुला श्रीवास्तव करती हैं और इसमें पशु चिकित्सक डा.विवेक कुमार सिंह बतौर परामर्शदाता बैठते हैं।
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