Phulpur Lok Sabha Chunav Result 2024: फूलपुर में फिर लहराया भाजपा का परचम, प्रवीण पटेल ने गठबंधन प्रत्याशी को इतने वोटों से दी मात
Phulpur Lok Sabha Election Result Live फूलपुर सीट पर इस बार भाजपा और सपा में कड़ी टक्कर देखने को मिली। भाजपा ने सांसद केसरी देवी पटेल का टिकट काटकर फूलपुर विधानसभा सीट से विधायक प्रवीण पटेल को मैदान में उतारा था। वह तीन बार इस सीट से विधायक रह चुके हैं। इस चुनाव में उन्होंने गठबंधन के प्रत्याशी को हराकर विजय हासिल की।
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। Phulpur Lok sabha chunav Result 2024: फूलपुर संसदीय क्षेत्र प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू का गढ़ रहा है। यहां सबसे अधिक कांग्रेस ने सात बार जीत हासिल की है। इस सीट पर भाजपा ने अब तक केवल दो बार सफलता पाई। इस बार भाजपा ने वर्तमान सांसद केशरी देवी पटेल का टिकट काटकर स्थानीय विधायक प्रवीण पटेल को मैदान में उतारा था। उम्मीदवार के चयन में जातीय समीकरण का भी पूरा ख्याल रखा गया।
भाजपा और सपा में कड़ी टक्कर
फूलपुर सीट पर इस बार भाजपा और सपा में कड़ी टक्कर देखने को मिली। भाजपा ने सांसद केसरी देवी पटेल का टिकट काटकर फूलपुर विधानसभा सीट से विधायक प्रवीण पटेल को मैदान में उतारा। वह तीन बार इस सीट से विधायक रह चुके हैं। सपा प्रत्याशी अमरनाथ मौर्य हैं और वह बसपा से शहर पश्चिम विस क्षेत्र से विधायकी लड़ चुके हैं। बसपा से जगन्नाथ पाल मैदान में रहे। प्रवीण पटेल ने अपने निकटतम प्रतिद्वंदी अमरनाथ सिंह को हराकर जीत हासिल की।
2019 से कम रहा वोटिंग प्रतिशत वोटिंग
फूलपुर सीट पर लोकसभा चुनाव के लिए छठवें चरण में यानी 25 मई 2024 को मतदान हुआ। फूलपुर में इस बार कुल 48.90 प्रतिशत वोटिंग हुई। फूलपुर संसदीय क्षेत्र के शहर उत्तरी विधानसभा क्षेत्र में 36.93 प्रतिशत वोटिंग हुईं। यहां में 2019 में 56 प्रतिशत मतदान हुआ था। इसी तरह शहर पश्चिमी विधानसभा पर 44.78 प्रतिशत मतदान हुआ। यहां वर्ष 2019 में 40 प्रतिशत ही मतदान हुआ था। फाफामऊ विधानसभा क्षेत्र में कुल 53.07 प्रतिशत हुई। वहीं सोरांव 55.47 प्रतिशत वोट किए गए।
2024 के लोकसभा चुनाव में फूलपुर सीट पर मतदान- 48.90 प्रतिशत
इस बार 15 प्रत्याशी मैदान में
प्रत्याशी | दल |
प्रवीण पटेल | भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) |
अमरनाथ सिंह मौर्य | समाजवादी पार्टी (सपा) |
जगन्नाथ पाल | बहुजन समाज पार्टी (बसपा) |
जिलाजीत भारतीय | बहुजन अवाम पार्टी |
प्रमोद भाई पटेल | सरदार पटेल सिद्धान्त पार्टी |
महिमा पटेल | अपना दल (कमेरावादी) |
मुशीर अहमद शिद्दीकी | पीपल्स पार्टी ऑफ इंडिया (डेमोक्रेटिक) |
इंजीनियर योगेश कुशवाहा | प्रगतिशील समाज पार्टी |
लाला राम सरोज | प्रबुद्धवादी बहुजन मोर्चा |
सुनील कुमार प्रजापति | भागीदारी पार्टी(पी) |
संगीता यादव | सुभाषवादी भारतीय समाजवादी पार्टी (सुभास पार्टी) |
संजीव कुमार मिश्रा | युवा विकास पार्टी |
अखिलेश त्रिपाठी | निर्दलीय |
नफीस अहमद | निर्दलीय |
डॉ. नीरज | निर्दलीय |
फूलपुर सीट का इतिहास
फूलपुर संसदीय क्षेत्र में अब तक कुल 20 बार चुनाव हुए। इसमें तीन उप चुनाव शामिल हैं। सात बार कांग्रेस के उम्मीदवार यहां से चुनकर सब से बड़ी पंचायत में पहुंचे जबकि सपा नेताओं ने पांच बार यहां प्रतिनिधित्व किया। भाजपा अब तक दो बार ही जीत दर्ज कर पाई है। प्रथम प्रधानमंत्री पं. जवाहर लाल नेहरू 1952 से 1964 तक इसी सीट से सांसद रहे। उनके बाद विजय लक्ष्मी पंडित ने दो बार चुनाव जीता। उनकी पहली जीत 1964 में हुए उप चुनाव में हुई, जब पं. नेहरू के निधन के बाद सीट खाली हुई।
1996 में इस सीट से सपा का खुला खाता
1952 के चुनाव में यहां से कांग्रेस को 38 प्रतिशत वोट मिले जबकि 1957 में 36.87 प्रतिशत वोट मिले। 1962 के चुनाव में पं. नेहरू ने 61.62 प्रतिशत वोट प्राप्त कर बड़ी लाइन खींची। उस समय सोशलिस्ट पार्टी के उम्मीदवार को मात्र 28.17 प्रतिशत वोट से संतोष करना पड़ा था। इस सीट पर अंतिम बार कांग्रेस ने 1984 में जीत दर्ज की। उम्मीदवार राम पूजन पटेल थे। हालांकि वह 1989 में हुए चुनाव में भी विजेता हुए लेकिन वह जनता दल के टिकट पर मैदान में उतरे थे। 1996 में सपा के जंग बहादुर पटेल ने पहली बार मैदान मारा और यहीं से इस सीट पर सपा का खाता खुला। 1998, 1999 और 2004 में भी सपा का ही परचम यहां लहराया।
2014 में केशव प्रसाद मौर्य ने खिलाया कमल
2009 के चुनाव में इस सीट पर बसपा उम्मीदवार कपिल मुनि करवरिया ने जीत दर्ज की। उन्हें 30.36 प्रतिशत वोट मिले जबकि प्रतिद्वंद्वी सपा के श्यामा चरण गुप्त को 27.72 प्रतिशत वोट ही मिल पाया। इस चुनाव में भाजपा प्रत्याशी करण सिंह पटेल अंतिम पायदान पर रहे थे। उन्हें मात्र 8.12 प्रतिशत वोट हासिल हुए थे। 2014 में यहां पहली बार कमल खिला। केशव प्रसाद मौर्य मैदान में उतरे थे। उन्होंने 44.32 प्रतिशत वोट प्राप्त कर रिकॉर्ड मतों से जीत हासिल की।
प्रतिद्वंद्वी सपा प्रत्याशी धर्मराज सिंह पटेल को सिर्फ 20.33 प्रतिशत वोट प्राप्त हुए थे। इस चुनाव में बसपा के कपिल मुनि करवरिया को 17.05 प्रतिशत और कांग्रेस के मोहम्मद कैफ को सिर्फ छह प्रतिशत मत मिल पाए थे। केशव प्रसाद मौर्य के दायित्व बदलने के कारण उन्होंने सीट छोड़ दी तो उप चुनाव 2018 में हार का सामना करना पड़ा। इसमें सपा के नागेंद्र प्रताप सिंह ने मैदान मारा। उन्हें कुल 46.95 प्रतिशत वोट मिले थे जबकि भाजपा के कौशलेंद्र सिंह पटैल को 38.81 प्रतिशत वोट से संतोष करना पड़ा।
2019 में केशरी देवी ने दिलाई भाजपा को जीत
2019 के लोकसभा चुनाव में फिर बाजी पलटी। भाजपा से मैदान में उतरी केशरी देवी पटेल ने 55.68 प्रतिशत वोट के साथ बड़ी जीत हासिल की। सपा के पंधारी यादव 38.10 प्रतिशत वोट प्राप्त कर दूसरे स्थान पर और कांग्रेस के पंकज पटेल मात्र 3.35 प्रतिशत वोट के साथ तीसरे स्थान पर रहे थे।