उच्च न्यायालय ने नोएडा विकास प्राधिकरण से तलब किए पवेलियन कोर्ट के मॉडिफाइड ले-आउट
इलाहाबाद हाई कोर्ट ने नोएडा विकास प्राधिकरण को पवेलियन कोर्ट और पवेलियन हाइट्स अपार्टमेंट के 2015 में स्वीकृत संशोधित लेआउट प्लान का मूल अभिलेख प्रस्तुत करने का आदेश दिया है। कोर्ट ने अगली सुनवाई 26 नवंबर तक इन दोनों परियोजनाओं में किसी भी तरह के निर्माण कार्य पर रोक भी लगा दी है।

विधि संवाददाता, प्रयागराज। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने नोएडा विकास प्राधिकरण से पवेलियन कोर्ट और पवेलियन हाइट्स अपार्टमेंट के 2015 में स्वीकृत संशोधित लेआउट प्लान का मूल अभिलेख तलब किया है। इसके साथ अगली सुनवाई 26 नवंबर तक किसी भी निर्माण कार्य पर रोक लगा दी है।
यह आदेश न्यायमूर्ति अजित कुमार और न्यायमूर्ति स्वरूपमा चतुर्वेदी की खंडपीठ ने पवेलियन कोर्ट और पवेलियन हाइट्स अपार्टमेंट के मालिकों के एसोसिएशन की ओर से दाखिल याचिका पर दिया है।याचियों का आरोप है कि मूल लेआउट में स्पोर्ट्स फील्ड का प्रविधान था, लेकिन बिल्डर व विकास प्राधिकरण ने बिना अपार्टमेंट मालिकों की सहमति इसका मूलस्वरूप बदल दिया है।
27 अगस्त 2024 को प्राधिकरण ने लेआउट क्लियरेंस देने के बाद फ्लैट मालिकों को कब्जा दिया था, इसलिए बाद में बदलाव अवैध है। वहीं, विकास प्राधिकरण की ओर से अधिवक्ता केएन सिंह और बिल्डर की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता नवीन सिन्हा ने दलील दी कि लेआउट प्लान 2015 में ही संशोधित कर दिया गया था और उस समय आपत्तियां आमंत्रित की गई थीं। हालांकि, याचियों ने कहा कि उन्हें किसी प्रकार की सूचना नहीं मिली।

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