अब स्कूलों में नहीं दिया जाएगा बाहर पका खाना, भोजन कराने वाले व्यक्ति को भी करना होगा ये जरूरी काम
पीएम पोषण योजना के तहत परिषदीय स्कूलों में तिथि भोजन के लिए शर्तें तय की गई हैं। पौष्टिक भोजन विद्यालय की रसोई में ही तैयार होगा, बाहर का पकाया भोजन वितरित नहीं होगा। भोजन का मेन्यू प्रधान, अध्यापक और विद्यालय समिति के सदस्य मिलकर तय करेंगे, ताकि समुदाय की भागीदारी सुनिश्चित हो।

जागरण संवाददाता, प्रयागराज। परिषदीय स्कूलों में पीएम पोषण योजना के तहत तिथि भोजन के लिए कुछ शर्तों तय की गई हैं। छात्रों को पौष्टिक आहार उपलब्ध कराए जाने में समुदाय की भागीदारी सुनिश्चित कराने के लिए यह पौष्टिक भोजन प्रत्येक स्थिति में विद्यालय की रसोई/परिसर में ही तैयार किया जायेगा। किसी भी स्थिति में बाहर पकाया हुआ भोजन विद्यालय में वितरित नहीं किया जायेगा। तिथि भोजन के तहत दिए जाने वाले भोजन का मेन्यू प्रधान, अध्यापक/विद्यालय समिति (एसएमसी) के सदस्यों द्वारा तय किया जायेगा।
नहीं आएगा बाहर का भोजन
किसी भी दशा में विद्यालय परिसर के बाहर बच्चों को भोजन ग्रहण करने के लिए नहीं भेजा जायेगा। भोज्य पदार्थ के अतिरिक्त अन्य सामग्री / सहायता जैसे छात्रों को खाने के लिए सर्विंग प्लेट, डिनरसेट, कैसरोल, बर्तन व पीने के पानी के लिए प्यूरिफायर उपकरण इत्यादि तथा विद्यालय विकास के लिए अन्य योगदान भी स्वीकार किया जा सकता है। कई विद्यालयों में डाइनिंग शेड का निर्माण कराकर आत्मसम्मान के साथ बच्चों को भोजन ग्रहण कराया जा रहा है। यदि समुदाय का कोई सदस्य विद्यालय परिसर में स्थल उपलब्ध होने पर डाइनिंग शेड का निर्माण कराना चाहता है तो एसएमसी के माध्यम से करा सकता है।
यदि समुदाय का कोई सदस्य तिथि भोजन के लिए नगद धनराशि देना चाहे तो उसे मध्याह्न भोजन निधि/एसएमसी के खाते में जमा करा दिया जायेगा। उसके अनुसार भोजन की व्यवस्था की जायेगी। बीएसए देवव्रत सिंह का कहना है कि यदि ऐसी स्थिति उत्पन्न हो कि एक ही तिथि में कई लोग भोजन कराना चाहते हैं तो प्रधान/विद्यालय प्रबंध समिति के माध्यम से निर्णय लिया जायेगा कि किस व्यक्ति द्वारा उस तिथि में भोजन कराया जायेगा। जो व्यक्ति भोजन कराएग वह स्वयं भी वहां बच्चों के साथ भोजन करेगा। किसी भी स्थिति में बच्चों को आवश्यकता से अधिक भोजन नहीं दिया जायेगा न उसे घर ले जाने की अनुमति दी जायेगी।
फास्टफूड और तले भोजन नहीं दिए जाएंगे
तिथि भोजन के लिए यह भी कहा गया है कि तला हुआ भोजन जैसे पूड़ी पराठा और पकौड़ी जिनको तेल में तलने की आवश्यकता होगी नहीं दिया जायेगा। मौसमी फल का वितरण किया जा सकता है। भोजन में दूध से बने पदार्थ पनीर, खीर, दलिया को सम्मिलित नहीं किया जाएगा। जंक फूड/फास्ट फूड जैसे बर्गर, पिज्जा, मैगी आदि का वितरण नहीं किया जा सकता। मिठाई नहीं स्वीकार की जायेगी।
तिथि भोजन दिवस पर खाद्यान्न व कन्वर्जन कास्ट का उपभोग नहीं किया जाएगा। समुदाय के जो लोग तिथि भोजन कराना चाहते हैं उनके द्वारा वर्ग, लिंग, जाति आदि में कोई भेद भाव नहीं किया जाएगा। बाल भोजन के तहत यदि फल/सूखे मेवे वितरित किये जायेंगे, तो उस दिन मध्याह्न भोजन भी बनेगा। छात्र चाहें तो मध्याह्न भोजन विद्यालय में खाकर मात्र फल सूखे मेवे घर ले जा सकते हैं।
नहीं होगा माइक का प्रयोग
तिथि भोजन में पंडाल सजावटी वस्तु व माइक का प्रयोग नहीं किया जायेगा, किसी प्रकार का प्रचार भी नहीं होना चाहिए। चुनाव के दौरान अर्थात आचार संहिता लागू होने पर राजनीतिक पार्टी द्वारा नगद धनराशि व खाना वितरित नहीं किया जाना चाहिए। बीएसए का यह भी निर्देश है कि तिथि भोजन कराने के इच्छुक व्यक्ति जिसमें अतिरिक्त श्रम की आवश्यकता होगी, वह व्यवस्था स्व्यं करेंगे।
यहां तक कि साफ सफाई की जिम्मेदारी भी लेंगे। उपलब्ध कराए गए भोजन/सहायता का संपूर्ण विवरण जैसे डोनर का नाम, पता, दिवस, प्रकार/मात्रा अनुमानित लागत आदि पंजिका में दर्ज होना चाहिए। इसके लिए बीएसए कार्यालय से भी अनुमति लेना आवश्यक है। बीएसए ने इस बात के लिए नाराजगी जताई है कि अब तक किसी भी विकास खंड से तिथि भोजन के लिए कोई सूचना नहीं दी गई है।
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