क्या लिंग परिवर्तन के बाद क्या बदल सकते हैं नाम, इलाहाबाद हाई कोर्ट ने क्या कहा?
इलाहाबाद हाई कोर्ट विचार करेगा कि क्या लिंग परिवर्तन सर्जरी के बाद किसी व्यक्ति को नाम बदलने की अनुमति मिलनी चाहिए। न्यायमूर्ति सौरभ श्याम शमशेरी की पीठ ने अधिवक्ताओं से इस मुद्दे पर न्यायालय की सहायता करने का आग्रह किया है। कोर्ट ने कर्नाटक और मणिपुर उच्च न्यायालय के फैसलों का अध्ययन करने को कहा है। शाहजहांपुर के एक शिक्षक ने लिंग परिवर्तन के बाद नाम बदलने के लिए याचिका दायर की है।

क्या लिंग परिवर्तन के बाद क्या बदल सकते हैं नाम, इलाहाबाद हाई कोर्ट ने क्या कहा?
विधि संवाददाता, प्रयागराज। इलाहाबाद हाई कोर्ट इस बात पर विचार करेगा कि क्या किसी व्यक्ति को लिंग परिवर्तन सर्जरी के बाद नाम बदलने की अनुमति दी जा सकती है? न्यायमूर्ति सौरभ श्याम शमशेरी की एकल पीठ ने वरिष्ठ अधिवक्ता एचआर मिश्रा और अधिवक्ता वीआर तिवारी से इस प्रश्न पर न्यायालय की सहायता करने का अनुरोध किया है।
प्रकरण में अगली सुनवाई 30 अक्टूबर को होगी। न्यायालय ने दोनों अधिवक्ताओं से कर्नाटक तथा मणिपुर उच्च न्यायालय द्वारा पारित दो निर्णयों का अवलोकन करने के लिए कहा है। शाहजहांपुर निवासी सहायक शिक्षक शरद रोशन सिंह नामक व्यक्ति की रिट याचिका की सुनवाई करते हुए कोर्ट ने यह आदेश पारित किया है।
याची ने अपनी लिंग परिवर्तन सर्जरी के बाद सरकारी रिकार्ड में अपना नाम बदलने की मांग की है। याची ने 2020 में अपना लिंग परिवर्तन कराने का प्रयास शुरू किया और अंततः 2023 में यह प्रक्रिया सफलतापूर्वक पूरी कर ली। जिलाधिकारी के समक्ष आवेदन कर लिंग परिवर्तन प्रमाणपत्र और पहचान पत्र प्राप्त किया।
इसके बाद उन्होंने सरकारी रिकार्ड में अपना नाम सरिता से शरद किए जाने के लिए अदालत का रुख किया। प्रकरण में प्रदेश सरकार के अतिरिक्त निदेशक, माध्यमिक शिक्षा,क्षेत्रीय सचिव, माध्यमिक शिक्षा परिषद बरेली और निदेशक, शिक्षा विभाग प्रतिवादी हैं।
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