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    पंजाब की जेल में रहते हुए मुख्तार ने बनाई थी करोड़ों की अवैध संपत्ति‍, कोर्ट ने माफ‍िया उसके बेटे और साले पर तय किया आरोप

    प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने अपनी छानबीन में 20 करोड़ रुपये से अधिक की अवैध संपत्ति का पता लगाया है। वहीं लखनऊ की अदालत ने मनी लांड्रिंग केस में जेल में बंद माफिया मुख्तार उसके विधायक बेटे अब्बास अंसारी और साले आतिफ रजा पर आरोप तय कर दिया है।

    By Tara GuptaEdited By: Vinay SaxenaUpdated: Mon, 23 Oct 2023 09:14 PM (IST)
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    पंजाब की जेल में रहते हुए माफिया मुख्तार अपना नेटवर्क चला रहा था।

    जागरण संवाददाता, प्रयागराज। माफिया मुख्तार अंसारी के खिलाफ दर्ज मनी लांड्रिंग केस की जांच में नए-नए तथ्य सामने आ रहे हैं। पता चला है कि पंजाब की जेल में बंद रहते हुए भी मुख्तार ने करोड़ों रुपये की अवैध संपत्ति अर्जित की थी। इसके लिए उसने विकास कंस्ट्रक्शन के जरिए तमाम गैरकानूनी काम किए थे। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने अपनी छानबीन में 20 करोड़ रुपये से अधिक की अवैध संपत्ति का पता लगाया है। वहीं, लखनऊ की अदालत ने मनी लांड्रिंग केस में जेल में बंद माफिया मुख्तार, उसके विधायक बेटे अब्बास अंसारी और साले आतिफ रजा पर आरोप तय कर दिया है।

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    सूत्रों का कहना है कि पंजाब की जेल में रहते हुए माफिया मुख्तार अपना नेटवर्क चला रहा था। उसके संपर्क में हरियाणा के कुछ लोग भी थे, जो मुख्तार का प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से सहयोग करते थे। शौहर मुख्तार के सलाखों के पीछे होने के कारण अफ्शा अंसारी अपने भाई आतिफ के साथ मिलकर विकास कंस्ट्रक्शन के जरिए काम करती थी। इस दौरान कई आर्डर लेकर कागज पर काम दिखाया गया और फिर उस पैसे से जमीन, मकान बनवाया गया। नकद पैसा अब्बास और दूसरे लोग खर्च करते थे। सूत्रों का कहना है कि ईडी की जांच आगे बढ़ रही है और जल्द ही कई और शख्स शिकंजे में फंसेंगे। कुछ दिन पहले ईडी ने मऊ व गाजीपुर में अब्बास के नाम पर बनाई गई छह करोड़ से अधिक की प्रापर्टी को अटैच किया था।

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    आरोप तय करने में देरी को अलग-अलग अर्जी

    ईडी ने मामले में जनवरी 2013 में मुख्तार समेत अन्य के खिलाफ आरोप पत्र पेश किया था। उसमें कहा गया एफसीआइ से अवैध तरीके से किराया वसूलने, नाबार्ड से सब्सिडी लेने और पार्टनर के साढ़े तीन करोड़ हड़पने का उल्लेख किया गया था। अदालत में आरोप देरी से तय हो, इसके लिए मुख्तार, उसका बेटा और आतिफ ने अलग-अलग समय पर जमानत अर्जी लगा रहे थे। मुख्तार के खिलाफ दर्ज मामले की जांच ईडी के सहायक निदेशक सौरभ कुमार कर रहे हैं।

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