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    सॉफ्टवेयर इंजीनियर बनना चाहता था निकेश, बहनों से 45 मिनट की थी बात; बोला था 23 को आएंगे घर

    Updated: Fri, 23 May 2025 06:45 PM (IST)

    मोतीलाल नेहरू राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (एमएनएनआइटी) के बीटेक छात्र निकेश कुमार रोहिदास ने आत्महत्या कर ली। निकेश पढ़ने में मेधावी थे और साफ्टवेयर इंजीनियर बनना चाहते थे। परिवार ने बताया कि उन्होंने बेटे को पढ़ाने के लिए कर्ज लिया था। पुलिस मामले की जांच कर रही है और आत्महत्या के कारणों का पता लगाने की कोशिश कर रही है।

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    बहनों से 45 मिनट की थी बात, बोला था 23 को आएंगे घर

    जागरण संवाददाता, प्रयागराज। मोतीलाल नेहरू राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (एमएनएनआइटी) के बीटेक छात्र निकेश कुमार रोहिदास पढ़ने में काफी मेधावी था। शुक्रवार सुबह पोस्टमार्टम हाउस पहुंचे उसके पिता अमृत लाल, फूफा दिवेश कुमार व मामा ओमकार ने बताया कि वह शुरू से ही पढ़ने में काफी तेज था। जेईई में 79 रैक थी। वह साफ्टवेयर इंजीनियर बनना चाहता था, लेकिन तकदीर को कुछ और ही मंजूर था।

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    निकेश तीन बहनों में इकलौता था। दो बहनें नेहा, निकिता उससे बड़ी हैं, जबकि आकृति छोटी है। 20 मई को उसने नेहा के पास वीडियो कालिंग की थी। करीब 45 मिनट तक बहनों से बात किया था। परिवार का हालचाल पूछने के साथ ही अपनी पढ़ाई के बारे में बताया था।

    यह भी बोला था कि 23 मई को वह सारनाथ एक्सप्रेस में सवार होकर घर के लिए निकलेगा। इसके लिए एक माह पहले ही रिजर्वेशन करा लिया है। बोला कि पापा ने रुपये भेजे थे। दिवेश कुमार ने बताया कि निकेश के दाएं हाथ की अंगुलियां कुछ छोटी थीं, जिस कारण उसका दिव्यांग प्रमाण पत्र बनवाया गया था। दिव्यांग कोटा में ही एमएनआइटी में उसका प्रवेश हुआ था। हालांकि, वह पढ़ने में बहुत बढ़िया था।

    वह अक्सर फोन करता था और बातचीत करते हुए कहता था कि फूफा साफ्टवेयर इंजीनियर बनना है। घर की आर्थिक स्थिति को बदलना है। निकेश के इस लगन से पूरे परिवार को उससे काफी उम्मीद थी। दोपहर में पोस्टमार्टम के बाद स्वजन शव लेकर छत्तीसगढ़ के जाजगीर जिले के बिर्रा थानांतर्गत ताल देवरी सेमरिया गांव लेकर रवाना हो गए।

    बेटे को पढ़ाने के लिए लिया था ढाई लाख रुपये कर्ज

    अमृतलाल ने बताया कि वह किसान हैं। पत्नी नंदेश्वरी गृहणी है। चार बच्चों की पढ़ाई लिखाई व भरण पोषण की जिम्मेदारी उन्हीं के कंधों पर है। ऐसे में जब निकेश का प्रवेश एमएनएनआइटी में हुआ तो पूरे परिवार में खुशी का ठिकाना नहीं रहा।

    उनके पास इतने रुपये भी नहीं थे कि वह निकेश को इतनी दूर पढ़ने के लिए भेज सकें और सही तरीके से उसकी देखभाल हो सके। हालांकि, उन्होंने जैसे तैसे रुपये की व्यवस्था कर उसे यहां भेजा। 2024 से लेकर अब तक उन्होंने करीब ढाई लाख रुपये कर्ज भी लिए, ताकि उनके बेटे की पढ़ाई में किसी प्रकार की रुकावट न आए। बेटे को लेकर बहुत सपने देखे थे जो सपने ही रह गए।

    नेहा की शादी की चल रही थी बात

    निकेश की सबसे बड़ी बहन नेहा है। उसकी शादी के लिए कई जगह घरवाले बातचीत कर रहे थे। निकेश भी जब फोन करता तो कहता कि बहन तुम्हारी शादी बहुत धूमधाम से कराएंगे। निकेश के मामा ओमकार ने बताया कि गुरुवार को जब घरवालों को पता चला कि निकेश ने खुदकुशी कर ली है तो तीनों बहन व मां अचेत हो गईं। उन्हें जब भी होश आता तो निकेश को याद करके रोने लगती हैं।

    लैपटाप व मोबाइल की जांच करेगी पुलिस

    एमएनएनआइटी के बीटेक प्रथम वर्ष के छात्र निकेश कुमार रोहिदास ने परीक्षा के आखिरी दिन गुरुवार को फंदे पर लटककर जान दे दी। वह संस्थान के परिसर में स्थित स्वामी विवेकानंद छात्रावास के कमरा नंबर 101 में दो अन्य छात्रों के साथ रहता था। गुरुवार को सेकेंड सेमेस्टर की परीक्षा का आखिरी दिन था।

    सुबह साढ़े नौ से 12 बजे के बीच परीक्षा थी, जिसमें निकेश कुमार शामिल नहीं हुआ था। बाकी सहपाठी परीक्षा देकर हास्टल पहुंचे तो घटना का पता चला था। शिवकुटी पुलिस को कमरे से कोई सुसाइड नोट नहीं मिला था। सहपाठी भी कुछ नहीं बता सके थे।

    शुक्रवार सुबह पहुंचे स्वजन भी इस बारे में स्पष्ट तौर पर कुछ नहीं बता सके। पुलिस ने निकेश का मोबाइल, लैपटाप व डायरी को कब्जे में ले लिया है। पुलिस मोबाइल व लैपटाप की जांच करेगी। आशंका जताई जा रही है कि उसके मोबाइल व लैपटाप में कुछ ऐसा मिल सकता है, जिससे आत्महत्या की वजह पता चल सकती है।