MNNIT प्रयागराज ने दृष्टिबाधित छात्रों की पढ़ाई को आसान बनाया, पुस्तकालय में AI सक्षम स्मार्ट चश्मों का बनाया कार्नर
मोतीलाल नेहरू राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (MNNIT) प्रयागराज ने दृष्टिबाधित छात्रों के लिए AI सक्षम स्मार्ट चश्मों का कार्नर बनाया है। यह चश्मा किताबों और स्क्रीन पर लिखे शब्दों को आवाज में बदलता है, जिससे छात्र सुनकर समझ सकते हैं। संस्थान में 66 दृष्टिबाधित छात्र हैं, जिनमें से 15 इसका उपयोग करेंगे। निदेशक प्रो. आरएस वर्मा ने व्हीलचेयर और विशेष सीटिंग कुशन भी स्थापित करवाए हैं। संस्थान दिव्यांग सेवा केंद्र बनाने पर भी सहमत है।

MNNIT प्रयागराज के AI स्मार्ट चश्मे से दृष्टिबाधित छात्रों को सुविधा मिलेगी, यह किताबों आदि पर लिखे शब्दों को आवाज के रूप में बदल देता है।
जागरण संवाददाता, प्रयागराज। मोतीलाल नेहरू राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (MNNIT) ने दृष्टिबाधित विद्यार्थियों की पढ़ाई को आसान बनाने के लिए नई शुरुआत की है। संस्थान के केंद्रीय पुस्तकालय में एआई सक्षम स्मार्ट चश्मों के लिए कार्नर बनाया गया है।
यह चश्मा किताबों या अन्य प्रपत्रों, मोबाइल/कंप्यूटर स्क्रीन पर लिखे शब्दों को आवाज के रूप में बदल देता है। इससे विद्यार्थी उसे सुनकर समझ सकते हैं। उन्हें अतिरिक्त समय भी नहीं खर्च करना पड़ता है। यह सब रीयल टाइम में होता है।
एआइ सक्षम स्मार्ट चश्मों के लिए बने कार्नर का उद्घाटन सोमवार को एमएनएनआइटी के निदेशक प्रो. आरएस वर्मा और सक्षम के राष्ट्रीय संगठन मंत्री चंद्रशेखर ने किया। जानकारी दी गई कि वर्तमान में संस्थान में 66 दृष्टिबाधित विद्यार्थी पढ़ाई कर रहे हैं। इनमें से करीब 15 विद्यार्थी इस नए चश्मे का उपयोग करेंगे।
परियोजना के प्रमुख अन्वेषक डा. धीरज आहूजा ने जानकारी दी कि यह तकनीक सीखने की गति बढ़ाएगी और वे आत्मनिर्भर भी होंगे। निदेशक प्रो. आरएस वर्मा ने ‘स्वयं को जोड़ें’ पहल के तहत केंद्रीय पुस्तकालय, एकेडमिक बिल्डिंग, ईडीसी गेस्ट हाउस और मुख्य गंगा गेट पर व्हीलचेयर भी स्थापित करवाईं। पुस्तकालय में विशेष सीटिंग कुशन और रीढ़ संबंधी दिव्यांगता वाले विद्यार्थियों के लिए कमर में बांधने वाली बेल्ट भी उपलब्ध कराई गई है।
इसका प्रयोग कर छात्र आसानी से बैठ सकते हैं। बताया कि स्मार्ट चश्मों का उपयोग करने वाले विद्यार्थियों से एक प्रश्नावली भी भरवाई जाएगी। इसमें वे बताएंगे कि चश्मा कितना उपयोगी है। इसमें क्या सुधार और किए जा सकते हैं। इस विषय को लेकर सक्षम संस्था से एमओयू हो चुका है। इसके तहत दिव्यांग सेवा केंद्र बनाने पर सहमति बनी है।
यहां 21 प्रकार की दिव्यांगताओं से जुड़ी समस्याओं की पहचान और नए सहायक उपकरणों के विकास पर कार्य किया जाएगा। सक्षम की ओर से पांच मोबाइल फोन उपलब्ध कराने का प्रस्ताव मिला है। इसकी मदद से एआई स्मार्ट डिवाइसों का उपयोग और सरल हो जाएगा। इस मौके पर डा. कमलाकांत पांडेय, रंजन वाजपेयी आदि मौजूद रहे।

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