Mahakumbh: मौनी अमावस्या पर संगम में स्नान करेंगे 10 करोड़ श्रद्धालु, क्या है शुभ मुहूर्त, योगी सरकार की विशेष तैयारी
महाकुंभ मेले में मौनी अमावस्या पर अमृत स्नान के विशेष अवसर पर लगभग 10 करोड़ श्रद्धालुओं के स्नान करने का अनुमान है। मंगलवार को ही लगभग पांच करोड़ श्रद्धालुओं ने पावन संगम में डुबकी लगा ली। श्रद्धालुओं पर 25 कुंतल पुष्प वर्षा की जाएगी। संगम क्षेत्र में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ को देखते हुए पुलिस और प्रशासन ने विशेष व्यवस्था की है।

जागरण संवाददाता, प्रयागराज। विश्व के सबसे बड़े सांस्कृतिक समागम में महाकुंभ के दूसरे अमृत स्नान पर्व मौनी अमावस्या पर अमृत स्नान करने के लिए एक दिन पहले ही जनज्वार उमड़ पड़ा। मौनी अमावस्या पर बुधवार को लगभग 10 करोड़ श्रद्धालुओं के स्नान करने का अनुमान है।
मौनी अमावस्या के एक दिन पहले मंगलवार को पावन त्रिवेणी तट पर आस्था का ऐसा जनसमुद्र उमड़ा कि भक्ति भाव की लहरों से सारे तटबंध टूट गए। एक दिन पहले ही लगभग पांच करोड़ श्रद्धालुओं ने पावन संगम में डुबकी लगा ली। जल, थल, नभ से कड़ी निगरानी के बीच मौनी अमावस्या के पहले दिन रात डुबकी लगती रही।
शाम 7.10 पर शुरू हुआ शुभ मुहूर्त, 6.27 तक अमावस्या
मौनी अमावस्या का योग मंगलवार देर शाम सात बजकर दस मिनट से ही शुरू हो गया। ज्योतिषविद पंडित देवेंद्र प्रसाद त्रिपाठी के अनुसार, बुधवार शाम 6.27 बजे तक अमावस्या रहेगी।
उन्होंने बताया कि यह अमृत योग है। चंद्रमा व सूर्य मकर राशि में और बृहस्पति जब वृष राशि में पहुंचते हैं तो यह पूर्ण योग बनता है। वे बोले, ब्रह्म मुहूर्त का स्नान सुबह चार बजे से शुरू होगा। अखाड़ों का अमृत स्नान भी सुबह पांच बजे से शुरू हो जाएगा और शाम तक चलेगा।
श्रद्धालुओं के लिए कुछ महत्वपूर्ण बातें
- संगम आने का पैदल मार्ग: संगम आने वाले श्रद्धालुओं/स्नानार्थियों को जीटी जवाहर से प्रवेश कर काली सड़क आकर काली रैम्प से होते हुए संगम अपर मार्ग से संगम तक जा सकेंगे।
- संगम से वापसी का पैदल मार्ग: संगम क्षेत्र से अक्षयवट मार्ग होते हुए इन्टर लाकिंग वापसी मार्ग त्रिवेणी मार्ग होते हुए अपने गंतव्य को वापस जा सकेंगे।
- संगम मेला क्षेत्र में जाने के लिए प्रवेश मार्ग: जवाहरलाल नेहरू मार्ग काली सड़क एवं निकास मार्ग त्रिवेणी मार्ग प्रस्तावित है।
- आज प्रमुख स्नान पर्व के दिन में अक्षयवट दर्शन के लिए रहेगा बंद रहेगा।
- लेटे हनुमान मंदिर का शिखर दर्शन कर सकेंगे।
श्रद्धालुओं पर 25 कुंतल पुष्प वर्षा
मौनी अमावस्या के पावन अवसर पर योगी सरकार ने श्रद्धालुओं के अनुभव को यादगार बनाने के लिए विशेष तैयारी की है। इस अमृत स्नान पर्व पर श्रद्धालुओं पर आसमान से गुलाब की पंखुड़ियों से पुष्प वर्षा की जाएगी।
लगभग 25 कुंतल गुलाब की पंखुड़ियों की व्यवस्था की गई है। श्रद्धालुओं की भारी भीड़ को देखते हुए पांच कुंतल अतिरिक्त गुलाब की पंखुड़ियां भी तैयार रखी गई हैं, ताकि आवश्यकता पड़ने पर पुष्प वर्षा की संख्या को बढ़ाया जा सके।
पूरे आयोजन के दौरान सभी घाटों पर दिनभर पांच से छह राउंड पुष्प वर्षा की जाएगी। पहले राउंड का आयोजन सुबह 6.30 बजे से सात बजे के बीच शुरू होगा। इसके तहत, श्रद्धालुओं पर आकाश से पुष्प वर्षा की जाएगी।
व्यवस्था
- 11 लाख श्रद्धालु हर घंटे लगा सकेंगे संगम में डुबकी
- 10 करोड़ के करीब श्रद्धालुओं के स्नान करने का अनुमान
- 44 स्नान घाट बनाए गए हैं 12 किलोमीटर की सीमा में
- 10 जिलों के डीएम भी लगाए गए हैं इस स्नान को लेकर
- 12 आइएएस और 70 पीसीएस अफसर लगे ड्यूटी में
- 25 सेक्टरों में बसे मेला क्षेत्र के चप्पे-चप्पे पर है नजर
- 2700 सीसीटीवी कैमरों से नजर, बने हैं दो कंट्रोल रूम
- 7.5 लाख वाहन क्षमता के बने हैं 105 पार्किंग स्थल
भीड़ प्रबंधन के लिए प्लान एक, दो और तीन बनाए गए
वाराणसी, लखनऊ, कानपुर, बांदा, मीरजापुर समेत अन्य सड़क मार्ग, ट्रेन और हवाई जहाज से भी लगातार तीर्थ यात्री आ रहे हैं। इन सबको देखते हुए पुलिस अधिकारियों ने इनर कॉर्डन और आउटर कॉर्डन के अनुरूप सुरक्षा, यातायात व भीड़ प्रबंधन के अनुसार योजना बनाकर लागू की गई है। प्लान एक, दो और तीन बनाए गए हैं, जिसे भीड़ के अनुसार लागू किया जाएगा।
महाकुंभ डीआईजी वैभव कृष्ण और एसएसपी राजेश द्विवेदी ने श्रद्धालुओं से अपील की है कि चौराहे, बैरिकेडिंग स्थल और पांटून पुलों पर धैर्य बनाए रखें। मेले में आने के लिए अपनी साइड पर बने रहें, जिससे स्नान घाट तक आसानी से पहुंच सकें। जिस घाट पर जाएं, वहीं पर अमृत स्नान करें।
श्रद्धालुओं के स्वास्थ्य की रक्षा को अस्पतालों में बढ़ी सतर्कता
मौनी अमावस्या के लिए मेला क्षेत्र से लेकर शहर तक के सभी अस्पतालों में सतर्कता बढ़ा दी गई है। संगम और गंगा नदी के अन्य घाटों पर जल एंबुलेंस, आइसीयू, आकस्मिक सेवा कक्ष तथा वार्ड में आवश्यक चिकित्सा संसाधन, दवाएं, किसी बड़ी आपदा की स्थिति में जरूरी इलाज की व्यवस्था सुलभ कराई गई है। लगभग 1000 स्वास्थ्य कर्मी महाकुंभ मेला क्षेत्र के अस्पतालों में लगाए गए हैं। 125 एंबुलेंस और 23 अस्पताल 30 जनवरी तक हर पल मरीजों के इलाज के लिए तैयार रहेंगे।
पार्किंग स्थल वाहनों से फुल, रैन बसेरों में जगह ही नहीं
महाकुंभ नगर में अमृतकाल की पूर्व संध्या पर ही प्रमुख सड़कों से लेकर गाटा मार्ग तक श्रद्धालुओं की श्रद्धा की गवाही दे रहे हैं। साधु-संतों से लेकर कल्पवासियों और संस्थाओं के शिविर पैक हो चुके हैं। पार्किंग स्थल वाहनों से फुल हो चुके हैं। रैन बसेरों में जगह ही नहीं बची है।
लगभग साढ़े सात लाख वाहनों की क्षमता के कुल 105 पार्किंग स्थलों में ज्यादातर फुल हो चुके हैं। मेला के प्रवेश मार्गों चाहे शहर में अथवा नैनी, झूंसी या फाफामऊ में हों, सभी सड़कें श्रद्धालुओं से भर गईं। संगम समेत सभी 44 घाट स्नानार्थियों से ठस हैं।
यूपी समेत नौ राज्यों के श्रद्धालुओं को लेकर पहुंची 8000 बसें
मौनी अमावस्या पर प्रदेश के 75 जिलों के साथ सीमावर्ती आठ राज्यों की 8000 बसों से श्रद्धालु प्रयागराज पहुंचे। दूसरे राज्यों की 700 से अधिक बसें मंगलवार को ही प्रयागराज पहुंच गई।
यह पहली बार है जब इतनी बड़ी संख्या में दूसरे राज्यों से सीधी बसों का संचालन प्रयाग तक हो रहा है। अधिकांश बसों का ठहराव नेहरू पार्क पार्किंग में हुआ है। मध्य प्रदेश, बिहार, झारखंड, छत्तीसगढ़, राजस्थान, दिल्ली, हरियाणा, उत्तराखंड से श्रद्धालुओं को लेकर आ रही बसों में वाल्वों श्रेणी की भी अधिकांश बसें शामिल हैं।
गुजरात रोडवेज ने तो अहमदाबाद से अपनी सरकारी वोल्वो को चलाया है। इसके अलावा उत्तराखंड के हल्द्वानी, देहरादून, हरियाणा के रोहतक, करनाल, हिसार व राजस्थान के जयपुर, भरतपुर, अलवर आदि शहरों से सीधी बसें नेहरू पार्क अस्थायी बस अड्डे पहुंची। यहां से यात्री शटल बस के जरिए शहर के अंदर आए। वहीं, यूपी रोडवेज ने 1,000 बसों को रिजर्व रखने के साथ सात हजार बसों का संचालन शुरू कर दिया है।
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