Mahakumbh: इतना नीचे हवाई जहाज कैसे उड़ रहा है? बच्चा चहक कर बोला- खिड़की तक दिख रही है...
महाकुंभ में प्रतापगढ़ के सुनील पांडेय और उनके परिवार ने किले के पास नजदीक से उड़ते विमान को देखकर आश्चर्य जताया। विमान महाकुंभ क्षेत्र के ऊपर दो-तीन चक्कर लगाकर यात्रियों को आध्यात्मिक नजारा दिखा रहे हैं। सोशल मीडिया पर यात्रियों ने पायलट की घोषणा साझा की जिसमें महाकुंभ का महत्व बताया गया। यात्रियों को इसे सिर्फ यात्रा नहीं बल्कि आध्यात्मिक अनुभव बताया गया।

जागरण संवाददाता, महाकुंभ नगर। अरे ! वो देखो, वो देखो हवाई जहाज...। किले के पास खड़े प्रतापगढ़ के सुनील पांडेय ने बड़े कौतूहल से हाथ उठाकर आसमान की ओर इशारा किया तो साथ रहे परिवार के लोग भी ऊपर निहारने लगे। साथ रही उनकी पत्नी सुनीता ने कहा कि इतना नीचे हवाई जहाज कैसे उड़ रहा है?
श्रद्धालुओं को आसमान से महाकुंभ दिखाया जा रहा है। तब तक बेटा अभय चहक उठा ये हवाई जहाज तो यहां चक्कर काट रहा है, खिड़की तक दिख रही है...। ये शब्द और ये दृश्य महाकुंभ के हैं। वह चौंक रहे हैं और उनके लिए कौतूहल बन गए हैं महाकुंभ के ऊपर नजदीक से उड़ते विमान।
आसमान से महाकुंभ के दर्शन
यात्रियों को आसमान से महाकुंभ का दर्शन कराया जा रहा है। थोड़ी-थोड़ी देर विमान यहां पहुंच रहे हैं और दो-तीन चक्कर लगाने के बाद एयरपोर्ट जा रहे हैं। इस बारे में जब विमानन कंपनियों ने वार्ता की गई तो किसी ने अधिकृत रूप से वर्जन तो नहीं दिया लेकिन कहा गया कि श्रद्धालुओं की यात्रा को यादगार बनाया जा रहा है।
इंटरनेट मीडिया पर कुछ यात्रियों ने विमान के पायलट की एनाउंसमेंट भी प्रसारित की है। जिसमें पायलट कहते हैं -''गुड इवनिंग जेंटलमैन, अपनी खिड़की से आप लोग देखिए, हम प्रयागराज में लैंड करने वाले हैं। अब हम महाकुंभ नगरी के ऊपर उड़ रहे हैं।
आध्यात्मिक संगम घाट हमारे नीचे है। पवित्र गंगा-यमुना और सरस्वती का मिलन हो रहा है जो आप सब को आशीष दे रहा है। मेरे साथी पायलट अवनीश पटेल ने मुझे महाकुंभ के बारे में कई चीजें बताई कि यह पूर्ण महाकुंभ है जो 144 साल बाद आया है। तो आपका क्या प्लान है, लैंडिंग के बाद का।
'हम सब भी इस इतिहास का हिस्सा बनेंगे'
नि:संदेह आप सभी एक पवित्र डुबकी अवश्य लगाएंगे। हम सब भी इस इतिहास का हिस्सा बनेंगे। यह जीवन में एक बार ही आता है। प्यारे यात्रियों यह सिर्फ एक यात्रा नहीं है, यह अध्यात्म का अनुभव है, विश्व के सबसे बड़े हिंदू जुटान में शामिल होने का।
नागा साधुओं का आशीर्वाद लीजिए और अलौकिक ऊर्जा को महाकुंभ में महसूस करें। प्रयागराज में आप सब का स्वागत है। तैयार हो जाइये पवित्र डुबकी के लिए। हमारी आध्यात्मिक यात्रा पूरी हुए बिना उड़ान नहीं भरी जाएगी। ओम नम. शिवाय, हर हर महादेव...।''
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