Mahakumbh 2025: इस बार महाकुंभ में कम हो जाएगा संगम का क्षेत्रफल, IIT एक्सपर्ट्स बढ़ाएंगे सर्कुलेटिंग एरिया
2025 के महाकुंभ में संगम का क्षेत्रफल 60 प्रतिशत कम हो गया है। गंगा नदी अपने दाहिने किनारे की ओर लगभग 500 मीटर तक स्थानांतरित हो गई है। आईआईटी गुवाहाटी और रुड़की के विशेषज्ञों को सरकुलेटिंग एरिया बढ़ाने के लिए बुलाया गया है। ड्रेजिंग मशीन द्वारा लगभग 150 मीटर से 175 मीटर तक नदी का तटीकरण का कार्य होगा। इससे लगभग 250 वर्ग मीटर संगम का सरकुलेटिंग एरिया बढ़ जाएगा।
ज्ञानेंद्र सिंह, प्रयागराज। वर्ष 2019 के कुंभ की तरह वर्ष 2025 के महाकुंभ में संगम का क्षेत्रफल नहीं रहेगा। इस बार लगभग 60 प्रतिशत क्षेत्रफल कम हो रहा है। दरअसल, वर्ष 2019 से 2024 तक गंगा नदी अपने दाहिने किनारे की ओर लगभग 500 मीटर तक स्थानांतरित हो गई है।
यही नहीं दो से ढाई मीटर तक गहरे पानी के साथ दो से पांच मीटर की मिट्टी की खड़ी चट्टान बन गई है। निरंतर हो रहे कटाव के कारण संगम तट पर उपलब्ध भूमि 2019 के स्तर से 60 प्रतिशत कम हो गई है। बाढ़ का पानी कम होने के दौरान ही इसका सर्वे कराया गया है।
सरकुलेटिंग एरिया बढ़ाने के लिए विशेषज्ञों को उतारा गया
इस पर मेला प्रशासन की चिंता पर शासन ने महत्वपूर्ण कदम उठाया है। प्रयागराज मेला प्राधिकरण के प्रस्ताव पर शास्त्री ब्रिज से संगम नोज तक सरकुलेटिंग एरिया बढ़ाने के लिए आइआइटी गुवाहाटी और आइआइटी रुड़की के विशेषज्ञों को उतार दिया गया है।
इसके लिए सरकार की ओर से 19 करोड़ 22 लाख रुपये का बजट भी स्वीकृत हो गया है। इस परियोजना के तहत गंगा का चैनलाइजेशन शुरू कराया गया है। इसके साथ ही ड्रेजिंग मशीन द्वारा लगभग 150 मीटर से 175 मीटर तक नदी का तटीकरण का कार्य होगा।
बढ़ जाएगा 250 वर्ग मीटर संगम का सरकुलेटिंग एरिया
इस परियोजना में ड्रेजिंग का कार्य डैम डिवीजन का मैकेनिकल विंग करेगा। आइआइटियंस उनकी मदद करेंगे। इस कार्य से निकाले गए ड्रेज्ड मैटेरियल की मात्रा तटबंध मजबूत करने को सरकुलेटिंग एरिया के लिए किया जाएगा। इससे लगभग 250 वर्ग मीटर संगम का सरकुलेटिंग एरिया बढ़ जाएगा। इससे शाही स्नान पर्वों तथा प्रमुख स्नान पर्वों पर जुटने वाली श्रद्धालुओं की भीड़ को राहत मिल सकेगी।
संगम का सरकुलेटिंग एरिया बढ़ाने के लिए आइआइटी गुवाहाटी की टीम बुलाई गई है। इसमें गंगा से निकलने वाले ड्रेज़्ड मैटेरियल का प्रयोग किया जाएगा। संगम का क्षेत्रफल बड़ा होगा, तभी स्नान में श्रद्धालुओं को सूहिलयत होगी।
-विजय किरन आनंद, महाकुंभ मेलाधिकारी
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