Maha Kumbh 2025: बूंदाबांदी में बरसी आस्था, बड़ा उदासीन अखाड़ा के छावनी प्रवेश में अध्यात्म और राष्ट्रभक्ति का संगम
Maha kumbha 2025 Update News महाकुंभ 2025 में श्री पंचायती अखाड़ा बड़ा उदासीन की छावनी प्रवेश शोभायात्रा में आस्था और भक्ति का संगम देखने को मिला। रिमझिम बारिश के बावजूद हजारों श्रद्धालुओं ने उत्साह से भाग लिया। 130 फीट लंबी तिरंगा पट्टिका और श्रीराम जन्मभूमि अयोध्या का मंदिर आकर्षण का केंद्र रहा। संतों ने आशीष देकर श्रद्धालुओं के लिए मंगल कामना की।
जागरण संवाददाता, महाकुंभनगर। Mahakumbh 2025: श्री पंचायती अखाड़ा बड़ा उदासीन की छावनी प्रवेश शोभायात्रा में सनातन धर्म की भक्ति के साथ राष्ट्रप्रेम की अद्भुत अलख जगी। रिमझिम बारिश के बावजूद आस्था और अध्यात्म का उत्साह कम न पड़ा। खराब मौसम में भक्ति का भाव भारी पड़ा।
आकर्षक का केंद्र 130 फीट लंबी तिरंगा की पट्टिका और श्रीराम जन्मभूमि अयोध्या का मंदिर रहा। श्री पथरचट्टी रामलीला कमेटी प्रांगण से रविवार की सुबह ध्वज-पताका बैंडबाजा के साथ यात्रा आरंभ हुई। यात्रा में सबसे आगे जगद्गुरु उदासीन आचार्य श्रीचंद्र भगवान का सोने का मंदिर व प्रतिमा थी। इनके साथ बाबा वनखंडी, प्रीतम दास सहित आदि की प्रतिमा चल रही थी।
लोगों ने पुष्पवर्षा कर किया स्वागत
छावनी प्रवेश यात्रा में दो हजार से अधिक महंत और संतों ने हिस्सा लिया। यात्रा जिस मार्ग से निकली, वहां लोगों ने पुष्पवर्षा करके स्वागत किया। संतों ने आशीष देकर श्रद्धालुओं के लिए मंगल कामना की। विभिन्न मार्गों से होते हुए सेक्टर 20 में स्थित अखाड़े की छावनी में यात्रा पहुंची। वहां धर्मध्वजा के पास आराध्य की प्रतिमा को स्थापति करके संतों ने पूजन किया।
यात्रा में महामंडलेश्वर गुरुशरणानंद, श्रीमहंत दुर्गा दास, ज्ञानानंद, जगदीश दास, श्रीमहंत भरत दास, श्रीमहंत व्यासमुनि, श्रीमहंत दिव्यांबर मुनि, महंत धर्मेंद्र दास आदि शामिल रहे।
महाकुंभ नगर : बहादुरगंज में पंचायती अखाड़ा बडा उदासीन निर्वाण के छावनी प्रवेश शोभायात्रा में निकली भगवान श्रीचंद्र देव की पालकी ।-गिरीश श्रीवास्तव
भव्य सिंहासन पर आसीन रहे संतश्री
पंचायती अखाड़ा बड़ा उदासीन के छावनी प्रवेश यात्रा में महामंडलेश्वर व प्रमुख संत भव्य सिंहासन पर आसीन रहे। सिंहासन पर आसीन होकर संतों का समूह सड़क पर निकला तो उनका दर्शन पाकर हर किसी ने धन्य होने की अनुभूति की। बच्चों से लेकर बुजुर्ग तक आशीष की आस में भक्तिभाव से ओतप्रोत होकर हाथ जोड़े खड़े रहे। संतों ने करुणा के भाव से सबको आशीष दिया।
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कल होगा अमृत स्नान
पंचायती अखाड़ा बड़ा उदासीन के साथ 13 अखाड़े महाकुंभ मेला क्षेत्र में पहुंच गए। सबने अपनी शिविर में डेरा जमा लिया है। शिविर से ही मंगलवार को मकर संक्रांति स्नान पर्व पर अमृत स्नान के लिए निकलेंगे।
महाकुंभ में 12 किमी में फैले घाटों पर होगा स्नान
महाकुंभ में स्नानार्थियों के लिए 12 किलोमीटर का घाट तैयार कराया गया है। इसमें संगम तट, एरावत, नागवासुकि तथा अरैल घाट प्रमुख हैं। कुल 44 स्नान घाट विकसित किए गए हैं। इन घाटों पर कांसा, पुआल व बालू की बोरियां लगा दी गई हैं। लगभग चार किमी क्षेत्र में डीप वाटर बैरिकेडिंग की गई है। इसके अलावा बिजली, पेयजल के साथ टायलेट की भी पर्याप्त व्यवस्था की गई है। हर घाट पर चेंजिंग रूप के विशेष प्रबंध किए गए हैं। इसके अलावा मेला क्षेत्र में सभी रैन बसेरों में 25 हजार बेड की व्यवस्था कर दी गई है। ये रैन बसेरे लगभग सभी सेक्टर में बनाए गए हैं। इनमें बेड के साथ कंबल आदि की भी व्यवस्था है।
एडीएम मेला विवेक चतुर्वेदी ने बताया कि लगभग 30 लाख कल्पवासी मेला क्षेत्र में पहुंच गए हैं। इसके अलावा लाखों की तादाद में संत-महात्मा भी अपने शिविरों में आ गए हैं। उन्होंने बताया कि पौष पूर्णिमा पर एक करोड़ तथा मकर संक्रांति अमृत स्नान पर्व पर लगभग दो करोड़ श्रद्धालुओं के डुबकी लगाने का अनुमान है, जिसके अनुसार ही सभी प्रबंध किए गए हैं।
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