माघ मेले में जमीन न मिलने पर संतों और संस्था प्रतिनिधियों का हंगामा, मेला प्रशासन कार्यालय में दिया धरना
प्रयागराज में माघ मेले में जमीन आवंटन को लेकर विवाद हो गया. संतों और संस्था के प्रतिनिधियों ने मेला प्रशासन कार्यालय में धरना दिया. उनका आरोप है कि उन ...और पढ़ें

माघ मेले में जमीन न मिलने पर संतों और संस्था प्रतिनिधियों का हंगामा।
जागरण संवाददाता, प्रयागराज। जमीन व सुविधा के लिए एक माह से भटक से रहे साधु-संतों का सोमवार को मेला प्रशासन के खिलाफ गुस्सा फूट पड़ा। बड़ी संख्या में संत-महात्माओं और संस्था संचालकों ने मेला प्रशासन कार्यालय में जमकर हंगामा काटा। कार्यालय के अंदर कुछ संत धरने पर बैठे तो ऋषिकेश से आए स्वामी गोपालाचार्य ने संतों व भक्तों ने बाहर धरना दिया।
मेला प्रशासन पर जमीन देने में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी करने के गंभीर आरोप संत-महात्माओं ने लगाए हैं। जमीन न मिलने से नाराज संत और संस्था संचालक सुबह से प्रयागराज मेला प्राधिकरण के कार्यालय पहुंच गए।
काफी देर तक वे भटकते रहे, जब उनकी कोई सुनवाई नहीं हुई तो उनका सब्र टूट गया, फिर काफी संख्या संत-महात्मा व संस्था संचालक प्राधिकरण कार्यालय के आइ ट्रिपल सी सभागार में तहसीलदार अभिजीत गौरव के सामने जमीन पर बैठक कर धरना देने लगे।
आरोप लगाया कि मेला प्रशासन के अधिकारी अपने रिश्तेदारों, परिवार के लोगों, परिचितों के साथ ही कारोबार करने वालों को जमीन दे दिया है। उन्हें एक माह से दौड़ाया जा रहा है। हंगामा होने पर तहसीलदार वहां से चले गए। इसके बाद उच्चाधिकारियों ने दूसरे मजिस्ट्रेट को भेजा।
काफी समझाने पर नाराज संत-महात्मा व संस्थाओं के लोग शांत हुए। वहीं दूसरी ओर सभागार के बाहर जगदगुरु रामानुजाचार्य स्वामी कृष्णाचार्य महाराज के शिष्य स्वामी गोपालाचार्य संतों तथा भक्तों के साथ धरना पर बैठ गए।
उन्होंने आरोप लगाया कि पूर्व के माघ मेला में उन्हें महावीर मार्ग पर जमीन मिलती थी, जबकि दो बार से त्रिवेणी मार्ग पर भूमि आवंटित होने लगी। उप मेलाधिकारी विवेक शुक्ल ने धरना स्थल पर पहुंचकर संतों से वार्ता की, तय स्थान पर जमीन आवंटित करने का आश्वासन दिया तो धरना समाप्त हुआ।

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