प्रयागराज के HRI में दिखा तेंदुआ, झूंसी के आसपास दहशत, ग्रामीण क्षेत्रों से शहर की ओर बढ़ने से वन विभाग हुआ सक्रिय
प्रयागराज के झूंसी स्थित हरीश चंद्र मेहता रिसर्च इंस्टीट्यूट में तेंदुए के देखे जाने से दहशत फैल गई। सुरक्षाकर्मियों ने तेंदुए को दो बार देखा। वन विभाग ने पहले तो पुष्टि की, फिर कुत्ते की बात कहकर किनारा कर लिया। संस्थान गंगा किनारे 200 एकड़ में फैला है। एक ग्रामीण ने अपने बछड़े पर तेंदुए द्वारा हमला करने की आशंका जताई है। वन विभाग ने जांच के बाद तेंदुए के होने से इनकार किया है।

छतनाग स्थित एचआरआइ के भीतर मौजूद वन विभाग के अधिकारी व चारदीवारी पर तेंदुआ।
संसू, झूंसी (प्रयागराज)। करीब एक से डेढ़ महीने पहले गंगापार में सुदनीपुर कला व उसके आसपास के क्षेत्र में तेंदुए की दहशत थी। शनिवार को यह मुसीबत शहर के पास आ गई। तेंदुआ धीरे-धीरे शहर की ओर बढ़ने लगा है। इसे लेकर वन विभाग के अधिकारियों में भी खलबली मच गई है।
झूंसी में छतनाग के HRI में तेंदुआ का दिखा पगचिह्न
छतनाग स्थित हरीश चंद मेहता रिसर्च इंस्टीटयूट (एचआरआइ) परिसर में सुरक्षा कर्मियों ने तेंदुए को देखा तो होश उड़ गए। मौके पर पहुंची वन विभाग की टीम ने पहले तो पगचिह्न देखकर तेंदुए की पुष्टि की, लेकिन बाद में उसे कुत्ता बताकर किनारा कर लिया। फिलहाल, छतनाग ही नहीं समूचे झूंसी क्षेत्र में दहशत है।
संस्थान गंगा किनारे स्थित है, यहां आवासीय भवन भी
करीब 200 एकड़ में फैला एचआरआइ का परिसर गंगा नदी के किनारे स्थित है। इसी परिसर में शैक्षिक भवन के साथ आवासीय भवन भी हैं। इसमें संस्थान के विज्ञानी, कर्मचारी व शोधार्थी रहते हैं। यहां 24 घंटे सुरक्षा कर्मियों की तैनाती रहती है। कुछ सुरक्षा कर्मी ऊंचे टावरों पर खड़े होकर तो कुछ गेट व अन्य स्थानों पर तैनात रहकर ड्यूटी करते हैं।
सुरक्षाकर्मियों ने शनिवार को तेंदुआ देखा, मिले निशान
शनिवार की शाम सुरक्षा कर्मी हरिमोहन शुक्ला व विजय शंकर तिवारी ड्यूटी पर थे। बांदा के रहने वाले इन सुरक्षा कर्मियों ने बताया कि परिसर में कुछ जगह झांड़ी व बड़े-बड़े पेड़ हैं। शाम करीब छह बजे गेस्ट हाउस के पास झांड़ियों में तेंदुआ की झलक दिखी। शोर मचाने पर वह वहां से भाग निकला। जमीन की मिट्टी कुछ गीली थी, जिस पर उसके पंजे के निशान बन गए।
दीवार पर चढ़ा दिखा
इसके अतिरिक्त तेंदुआ एक दीवार के ऊपर भी चढ़ा दिखाई दिया। वहां मौजूद कुछ बस चालकों ने उसकी तस्वीर खींच ली थी। सुरक्षा कर्मियों का दावा है इससे पहले रात एक बजे भी परिसर में तेंदुआ दिखा था, लेकिन तब कर्मचारियों ने अनदेखा कर दिया। शाम को दोबारा उसके नजर आने पर उच्चाधिकारियों को बताया गया। वन विभाग को भी सूचना दी गई। विभाग की टीम ने मौके पर आकर जांच की। पगचिह्न भी देखे और तेंदुए के होने की पुष्टि की। फिलहाल, वन विभाग तेंदुए के होने से इन्कार कर रहा है।
बछड़े पर हमले की है आशंका
छतनाग से सटे उस्तापुर महमूदाबाद निवासी वंश गिरि के बछड़े को सुबह किसी जानवर ने काटकर जख्मी कर दिया था। वंश गिरी ने आशंका जताई कि एचआरआइ में दिखे तेंदुए ने ही उसके बछड़े पर हमला किया होगा। उधर, एचआरआइ के सुरक्षा कर्मियों का कहना है कि जिस दीवार पर तेंदुआ चढ़ा था, वह काफी ऊंची है। इतनी ऊंची छलांग कुत्ता लगा ही नहीं सकता।
वन रेंजर बोले- जो तस्वीर दिखाई जा रही वह कुत्ते की है
वन विभाग के रेंजर लक्ष्मीकांत दुबे का कहना है कि एचआरआइ में तेंदुए के होने की जानकारी मिली थी। टीम ने पहुंच कर जांच की गई लेकिन उसकी मौजूदगी के कोई प्रमाण नहीं मिले। जो तस्वीर दिखाई जा रही है, वह भी कुत्ते की है फिर भी रविवार की सुबह फिर मौके पर जाकर छानबीन की जाएगी।
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