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    Kargil Vijay Diwas : बलिदानी साथियों को याद कर प्रयागराज में गरजे कारगिल जीतने वाले योद्धा, पाकिस्तान को ललकारा

    Updated: Fri, 25 Jul 2025 07:01 PM (IST)

    Kargil Vijay Diwas की 26वीं वर्षगांठ पर वीर सेनानी पूर्व सैनिक कल्याण समिति ने शहीदों को श्रद्धांजलि दी। कारगिल युद्ध के नायकों ने पाकिस्तान को चेतावनी दी कि औकात में रहे। पूर्व सैनिकों ने जय हिंद और भारत माता की जय के नारे लगाए। देश की एकता के लिए संकल्प लिया गया।

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    Kargil Vijay Diwas प्रयागराज में कारगिल शहीदों को नमन किया गया। जागरण

    जागरण संवाददाता, प्रयागराज। Kargil Vijay Diwas की 26वीं वर्षगांठ की पूर्व संध्या पर कुंभ नगरी प्रयागराज में वीर सेनानी पूर्व सैनिक कल्याण समिति के तत्वावधान में पूर्व सैनिकों ने सैन्य युद्ध स्मारक स्मृतिका, डीएसओआइ, पोनप्पा रोड, न्यू कैंट में वीर शहीदों को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की।

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    देशभक्ति के जज्बे से लबरेज इस समारोह में पूर्व सैनिकों ने कारगिल युद्ध के शहीदों को पुष्पांजलि अर्पित कर सलामी दी और जय हिंद, वीर शहीद अमर रहे, भारत माता की जय, वंदे मातरम के नारे लगाकर माहौल को देशभक्ति की भावना से सराबोर कर दिया। राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा लहराते हुए पूर्व सैनिकों ने वंदे मातरम का उद्घोष कर कारगिल विजय की खुशी का इजहार किया।

    कार्यक्रम का नेतृत्व कारगिल युद्ध विजेता पूर्व सूबेदार श्याम सुंदर सिंह पटेल, संरक्षक, वीर सेनानी पूर्व सैनिक कल्याण समिति, प्रयागराज ने किया। संयोजन पूर्व सूबेदार कारगिल युद्ध विजेता ईश्वर चंद तिवारी (अध्यक्ष) और महामंत्री पूर्व सूबेदार कारगिल युद्ध विजेता जी यादव ने किया। सर्वप्रथम श्याम सुंदर सिंह पटेल ने शहीदों को पुष्पमाला अर्पित कर सलामी दी, जिसके बाद सभी पूर्व सैनिकों ने सामूहिक रूप से पुष्पांजलि अर्पित की और तिरंगा लहराकर शहीदों को नमन किया।

    ललकारा- औकात में रहे दुश्मन, नहीं तो फिर मरेंगे

    कारगिल युद्ध विजेता श्याम सुंदर सिंह पटेल ने गर्व और जोश के साथ कहा, कारगिल युद्ध में हमारे वीर जवानों ने दुश्मन को सबक सिखाया था। आज हम अपने बलिदानी साथियों को याद कर गर्व महसूस कर रहे हैं। पाकिस्तान को हमारी चेतावनी है- औकात में रहे, नहीं तो फिर मरेंगे। हमारी सेना और देश की एकता आज भी उतनी ही मजबूत है। भारत माता की जय।

    शहीदों का बलिदान कभी नहीं भूलेंगे

    कारगिल युद्ध विजेता और समिति के अध्यक्ष ईश्वर चंद तिवारी ने कहा, वर्ष 1999 में कारगिल की बर्फीली चोटियों पर हमारे सैनिकों ने असंभव को संभव कर दिखाया। उनके बलिदान ने हमें एकता और साहस का पाठ पढ़ाया। हम उनके बलिदान को कभी नहीं भूलेंगे और नई पीढ़ी को उनके शौर्य की कहानियां सुनाते रहेंगे।

    देश के लिए जीना और मरना हमारा गर्व

    कारगिल युद्ध में शामिल रहे पूर्व सूबेदार मेजर मुकेश मिश्रा ने भावुक होते हुए कहा, कारगिल युद्ध में हमने अपने भाइयों को खोया, लेकिन देश की आन-बान-शान को बचाया। आज हम उनके बलिदान को सलाम करते हैं। देश के लिए जीना और मरना हमारा गर्व है।

    शहीदों को इन्होंने किया नमन 

    कार्यक्रम में कारगिल युद्ध विजेता पूर्व सूबेदार गुनई यादव, लेफ्टीनेंट नरोत्तम त्रिपाठी, लेफ्टीनेंट मोहम्मद शाहिद उस्मानी, सूबेदार सूर्य मणि भारती, पूर्व सूबेदार मेजर बच्चालाल प्रजापति, मंसूर हसन, सुरेश चंद्र सहित कई पूर्व सैनिक शामिल रहे। सभी ने एक स्वर में देशभक्ति के नारे लगाए और शहीदों के प्रति अपनी कृतज्ञता व्यक्त की।

    शहीदों की याद में दो मिनट का रखा मौन 

    कार्यक्रम का समापन श्याम सुंदर सिंह पटेल के धन्यवाद ज्ञापन और जय हिंद के उद्घोष के साथ हुआ। उपस्थित लोगों ने शहीदों की स्मृति में दो मिनट का मौन रखा और देश की एकता व अखंडता के लिए संकल्प लिया। वक्ताओं ने कहा कि यह आयोजन न केवल कारगिल युद्ध के शहीदों को श्रद्धांजलि देने का अवसर था, बल्कि युवा पीढ़ी को यह संदेश देने का भी माध्यम बना कि देश की रक्षा और एकता के लिए हर भारतीय को तैयार रहना चाहिए। कारगिल विजय की यह गाथा हमेशा भारतीयों के दिलों में जिंदा रहेगी।