प्रयागराज की फरजाना चाहती है सऊदी अरब की माटी में दफन शौहर की लाश, पति के आत्महत्या पर उठाए सवाल
प्रयागराज में घूरपुर के करमा गांव के शहजादे की सऊदी अरब में संदिग्ध हाल में मौत हो गई। पत्नी फरजाना को आत्महत्या की बात पर विश्वास नहीं है। उसे हत्या का संदेह है। वह पति के शव को भारत लाने और उच्च स्तरीय जांच की मांग कर रही है ताकि पति की कैसे हुई मौत का सच सामने आ सके।
संवाद सूत्र,जागरण,करमा (प्रयागराज)। यमुनापार में घूरपुर थाना क्षेत्र के करमा गांव की फरजाना को सऊदी अरब की मिट्टी में दफन शौहर की लाश लाए जाने का इंतजार है। वह चाहती है कि शव का दोबारा भारत में पोस्टमार्टम कराया जाए ताकि यह पता चले कि मामला मौत का है अथवा आत्महत्या का? उसकी आशंका हत्या किए जाने की है।
फिलहाल उसकी गुहार को सरकार में जिम्मेदार लोगों तक पहुंचाने वाला कोई नहीं दिखता। वह मायके में बैठी किसी मददगार का इंतजार कर रही है। कहती है, ‘पति की हत्या की गई है, मैं सच जाने बिना चुप नहीं बैठूंगी। सरकार को इसका जवाब देना होगा।’
मुंबई निवासी एजेंट के माध्यम से सऊदी गया था शहजादे
फरजाना का शौहर शहजादे पुत्र हकीमउल्ला 2022 में मुंबई निवासी एजेंट के माध्यम से सऊदी अरब गया था। वहां वह खजूर के बगीचे में काम करने लगा। शहजादे से फरजाना की बात अंतिम बार 26 मार्च को हुई। फिर मोबाइल बंद हो गया। उसने सोचा रिचार्ज नहीं होगा। ईद पर भी फोन नहीं आया तो फरजाना घबरा उठी।
पता चला कि कर ली है खुदकुशी
फरजाना कहती है कि 31 मार्च को उसने मुंबई में रहने वाले अपने भाई गुड्डू यह बात बताई तो उसने उस एजेंट से बात की, जिसने सऊदी भिजवाया था। एजेंट ने पांच अप्रैल को कफील (जमानतदार) का नंबर दिया। उससे बात करने पर पता चला कि 27 मार्च को ही शहजादे ने खुदकुशी कर ली और शव पोस्टमार्टम के बाद सऊदी अरब में ही शव दफनाा दिया गया।
छत में चुल्ला नहीं, खिड़की नहीं तो कैसे किया आत्महत्या
फरजाना के अनुसार वीडियो कालिंग में उसने देखा था कि जिस कमरे में शौहर रहता था, वहां छत में कोई चुल्ला नहीं है और न ही कोई खिड़की है। ऐसे में मामला आत्महत्या का नहीं है। जिलाधिकारी, मुख्यमंत्री, प्रधानमंत्री के साथ विदेश मंत्रालय को प्रार्थना पत्र भेज चुकी फरजाना की यही गुहार है कि शौहर की मौत की स्पष्ट वजह सामने लाई जाए। पत्र भेजने का सिलसिला 15 अप्रैल से चल रहा है, पर अब तक हुआ कुछ नहीं है।
ससुराल में नहीं मिला सहारा
शहजादे से फरजाना को उसकी तीन बेटियां हैं। बड़ी बेटी कुद्दुसा 13 वर्ष, इकरा 11 वर्ष व सबसे छोटी आरिफा छह साल की। इनका पालन पोषण भी फरजाना के लिए चुनौती है। शौहर की मौत के बाद ससुराल वालों ने कोई सहारा नहीं दिया। हालांकि शहजादे के भाई हैं पर अलग रहते हैं। मजबूरी में फरजाना अपनी तीनों बेटियों को लेकर मायके में रह रही है।
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