रेलवे चार ट्रेनों के SLR Coaches पट्टे पर देगा, होगी नीलामी, व्यापारियों व आमजन को मिलेगी बड़ी राहत
प्रयागराज के रास्ते होकर जाने वाली चार ट्रेनों ज्ञान गंगा एक्सप्रेस सारनाथ एक्सप्रेस मुंबई एलटीटी साप्ताहिक और बलिया-सियालदह एक्सप्रेस के एसएलआर कोचों को रेलवे ने पट्टे पर देने की घोषणा की है। इन कोचों की नीलामी होगी। इस पहल से व्यापारियों ई-कामर्स कंपनियों और आम लोगों को सामान परिवहन में सुविधा मिलेगी।

जागरण संवाददाता, प्रयागराज। भारतीय रेलवे ने व्यापारियों और आम लोगों की सुविधा के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। प्रयागराज के रास्ते संचालित होने वाली चार प्रमुख ट्रेनों ज्ञान गंगा एक्सप्रेस, सारनाथ एक्सप्रेस, मुंबई एलटीटी साप्ताहिक और बलिया-सियालदह एक्सप्रेस के एसएलआर (सीटिंग-कम-लगेज रैक) कोच को पट्टे पर देने की घोषणा की गई है।
इन कोचों को पट्टे पर लेने के लिए 27 जुलाई को आनलाइन ई-नीलामी होगी। प्रत्येक कोच में चार टन सामान ढोने की क्षमता होगी। इससे व्यापारियों, ई-कामर्स कंपनियों और आम लोगों को सामान परिवहन में काफी सुविधा मिलेगी। यह पहल छोटे व्यापारियों और व्यक्तियों के लिए किफायती और विश्वसनीय परिवहन समाधान प्रदान करेगी।
सामान पहुंचाने में मिलेगी मदद
रेलवे की इस नई योजना के तहत, चार प्रमुख ट्रेनों के एसएलआर कोच को पट्टे पर दिया जाएगा। ज्ञान गंगा एक्सप्रेस जो बनारस से पुणे तक संचालित होती है, व्यापारियों को पश्चिमी भारत तक सामान पहुंचाने में मदद करेगी। सारनाथ एक्सप्रेस जो छपरा से दुर्ग तक चलती है, पूर्वी और मध्य भारत को जोड़ेगी। मुंबई एलटीटी साप्ताहिक ट्रेन मऊ से मुंबई तक सामान ढोएगी, जबकि बलिया-सियालदह एक्सप्रेस बलिया से कोलकाता तक परिवहन सुविधा प्रदान करेगी।
होगी आनलाइन नीलामी
इन कोचों को पट्टे पर लेने के लिए इच्छुक व्यक्ति या कंपनियां 27 जुलाई को होने वाली आनलाइन ई-नीलामी में हिस्सा ले सकती हैं। नीलामी में सफल बोलीदाताओं को कोच में चार टन तक सामान लोड करने की अनुमति होगी। यह सामान खाद्य पदार्थों, इलेक्ट्रॉनिक्स, कपड़े, या अन्य व्यावसायिक उत्पादों से लेकर व्यक्तिगत सामान जैसे घरेलू सामग्री तक कुछ भी हो सकता है।
क्या मिलेगा फायदा
इस पहल के कई महत्वपूर्ण फायदे हैं। सबसे बड़ा लाभ यह है कि यह छोटे व्यापारियों और ई-कामर्स कंपनियों को किफायती दरों पर सामान परिवहन का अवसर प्रदान करेगी। रेलवे परिवहन सड़क मार्ग की तुलना में अधिक विश्वसनीय और लागत प्रभावी है। इससे व्यापारियों को अपने उत्पाद दूरस्थ क्षेत्रों में कम लागत पर भेजने में मदद मिलेगी। रेलवे की समयबद्धता और व्यापक नेटवर्क के कारण सामान समय पर गंतव्य तक पहुंचेगा, जिससे व्यापार में विश्वास और दक्षता बढ़ेगी।
घरेलू सामान, फर्नीचर आदि भेज सकेंगे
आम लोगों के लिए भी यह योजना वरदान साबित होगी। व्यक्तिगत सामान, जैसे घरेलू सामग्री, फर्नीचर, या अन्य भारी वस्तुओं को अब आसानी से एक शहर से दूसरे शहर भेजा जा सकेगा। उदाहरण के लिए, यदि कोई व्यक्ति बनारस से पुणे स्थानांतरित हो रहा है, तो वह ज्ञान गंगा एक्सप्रेस के एसएलआर कोच का उपयोग करके अपने सामान को सुरक्षित और सस्ते में भेज सकता है। यह सुविधा उन लोगों के लिए विशेष रूप से उपयोगी होगी जो महंगे कूरियर सेवाओं का खर्च वहन नहीं कर सकते।
आमजन और व्यापारियों की सुविधा
यह योजना छोटे व्यापारियों को अपने व्यवसाय का विस्तार करने में सक्षम बनाएगी। स्थानीय हस्तशिल्प, मसाले, या अन्य उत्पादों को आसानी से बड़े शहरों में भेजा जा सकेगा, जिससे स्थानीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलेगा। ई-कॉमर्स कंपनियां भी इस सुविधा का उपयोग करके अपने ग्राहकों तक तेजी से सामान पहुंचा सकेंगी। आम लोगों के लिए, यह योजना विशेष रूप से तब उपयोगी होगी जब उन्हें भारी सामान, जैसे फर्नीचर, इलेक्ट्रानिक्स, या व्यक्तिगत सामान, एक स्थान से दूसरे स्थान पर भेजना हो। रेलवे की यह पहल न केवल लागत प्रभावी है, बल्कि पर्यावरण के अनुकूल भी है, क्योंकि रेल परिवहन सड़क परिवहन की तुलना में कम कार्बन उत्सर्जन करता है।
क्या कहते हैं अधिकारी
वाराणसी मंडल के जनसंपर्क अधिकारी (पीआरओ) अशोक कुमार ने इस पहल की सराहना करते हुए कहा, रेलवे की यह नई योजना व्यापारियों और आम लोगों के लिए एक गेम-चेंजर साबित होगी। एसएलआर कोच को पट्टे पर देने से न केवल रेलवे की आय बढ़ेगी, बल्कि छोटे व्यापारियों और व्यक्तियों को भी किफायती और विश्वसनीय परिवहन सुविधा मिलेगी। हमारी कोशिश है कि इस योजना को और अधिक ट्रेनों तक विस्तारित किया जाए ताकि अधिक से अधिक लोग इसका लाभ उठा सकें। यह सुविधा छोटे व्यापारियों, ई-कामर्स कंपनियों और व्यक्तियों के लिए एक नया अवसर लेकर आएगी, जिससे परिवहन आसान, किफायती और विश्वसनीय बनेगा।
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