New Delhi Prayagraj Train Running Late : दिल्ली से प्रयागराज सुबह आने वाली अधिकांश ट्रेनें दोपहर में पहुंचीं, यात्री परेशान
Indian Railways News हावड़ा रूट पर कोहरे के कारण ट्रेनें घंटों लेट हो रही हैं, जिससे यात्रियों को भारी परेशानी हो रही है। प्रयागराज पहुंचने वाली कई मह ...और पढ़ें

Indian Railways News कोहरे की मार से दिल्ली-हावड़ा रूट पर ट्रेनों की गति धीमी, प्रयागराज में देर से पहुंच रही ट्रेनें।
जागरण संवाददाता, प्रयागराज। Indian Railways Running Late सर्दी की दस्तक के साथ ही उत्तर भारत में घना कोहरा छा रहा है। इसका सबसे ज्यादा असर रेल यात्रियों पर पड़ रहा है। दिल्ली से हावड़ा जाने वाले मुख्य रूट पर चलने वाली लगभग सभी ट्रेनें घंटों देरी से चल रही हैं। प्रयागराज जंक्शन पर सुबह पहुंचने वाली ज्यादातर ट्रेनें दोपहर तक आ रही हैं, जिससे यात्रियों का पूरा दिन बर्बाद हो रहा है। पिछले तीन दिनों से यह सिलसिला जारी है, और कोहरा बढ़ने के साथ परेशानी और गहराती जा रही है।
प्रयागराज एक्सप्रेस करीब साढ़े 4 घंटे विलंब से पहुंची
Indian Railways Running Late सुबह सात बजे प्रयागराज आने वाली प्रयागराज एक्सप्रेस चार घंटे 21 मिनट देरी से 11:21 बजे पहुंची। हमसफर एक्सप्रेस, जो 6:30 बजे आनी थी, साढ़े पांच घंटे लेट होकर 11:45 बजे आई। रीवा एक्सप्रेस पांच घंटे देरी से 11:10 बजे जंक्शन पर पहुंची, जबकि इसका समय सुबह 6:10 बजे का था। पुरुषोत्तम एक्सप्रेस सुबह 6:55 बजे की जगह सवा छह घंटे लेट होकर दोपहर 1:10 बजे आई। स्वतंत्रता सेनानी एक्सप्रेस भी पांच घंटे से ज्यादा देरी से 10:23 बजे पहुंची, जो सुबह 5:25 बजे आनी थी।
छह घंटे देरी से चल रही विभूति एक्सप्रेस
Indian Railways Running Late इसी तरह विभूति एक्सप्रेस दोपहर 12 बजे रामबाग पहुंचने वाली है, लेकिन छह घंटे देरी से चल रही है और देर शाम पहुंचने की उम्मीद है। दिल्ली से आने वाली 22436 वंदे भारत एक्सप्रेस भी तीन घंटे लेट है और दोपहर 12 बजे नहीं आ सकी। बनारस सुपरफास्ट एक्सप्रेस छह घंटे देरी से सवा एक बजे दोपहर में प्रयागराज पहुंची, जबकि सुबह सवा सात बजे का समय था।
प्लेटफार्म पर इंतजार कर रहे स्वजन भी ठिठुर रहे
ये देरी सिर्फ प्रयागराज तक सीमित नहीं है। दिल्ली-हावड़ा रूट पर कोहरे की वजह से ट्रेनें धीमी गति से चल रही हैं। कम विजिबिलिटी के कारण लोको पायलट सिग्नल देखने में सावधानी बरत रहे हैं, जिससे पूरी चेन प्रभावित हो रही है। यात्रियों की मुश्किलें बढ़ गई हैं। ट्रेन में घंटों बैठे-बैठे वे बार-बार लोकेशन चेक करते रहते हैं कि कब स्टेशन आएगा। कई यात्री सुबह की मीटिंग या काम पर पहुंचने की योजना बनाकर निकले थे, लेकिन देरी से सब गड़बड़ा गया। प्लेटफार्म पर इंतजार कर रहे स्वजन भी ठंड में ठिठुरते हुए परेशान हैं। बच्चों और बुजुर्गों के लिए यह सफर और भी तकलीफदेह हो रहा है।
उपकरण कोहरे में पूरी तरह कारगर क्यों नहीं?
Indian Railways Running Late रेलवे ने फाग सेफ डिवाइस और बेहतर सिग्नलिंग सिस्टम पर करोड़ों रुपये खर्च किए हैं, फिर भी हर साल सर्दियों में यही हाल क्यों? क्या ये उपकरण कोहरे में पूरी तरह कारगर नहीं हैं? या रखरखाव में कमी है? यात्रियों का सवाल है कि इतने बड़े निवेश के बाद भी ट्रेनें समय पर क्यों नहीं चल पातीं? रेलवे अधिकारियों का कहना है कि सुरक्षा सबसे ऊपर है, इसलिए स्पीड कम रखी जाती है। लेकिन यात्रियों को लगता है कि बेहतर तैयारी और तकनीक से इस समस्या का स्थायी हल निकाला जाना चाहिए।
सफर से पूर्व ट्रेन की स्थित जरूर जान लें यात्री
कोहरे का यह कहर अभी और बढ़ सकता है। यात्रियों के लिए सलाह है कि वह सफर से पहले ट्रेन की स्थिति जरूर चेक कर लें। उम्मीद भी जताई गई है रेलवे जल्द कोई ठोस कदम उठाएगा, ताकि यात्रियों की यह मुसीबत कम हो।

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