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    पुलिसिंग में किए गए अहम बदलाव, अब लेखपाल की तरह काम करेंगे बीच पुलिस अधिकारी; ADG जोन ने कप्तानों को दिए निर्देश

    Updated: Wed, 16 Apr 2025 03:37 PM (IST)

    UP Police फतेहपुर जिले में तिहरे हत्याकांड के बाद बीट पुलिसिंग में बदलाव किया गया है। अब पुलिस अधिकारी लेखपाल की तरह काम करेंगे उन्हें एक बस्ता दिया जाएगा जिसमें अपराधियों का रिकॉर्ड होगा। वे भूमि विवाद अवैध गतिविधियों की जानकारी थाने को देंगे। इसका उद्देश्य कानून व्यवस्था को मजबूत करना और अपराध पर नियंत्रण रखना है। साथ ही बीट पुलिस अधिकारी वाट्सएप पर ग्रुप बनाकर संभ्रांत लोगों को जोड़ेंगे।

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    पुलिसिंग में किए गए अहम बदलाव, अब लेखपाल की तरह काम करेंगे बीच पुलिस अधिकारी

    ताराचन्द्र गुप्ता, प्रयागराज। फतेहपुर जिले में कुछ दिन पहले हुए तिहरे हत्याकांड के बाद बीट पुलिसिंग में अहम बदलाव किए गए हैं। अब बीट पुलिस अधिकारी लेखपाल की तरह काम करेंगे। राजस्व विभाग के लेखपाल की भांति उन्हें भी एक ‘बस्ता’ दिया जाएगा। इसमें हिस्ट्रीशीटर्स, प्रचलित अपराधी, एनसीआर की रिपोर्ट्स, यूपी-112 की रिपोर्ट्स, 1090 की शिकायत, रजिस्टर नंबर आठ में दर्ज मामले और पुलिस कार्यवाही से संबंधित सभी अभिलेख उनके पास मौजूद रहेंगे।

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    बीट पुलिस अधिकारी अपनी बीट से संबंधित भूमि, जातिगत, सांप्रदायिक व अन्य विवादों को रजिस्टर में अंकित करते हुए थाने पर सूचित करेंगे। साथ ही जुआ, सट्टा, अवैध शराब, मदार्थ की बिक्री, पेड़ कटान जैसी अन्य जानकारी भी बीट पुस्तिका में दर्ज करके थाने को में बताएंगे।

    चुनावी रंजिश में की गई थी तीन लोगों की हत्या

    फतेहपुर जिले के हथगाम थाना क्षेत्र स्थित अखरी गांव में चुनावी रंजिश को लेकर एक साथ तीन लोगों की हत्या कर दी गई थी। इस वारदात से वहां सनसनी फैल गई थी। एडीजी जोन भानु भास्कर, आइजी रेंज प्रेम गौतम ने भी मौके पर पहुंचकर जांच-पड़ताल की थी।

    इस दौरान अधिकारियों ने पाया था कि बीट पुलिसिंग की व्यवस्था का ठीक से अनुपालन नहीं किया जा रहा है। तब एडीजी ने बीट पुलिस को सुदृढ़ और प्रभावी बनाने पर विशेष जोर देते हुए कुछ बदलाव किए।

    तय किया गया कि हल्का दारोगा और बीट आरक्षी के आकार को नए रूप से विभाजित किया जाए। बीट में तैनात मुख्य आरक्षी, आरक्षी को ‘बीट पुलिस अधिकारी’ कहा जाएगा। वह लेखपाल की तरह काम करेंगे और उन्हें ‘बस्ता’ दिया जाए। इसमें अपराधियों से लेकर दूसरी सभी जरूरी जानकारी रहे, जिससे कानून-व्यवस्था को बनाए रखने के साथ ही अपराधियों के विरुद्ध नियमानुसार सख्त कार्रवाई की जा सके।

    इस संबंध में जोन के प्रतापगढ़, कौशांबी, फतेहपुर, बांदा, चित्रकूट, हमीरपुर के पुलिस कप्तानों को आवश्यक निर्देश दिए गए हैं।

    वाट्सएप पर ग्रुप बनाकर संभ्रांत लोगों को जोड़े

    बीट पुलिस अधिकारी वाट्सएप पर ग्रुप बनाकर उसमें अपने-अपने क्षेत्र के संभ्रांत लोगों को जोड़ेंगे। इममें अलग-अलग धर्म, जाति, पेशे के लोग शामिल रहेंगे। वह डिजिटल वालेंटियर, ग्राम प्रधान, चौकीदार, आशा बहू, रिटायर कर्मचारी, व्यापारी सहित अन्य क्षेत्र के लोगों की हर माह मीटिंग करेंगे। इस दौरान प्राप्त जानकारी के आधार पर सूचना भी संकलित करेंगे। बीट पुलिस अधिकारी को किसी तरह की सूचना मिलने पर उसकी जांच 24 घंटे के भीतर पूरी करेंगे।

    एसपी, एएसपी, सीओ करेंगे समीक्षा

    बीट पुलिस अधिकारी की समीक्षा बीट बुक के साथ जिले के एसपी, एएसपी और सीओ करेंगे। बीट और हल्का कर्मचारी की नियुक्ति एक वर्ष के लिए अनिवार्य रूप से की जाएगी। यह भी कहा गया है कि एक बीट में करीब चार हजार ग्रामीण और शहरी क्षेत्र में लगभग छह हजार की आबादी वाला क्षेत्र शामिल रहेगा। स्थानीय और भौगोलिक परिस्थिति के अनुसार महिला पुलिसकर्मियों की ड्यूटी बीट पुलिस अधिकारी के रूप में लगाई जाएगी।

    ,एडीजी जोन प्रयागराज, भानु भास्कर ने बताया

    बीट पुलिस की व्यवस्था को सुदृढ़ और प्रभावी बनाने के लिए कुछ बदलाव किए गए हैं। सभी पुलिस कप्तानों को निर्देश देते हुए इसे लागू किया गया है, ताकि कानून-व्यवस्था काे मजबूत बनाए रखते हुए अपराध व अपराधियों पर अंकुश लगाया जा सके।