IIT Madras के शिक्षक परिषदीय विद्यालय के बच्चों को निश्शुल्क शिक्षित कर रहे, माध्यम बना आनलाइन
प्रयागराज के परिषदीय विद्यालयों में अब बच्चे कान्वेंट स्कूलों की तरह अंग्रेजी और विज्ञान का ज्ञान प्राप्त कर रहे हैं। IIT Madras कक्षा छह से आठ तक के बच्चों के लिए आनलाइन कक्षाएं चला रहा है। इस कक्षाओं के माध्यम से अंग्रेजी और विज्ञान की समझ विकसित करने में मदद हो रही है।

जागरण संवाददाता, प्रयागराज। कान्वेंट स्कूलों से कदमताल करते हुए परिषदीय विद्यालय के बच्चे अंग्रेजी व विज्ञान का ज्ञानार्जन कर रहे हैं। अंग्रेजी की जटिलता, विज्ञान के रहस्य की गुत्थी सुलझाने में जुटे हैं। बच्चों का मार्गदर्शन कर रहा है IIT Madras।
परिषदीय स्कूलों में कक्षा छह से आठ तक के बच्चों की अंग्रेजी व विज्ञान की समझ विकसित करने के लिए आइआइटी मद्रास आनलाइन कक्षा चला रहा है। प्रतिदिन एक से दो बजे तक कक्षा का संचालन किया जा रहा है। इन कक्षाओं में उन स्कूलों के छात्र-छात्राएं शामिल हो रहे हैं जिनके पास आइसीटी लैब, स्मार्ट बोर्ड, स्मार्ट टीवी या इंटरनेट की व्यवस्था है।
खंड शिक्षाधिकारियों को निर्देशित किया गया है अधिक से अधिक स्कूलों के विद्यार्थियों को इस कार्यक्रम से जोड़ा जाए। इसके लिए संस्था विद्या शक्ति की ओर से समयसारिणी जारी की गई है। सोमवार को कक्षा छह के बच्चों को अंग्रेजी और विज्ञान पढ़ाया जा रहाा है। दोनों कक्षाएं 30-30 मिनट की हैं। इसी तरह मंगलवार को कक्षा सात की कक्षाएं हैं।
बुधवार को कक्षा आठ के बच्चे अंग्रेजी और विज्ञान पढ़ रहे हैं। यही क्रम सप्ताहभर चक्रवार चलता रहता है। शुक्रवार को उच्च प्राथमिक विद्यालय समोगर उरुवा के बच्चों ने अंग्रेजी की कक्षा में सब से पहले दक्षिण अफ्रीका के पहले राष्ट्रपति नेल्सन मंडेला के उन विचारों को जाना, जिसमें उन्होंने पढ़ाई को दुनिया का सबसे बड़ा हथियार बताया है। उसके बाद डंकी एंड डाग अध्याय के कठिन शब्द के अर्थ समझे। इन शब्दों में लोड अर्थात भार, सेड-छप्पर, लिक-चाटना, लिफ्ट-ऊपर उठना, पैट-थपथपाना, यूनिक-अद्वितीय शामिल रहे।
अध्याय के केंद्र में एक धोबी है। उसके बाद एक गधा और कुत्ता भी है। इसमें छात्र छात्राओं को शब्द के प्रयोग से लेकर उसके भाव तक समझाए गए। इसी तरह विज्ञान की कक्षा में मोम, कांच, चीनी, पत्ता, कोयला जैसी वस्तुओं के गुण के आधार पर सामग्री का वर्गीकरण समझाने की कोशिश की गई। बीएसए देवव्रत सिंह के अनुसार प्रथम चरण में विज्ञान और अंग्रेजी की कक्षाएं चल रही हैं।
एक वर्ष के लिए विद्या शक्ति का एमओयू अर्थात सहमति प्रपत्र हस्थाक्षर हुआ है। पहले चरण में प्रयागराज के साथ कानपुर देहात, लखनऊ, शामली, सीतापुर, अयोध्या, मेरठ और गोरखपुर जैसे जिलों को योजना का लाभ मिल रहा है। किसी विद्यालय में यदि किन्हीं कारणों से बच्चे लाइव क्लास में नहीं शामिल हो सके तो वह संस्था के यूट्यूब चैनल को सब्सक्राइब कर शिक्षण सामग्री का लाभ लेंगे। इन कक्षाओं की शुरुआत दो जुलाई से की गई है।
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