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    IIIT Allahabad Convocation : 20वें दीक्षा समारोह में 648 विद्यार्थियों को मिली डिग्री, 22 मेधावियों को पदक भी दिया गया

    Updated: Sat, 13 Sep 2025 07:47 PM (IST)

    IIIT Allahabad Convocation प्रयागराज में भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान इलाहाबाद के 20वें दीक्षांत समारोह में 648 छात्रों को डिग्रियां दी गईं। अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद के अध्यक्ष प्रो. टीजी सीताराम ने आत्मनिर्भर भारत पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि भारत नवाचार के क्षेत्र में आगे बढ़ रहा है। जेनकोवल स्ट्रेटजिक सर्विसेज के चेयरमैन दीपक घैसास ने छात्रों को उद्यमी बनने के लिए प्रेरित किया।

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    IIIT Allahabad Convocation इंडियन इंस्टीट्यूट आफ इंफार्मेशन टेक्नोलाजी इलाहाबाद में आयोजित दीक्षा समारोह में शामिल अथिति। जागरण

    जागरण संवाददाता, प्रयागराज। IIIT Allahabad Convocation भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान, इलाहाबाद के 20वें दीक्षांत समारोह में शनिवार को मुख्य सभागार, झलवा परिसर में कुल 648 छात्रों को डिग्रियां प्रदान की गईं। इस अवसर पर 22 मेधावी छात्रों को पदक भी प्रदान किए गए। समारोह में 440 स्नातक छात्र, 176 स्नातकोत्तर छात्र, 4 द्वैध डिग्री (एम.टेक व पीएचडी) छात्र तथा 28 शोधार्थियों को पीएचडी की उपाधि प्रदान की गई।

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    दीक्षा समारोह शनिवार को झलवा परिसर स्थित मुख्य सभागार में आयोजित हुआ। अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद, नई दिल्ली के अध्यक्ष प्रो. टीजी सीताराम मुख्य अतिथि रहे। उन्होंने कहा कि देश की आत्मनिर्भर भारत की यात्रा अभूतपूर्व ढंग से आगे बढ़ रही है।

    चंद्रयान-3 की सफलता से लेकर सूर्य के अध्ययन के लिए आदित्य-एल1 के प्रक्षेपण तक, भारत ने सिद्ध कर दिया है कि हम अनुयायी नहीं, बल्कि अग्रदूत हैं। रक्षा और एयरोस्पेस के क्षेत्र में ‘मेक इन इंडिया’ जेट इंजन, नौसैनिक पोत और उन्नत मिसाइल प्रणालियाँ हमारी सामरिक स्वतंत्रता को नई परिभाषा दे रही हैं।

    उन्होंने कहा कि आत्मनिर्भरता का अर्थ अलगाव नहीं है, बल्कि एकीकरण है। यह दुनिया से अपने दरवाजे बंद करने की बात नहीं, बल्कि वैश्विक मंच पर समानता के साथ खड़े होने की बात है। आत्मनिर्भरता का मतलब मानवता को योगदान देना है, केवल प्रतिस्पर्धा करना नहीं।

    डिजिटल क्षेत्र की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि यूपीआइ, आधार और डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर जैसी पहले न केवल शासन और सेवाओं में क्रांति ला रही हैं, बल्कि वैश्विक मानदंड भी स्थापित कर रही हैं। उन्होंने कहा कि सेमीकंडक्टर क्रांति भारत के लिए गेम-चेंजर साबित होगी, और वर्ष 2025 के अंत तक देश अपनी स्वयं की विनिर्माण क्षमताओं का अनावरण करेगा, जिससे डिजिटल भविष्य की नींव और मजबूत होगी।

    एआइसीटीई के अध्यक्ष प्रो. टीजी सीताराम ने कहा कि भारत में तकनीकी शिक्षा, अनुसंधान और नवाचार को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के माध्यम से नई ऊंचाइयों तक पहुंचाना है, जिसके लिए अभी ओपन एआइ के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं। यह समझौता भारत के लाखों विद्यार्थियों और शिक्षकों के लिए एआई की शक्ति को सुलभ और उपयोगी बनाएगा। ओपन एआई के सहयोग से हमारा लक्ष्य भारत को नवाचार और तकनीकी आत्मनिर्भरता की दिशा में अग्रसर करना है।

    प्रो. सीताराम ने चेतावनी दी कि अनियंत्रित शहरीकरण, वनों की कटाई और जलवायु उपेक्षा ने बाढ़, सूखा और प्राकृतिक आपदाओं की गंभीरता को और बढ़ा दिया है। उन्होंने कहा कि अभियंता, नवप्रवर्तक और जिम्मेदार नागरिक के रूप में हमें संकल्प लेना होगा कि हम हरित ऊर्जा को अपनाएंगे, आपदा-रोधी बुनियादी ढांचा विकसित करेंगे, सतत प्रौद्योगिकियाँ लाएँगे और सबसे बढ़कर विकास और पारिस्थितिकी के बीच संतुलन स्थापित करेंगे।

    प्रो. सीताराम ने छात्रों को प्रेरित करते हुए कहा, यह आपका क्षण है। यह भारत का क्षण है। मिलकर हम ऐसा राष्ट्र बनाएं जिस पर आने वाली पीढ़ियाँ गर्व करें। एक ऐसा राष्ट्र जहां ज्ञान का संगम विवेक से हो, नवाचार को करुणा दिशा दे और समृद्धि टिकाऊ विकास के साथ आगे बढ़े।

    जेनकोवल स्ट्रेटजिक सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड, मुंबई के चेयरमैन दीपक घैसास ने विशिष्ट अतिथि के रूप में संबोधित करते हुए कहा कि पिछले एक दशक में भारत ने चुपचाप लेकिन निर्णायक रूप से फ्रूगल इनोवेशन (साधारण नवाचार) के केंद्र से उभरकर डीप-टेक पावर हाउस का रूप ले लिया है।

    उन्होंने कहा कि भारत का इनोवेशन इकोसिस्टम अब परिपक्व हो रहा है, जिसे साहसिक नीतिगत हस्तक्षेपों, रणनीतिक निवेशों और तकनीकी आत्मनिर्भरता की दिशा में उठाए गए कदमों ने आकार दिया है। इससे देश एक भविष्य-तैयार अर्थव्यवस्था की ओर बढ़ रहा है। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि ऑपरेशन सिंदूर ने दुनिया के सामने भारत की रक्षा और रणनीतिक तकनीक में अद्भुत प्रगति को प्रदर्शित किया है।

    उन्होंने कहा कि आज भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा स्टार्ट-अप इकोसिस्टम है, जिसमें 1.7 लाख से अधिक पंजीकृत स्टार्ट-अप्स और 100 से ज्यादा यूनिकार्न शामिल हैं। जो कभी जुगाड़ के सहारे चलता था, वह आज संस्थागत सहयोग और संरचनात्मक नवाचार पर आधारित मजबूत प्रणाली बन गया है। स्टार्ट-अप्स न सिर्फ रोजगार पैदा कर रहे हैं, बल्कि टियर-2 और टियर-3 शहरों की आर्थिक बुनियाद को भी सुदृढ़ कर रहे हैं। मैं चाहता हूँ कि आप में से कई लोग उद्यमी बनकर इस आंदोलन का नेतृत्व करें।

    उन्होंने बताया कि डीप-टेक के क्षेत्र में निरंतर शोध एवं विकास की आवश्यकता है और जैसा कि वैश्विक अनुभव बताता है, अकादमिक उपलब्धियों को वाणिज्यिक रूप से सफल उत्पादों में बदलने के लिए समर्पित प्रयास बेहद जरूरी हैं।

    उन्होंने कहा कि ट्रिपल आइटी इलाहाबाद इस रूपांतरण की धुरी पर खड़ा है। यहां छात्रों को केवल कौशल ही नहीं, बल्कि जिज्ञासा, दृढ़ता और अनुसंधान संस्कृति से भी सशक्त बनाया जा रहा है, ताकि वे आने वाले कल की चुनौतियों का सामना कर सकें। यह संस्थान विद्यार्थियों को भारत के वैज्ञानिक और तकनीकी भविष्य के वास्तुकार के रूप में तैयार कर रहा है।

    उपाधि प्राप्त कर रहे विद्यार्थियों से उन्होंने कहा कि वे संस्थान के दूत के रूप में अपनी जिम्मेदारी निभाएं। केवल नौकरी पाने तक सीमित न रहें, बल्कि अपने ज्ञान और कौशल का उपयोग करके नए अवसर और रोजगार भी सृजित करें। उन्होंने छात्रों से आह्वान किया कि वे नवाचार, करुणा और समर्पण को अपनाकर समाज में सकारात्मक बदलाव लाएं और राष्ट्र की समृद्धि एवं कल्याण में स्थायी योगदान दें।

    मार्गन स्टैनली के उपाध्यक्ष तथा ट्रिपल आइटी इलाहाबाद के पूर्व छात्र कमलेश लोहटी ने बतौर गेस्ट ऑफ ऑनर कहा कि आज का यह अवसर केवल शैक्षणिक उपलब्धियों का उत्सव नहीं है, बल्कि साहस, धैर्य और महत्वाकांक्षा की उस भावना को भी सलाम है, जिसे आप सभी ने अपनी-अपनी यात्राओं में प्रदर्शित किया है।

    उन्होंने कहा कि आप ऐसे समय में स्नातक हो रहे हैं, जब अपार अवसरों के साथ-साथ कई बड़ी चुनौतियाँ भी सामने हैं। दुनिया को आज आपकी सोच, आपकी ऊर्जा, आपकी प्रतिभा, आपकी संवेदनशीलता और सबसे बढ़कर आपके नवाचार से भरे आशावादी दृष्टिकोण की आवश्यकता है। चाहे तकनीकी प्रगति हो, सामाजिक न्याय हो, जलवायु परिवर्तन हो या सामुदायिक निर्माण, हर नई शुरुआत साहस और धैर्य की मांग करती है। आपकी हर सफलता और हर असफलता उसी कहानी का अध्याय होगी, जिसे केवल आप ही लिख सकते हैं।

    ट्रिपल आइटी इलाहाबाद के नव निक्युत बोर्ड आफ गवर्नर्स के अध्यक्ष, अध्यक्ष, प्रो भीम सिंह ने कहा कि यह दीक्षांत समारोह आपकी कड़ी मेहनत, समर्पण और शिक्षा के प्रति अटूट प्रतिबद्धता का प्रमाण है। आपने चुनौतियों का सामना किया है, अपनी सीमाओं को आगे बढ़ाया है और लचीलेपन का प्रदर्शन किया है, ये गुण आपके भविष्य के प्रयासों में आपके बहुत काम आएंगे।

    बोले कि मुझे यकीन है कि आप अगली पीढ़ी की तकनीकों जैसे एआइ/एमएल/डीएल, 6जी नेटवर्क, साइबर सुरक्षा चुनौतियां, अल्ट्रा-लो पावर और हाई स्पीड सेमीकंडक्टर चिप डिजाइन और पैकेजिंग, क्वांटम कंप्यूटिंग आदि पर नजर रख रहे हैं। टेक्नो-डिज़ाइनर और टेक्नो-मैनेजर की भूमिका में आमूल-चूल परिवर्तन होने जा रहा है और केवल निरंतर सीखने और पुनः सीखने का चक्र ही अगली पीढ़ी के नौकरी चाहने वालों और नौकरी प्रदाताओं के लिए मददगार साबित होगा।

    ट्रिपल आइटी के निदेशक प्रो. मुकुल शरद सुतावने ने कहा कि आइआइआइटी इलाहाबाद देश का एक प्रमुख संस्थान है, जो सूचना प्रौद्योगिकी और इलेक्ट्रानिक्स एवं संचार इंजीनियरिंग में विशिष्ट स्नातक कार्यक्रमों के साथ ही रोबोटिक्स और मशीन इंटेलिजेंस, मानव-कंप्यूटर इंटरैक्शन, डेटा इंजीनियरिंग और डेटा साइंस, मशीन लर्निंग और इंटेलिजेंट सिस्टम, और साइबर लॉ/सूचना सुरक्षा जैसे उभरते क्षेत्रों में विशेष स्नातकोत्तर कार्यक्रम प्रदान करता है।

    संस्थान सूचना प्रौद्योगिकी और संबद्ध क्षेत्रों के सैद्धांतिक और व्यावहारिक दोनों आयामों के लिए एक ज्ञान केंद्र के रूप में कार्य करने की जिम्मेदारी वहन करता है। संस्थान ने शैक्षणिक वर्ष 2023-24 से सभी छात्रों के लिए एनईपी पाठ्यक्रम को सफलतापूर्वक लागू किया है। इसकी एक विशिष्ट विशेषता पाठ्यक्रम में एक अनिवार्य बहु-विषयक माइनर पाठ्यक्रम की शुरुआत की गई है, जो 160 क्रेडिट वाले बी.टेक. कार्यक्रम में सहज रूप से समाहित है। यह प्रावधान शिक्षार्थियों को उद्यमिता एवं नवाचार, अर्थशास्त्र एवं वित्त, भारतीय ज्ञान प्रणालियाँ, प्रदर्शन एवं ललित कलाएँ, और खुशी का विज्ञान जैसे विविध क्षेत्रों में माइनर पाठ्यक्रमों की एक विस्तृत श्रृंखला में से चुनने में सक्षम बनाता है।

    इससे पूर्व सीनेट हाल से सभागार तक अकादमिक यात्रा निकाली गई, जिसमें समस्त अतिथियों के साथ चेयरमैन, निदेशक, कुलसचिव, डीन, विभागाध्यक्ष, एनसीसी कैडेट व अन्य शामिल रहे। ट्रिपल आइटी रांची एवं जबलपुर के दोनों निदेशक उपस्थित रहे। कार्यक्रम की शुरुआत सरस्वती वंदना एवं दीप प्रज्वलन के साथ हुई।