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    यूपी बार कौंसिल चुनाव में शिकायतों की सुनवाई के लिए दो कमेटियां गठित, कमेटी के समक्ष अपनी बात रख सकेंगे

    By Jagran News Edited By: Brijesh Srivastava
    Updated: Sun, 14 Dec 2025 08:10 PM (IST)

    उत्तर प्रदेश बार काउंसिल के चुनाव में शिकायतों की सुनवाई के लिए दो उच्च स्तरीय समितियों का गठन किया गया है। हाई पावर इलेक्शन कमेटी और हाई पावर इलेक्शन ...और पढ़ें

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    यूपी बार काैंसिल चुनाव में शिकायतों की सुनवाई के लिए उच्च स्तरीय समितियां गठित कर दी गईं हैं। 

    जागरण संवाददाता, प्रयागराज। यूपी बार कौंसिल के चुनाव में प्रत्यक्ष पर्यवेक्षण के लिए सुप्रीम कोर्ट के दिशा-निर्देशों के अनुरूप हाईपावर इलेक्शन कमेटी तथा हाईपावर इलेक्शन सुपरवाइजरी कमेटी गठित की गई है। हाई पावर इलेक्शन कमेटी के निर्णय से क्षुब्ध लोग सुपरवाइजरी कमेटी के समक्ष अपनी बात रख सकेंगे। कौंसिल के सचिव राम किशोर शुक्ल ने रविवार को जारी विज्ञप्ति में यह जानकारी दी।

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    31 जनवरी 2026 तक मतदान, 28 फरवरी 2026 तक मतगणना

    इस बार 31 जनवरी 2026 तक मतदान चलेगा जबकि 28 फरवरी 2026 तक मतगणना होगी। हाईपावर इलेक्शन कमेटी में न्यायमूर्ति रविरंजन पूर्व मुख्य न्यायाधीश झारखंड हाई कोर्ट अध्यक्ष बनाए गए हैं। न्यायमूर्ति एआर मसूदी पूर्व न्यायाधीश इलाहाबाद हाई कोर्ट तथा न्यायमूर्ति रेखा पल्ली पूर्व न्यायाधीश दिल्ली हाई कोर्ट इसके सदस्य होंगे।

    छह दिसंबर को कमेटी की आनलाइन बैठक हुई थी

    हाईपावर इलेक्शन सुपरवाइजरी कमेटी के अध्यक्ष उच्चतम न्यायालय के पूर्व न्यायमूर्ति सुधांशु धूलिया होंगे। न्यायमूर्ति रविशंकर झा, पूर्व मुख्य न्यायाधीश, पंजाब एंड हरियाणा हाई कोर्ट तथा न्यायमूर्ति वी. गिरि, वरिष्ठ अधिवक्ता इस कमेटी के सदस्य होंगे। छह दिसंबर को हाई पावर इलेक्शन सुपरवाइजरी कमेटी की आनलाइन बैठक भी हुई थी।

    कमेटी के निर्णय के विरूद्ध याचिका स्वीकार नहीं होगी

    यूपी बार कौंसिल के सचिव के अनुसार निर्वाचन संबंधी किसी भी ग्रीवांस (शिकायत) के विरूद्ध हाईपावर इलेक्शन कमेटी के समक्ष आवेदन किया जा सकता है । इस कमेटी के निर्णय से क्षुब्ध होने पर हाईपावर इलेक्शन सुपरवाइजरी कमेटी के समक्ष आवेदन किया जा सकता है। कोई सिविल न्यायालय अथवा उच्च न्यायालय हाईपावर इलेक्शन सुपरवाइजरी कमेटी के निर्णय के विरूद्ध कोई याचिका स्वीकार नहीं करेंगे।