‘पति 6 लाख रुपये प्रति महीने कमाता है, बेटा पढ़ाने को गुजारा भत्ता चाहिए’, HC ने पति को भेजा नोटिस
पत्नी ने इलाहाबाद हाई कोर्ट में पति से गुजारा भत्ता माँगा क्योंकि वह अपने नाबालिग बेटे की शिक्षा का खर्च उठा रही है। ट्रायल कोर्ट ने पहले याचिका खारिज कर दी थी क्योंकि पत्नी के पास 20 लाख रुपये की एफडी थी। पत्नी का तर्क है कि पति हर महीने छह लाख रुपये कमाता है और उसे गुजारा भत्ता मिलना चाहिए।

विधि संवाददाता, प्रयागराज। प्रति महीने लगभग छह लाख रुपये कमाने वाले पति से नाबालिग बेटे की पढ़ाई के लिए अलग रह रही पत्नी ने गुजारा भत्ता दिए जाने की मांग के साथ इलाहाबाद हाई कोर्ट में गुहार लगाई है। न्यायमूर्ति सुभाषचंद्र शर्मा की एकलपीठ ने कानपुर नगर निवासी मीना कनौजिया की पुनरीक्षण याचिका पर प्रतिवादी (पति) अनीस कनौजिया को नोटिस जारी किया है और चार सप्ताह में जवाब मांगा है।
प्रकरण में अगली सुनवाई छह अगस्त 2025 को होगी। याची के अधिववक्ता ने कोर्ट को बताया कि ट्रायल कोर्ट ने धारा 125 सीआरपीसी के अंतर्गत गुजारे भत्ते के लिए किया गया आवेदन 28 अक्टूबर 2024 को इस आधार पर निरस्त कर दिया कि याची के पास 20 लाख रुपये की एफडी है और इससे वह अपना भरण पोषण कर सकती है।
याची पर्याप्त कारणों से पति से अलग रह रही है। उसका कहना है कि पति आयकर रिटर्न दाखिल करता है और वह प्रति महीने छह लाख रुपये से अधिक की आय अर्जित कर रहा है। याची का नाबालिग बेटा भी उसके साथ रह रहा है और शिक्षा प्राप्त कर रहा है। वह अपने बेटे का खर्च उठाती है। इसलिए, ट्रायल कोर्ट द्वारा पारित आदेश रद किया जाए और उसे भरण पोषण तथा बेटे की शिक्षा के लिए पति से भत्ता दिलाया जाए।
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