अतिक्रमण को लेकर PDA के रवैये पर हाईकोर्ट नाराज, पार्किंग-नाइट मार्केट पर पीडीए वीसी और स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट CEO से जवाब तलब
इलाहाबाद हाई कोर्ट ने प्रयागराज विकास प्राधिकरण (पीडीए) की अतिक्रमण और पार्किंग हटाने की कार्यप्रणाली पर नाराजगी जताई और अतिक्रमण हटाने में देर ...और पढ़ें

विधि संवाददाता, प्रयागराज। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने प्रयागराज विकास प्राधिकरण (पीडीए) की अतिक्रमण व पार्किंग को लेकर अपनाई गई कार्यप्रणाली पर नाराजगी जताई है और अतिक्रमण हटाने में देरी पर जवाब मांगा है। यह आदेश न्यायमूर्ति मनोज कुमार गुप्ता तथा न्यायमूर्ति सिद्धार्थ नंदन की खंडपीठ ने एक जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए दिया है।
पिछली सुनवाई पर पीडीए ने कहा था कि ‘उत्तर प्रदेश नगर योजना और विकास अधिनियम, 1973’ की धारा 27 के तहत अवैध निर्माणों पर नोटिस जारी कर आपत्तियां मांगी गई हैं। आगे जल्द निर्णय लिया जाएगा। कोर्ट ने इस पर पीडीए उपाध्यक्ष को नोटिस जारी कर पूछा था कि आश्वासन के बावजूद कार्रवाई में देरी क्यों की जा रही है? उपाध्यक्ष को हलफनामा दाखिल कर यह बताना होगा कि धारा 27 के तहत शुरू की गई कार्यवाही अभी लंबित है अथवा उन पर निर्णय ले लिया गया है।
कोर्ट ने क्या कहा?
कोर्ट ने कहा है कि जीटी रोड से नीमसराय कालोनी को जोड़ने वाली सड़क पर हुए अतिक्रमण को हटाने के लिए उठाए गए कदमों की भी जानकारी उपाध्यक्ष दें। कोर्ट ने यातायात व्यवस्था सुधारने को लेकर उठाए गए कदमों की भी जानकारी मांगी है। कोर्ट ने यह भी पूछा है कि कमला नेहरू रोड पर शैक्षणिक संस्थान के पास ‘नाइट मार्केट’ और ‘वेंडिंग एरिया’ किस आधार पर घोषित किया गया है।
स्मार्ट सिटी लिमिटेड के सीईओ को भी जवाब दाखिल करने का निर्देश खंडपीठ ने दिया है। अब जनवरी के तीसरे सप्ताह में इस याचिका को सुनवाई के लिए पेश करने किया जाएगा। संबंधित एजेंसियां अगली सुनवाई पर स्पष्टीकरण देंगी।

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