ग्राम पंचायतों में अतिक्रमण के खिलाफ प्रदेश व्यापी अभियान चलाया जाएः हाई कोर्ट
इलाहाबाद हाई कोर्ट ने राज्य सरकार को ग्राम पंचायतों में सार्वजनिक जमीनों से अतिक्रमण हटाने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने भूमि प्रबंधक समितियों के अध्यक्षों और सचिवों को अतिक्रमण की सूचना तहसीलदार को देने का आदेश दिया है, ताकि राजस्व संहिता की धारा 67 के तहत कार्रवाई हो सके। कोर्ट ने कानून का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।

विधि संवाददाता, प्रयागराज। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने राज्य सरकार को प्रदेश की ग्राम पंचायतों में लोकोपयोगी सार्वजनिक जमीनों से अतिक्रमण हटाने का निर्देश दिया है।
कोर्ट ने कहा है कि भूमि प्रबंधक समितियों के अध्यक्ष ग्राम प्रधान व सचिव लेखपाल को ऐसी सरकारी भूमि पर हुए अतिक्रमण की सूचना संबंधित तहसीलदार को दें ताकि वह राजस्व संहिता की धारा 67की कार्रवाई कर अवैध कब्जे दारों को बेदखल कर भूमि मूल स्वरूप में बहाली कर सके।
कोर्ट ने सभी जिलाधिकारियों व उप जिलाधिकारियों को निर्देश दिया है कि कानून की अवहेलना करने तथा विधिक दायित्व न निभाने वाले भूमि प्रबंधक समिति के अध्यक्ष व सचिव के खिलाफ कदाचार की विभागीय कार्यवाही करें। अध्यक्ष व सचिव अतिक्रमण की सूचना नहीं देते तो यह आपराधिक न्यास भंग, षड्यंत्र में शामिल होना व अवैध कब्जे के लिए उकसाने का अपराध माना जाएगा।
न्यायमूर्ति प्रवीण कुमार गिरि की एकलपीठ ने झांसी निवासी मुन्नीलाल उर्फ हरिसरन की याचिका निस्तारित करते हुए तल्ख टिप्पणियां की हैं। कहा है कि सड़क व रास्ते बिना जीवन की कल्पना नहीं की जा सकती।
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