Hepatitis Awareness : हेपेटाइटिस के खतरों से हो जाएं सावधान, कराएं लिवर की जांच, अगर ये लक्षण दिखे तो अनदेखी न करें
मोतीलाल नेहरू मेडिकल कालेज के डा. एसपी मिश्रा के अनुसार समय पर जांच और इलाज से हेपेटाइटिस बीमारी से बचा जा सकता है। भारत में क्रोनिक हेपेटाइटिस के मामले बढ़ रहे हैं। यह अदृश्य रोग है इसमें जब तक लिवर काफी अधिक खराब नहीं हो जाता तब तक बाहरी कोई लक्षण नहीं दिखते।

जागरण संवाददाता, प्रयागराज। चलने, दौड़ने या मामूली मेहनत करने पर ही थकान, भूख कम लगने, वजन घटने, पेट में सूजन, आंख और त्वचा में पीलापन यानी पीलिया से क्या आप भी बार-बार पीड़ित हो रहे हैं। अगर ऐसा है तो सतर्क हो जाएं। डाक्टर से संपर्क करके लिवर की जांच जरूर करा लें।
28 जुलाई को विश्व हेपेटाइटिस जागरूता दिवस
हो सकता है कि 'हेपेटाइटिस' शरीर को भीतर ही भीतर खोखला कर रही हो और इसके कोई बाहरी लक्षण नहीं होने पर आपको पता न चले। 28 जुलाई को विश्व हेपेटाइटिस जागरूकता दिवस के अवसर पर इस बीमारी पर विमर्श आवश्यक हो जाता है। यह समझ लेना आवश्यक है कि बीमारी कितनी घातक है।
समय पर जांच, पहचान व इलाज से ठीक हो सकती है बीमारी
मोतीलाल नेहरू मेडिकल कालेज के गैस्ट्रोएंटरोलाजिस्ट डा. एसपी मिश्र कहते हैं कि स्वरूपरानी नेहरू चिकित्सालय में हर वर्ष सैकड़ों मरीज इलाज कराते हैं। ये हेपेटाइटिस की वजह से लिवर की गंभीर बीमारियों से जूझ रहे होते हैं। समय पर जांच, समय रहते रोग की पहचान और समय से ही इलाज शुरू हो जाए तो खतरों से बचा जा सकता है और बीमारी भी ठीक हो सकती है।
हेपेटाइटिस अब भी खामोशी से जिंदगी निगल रही
डा. एसपी मिश्र ने बताया कि मेडिकल साइंस ने 21वीं सदी में कैंसर, हार्ट अटैक और डायबिटीज जैसी बीमारियों को नियंत्रण में रखने के लिए रास्ते खोज लिए हैं। वहीं हेपेटाइटिस अब भी खामोशी से लाखों जिंदगी को निगल रही है क्योंकि यह अदृश्य रोग है, इसमें जब तक लिवर काफी अधिक खराब नहीं हो जाता तब तक बाहरी कोई लक्षण नहीं दिखते।
क्रानिक हेपेटाइटिस के मामले में भारत शीर्ष पर
विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार दुनिया में 30 करोड़ से अधिक लोग क्रानिक हेपेटाइटिस बी या सी से ग्रसित हैं। चिंताजनक यह है कि भारत इस सूची में शीर्ष पर है। हेपेटाइटिस दरअसल लिवर में सूजन आने की बीमारी है। यह संक्रमण विशेष रूप से हेपेटाइटिस ए, बी, सी, डी और ई वायरस के कारण होता है। डा. एसपी मिश्रा कहते हैं कि हेपेटाइटिस बी और सी सबसे खतरनाक होते हैं। यह लिवर फेलियर, सिरोसिस और लिवर कैंसर का कारण बन सकते हैं।
40 वर्ष से अधिक आयु वाले कराएं जांच
यदि आप की अवस्था 40 साल से अधिक हो चुकी है, आपको किसी बीमारी की दशा में रक्त चढ़ा है या कोई सर्जरी हो चुकी है तो एक बार हेपेटाइटिस बी और सी की जांच कराना लेना आवश्यक है।
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