श्रीकृष्ण जन्मभूमि, शाही ईदगाह की जमीन अधिग्रहण की मांग पर चार को सुनवाई
बुधवार को हुई सुनवाई में कोर्ट ने राज्य सरकार से याचिका पर जानकारी मांगी। यह आदेश मुख्य न्यायमूर्ति प्रीतिंकर दिवाकर तथा न्यायमूर्ति आशुतोष श्रीवास्तव की बेंच ने दिया है। इस मामले में याची सुप्रीम कोर्ट की अधिवक्ता महक माहेश्वरी हैं। उनका कहना है कि समझौते के तहत कृष्ण जन्मभूमि की 13.37 एकड़ जमीन में 11.37 एकड़ जन्मभूमि मंदिर तथा शेष दो एकड़ भूमि शाही ईदगाह को सौंपा जाना गलत है।

विधि संवाददाता, प्रयागराज : मथुरा स्थित श्रीकृष्ण जन्मभूमि-शाही ईदगाह मस्जिद सहित पूरी भूमि का अधिग्रहण करने और ट्रस्ट बनाकर हिंदुओं को पूजा का अधिकार देने की मांग को लेकर दाखिल जनहित याचिका की सुनवाई अब चार सितंबर को होगी।
बुधवार को हुई सुनवाई में कोर्ट ने राज्य सरकार से याचिका पर जानकारी मांगी। यह आदेश मुख्य न्यायमूर्ति प्रीतिंकर दिवाकर तथा न्यायमूर्ति आशुतोष श्रीवास्तव की बेंच ने दिया है। इस मामले में याची सुप्रीम कोर्ट की अधिवक्ता महक माहेश्वरी हैं।
उनका कहना है कि एक समझौते के तहत कृष्ण जन्मभूमि की 13.37 एकड़ जमीन में 11.37 एकड़ जन्मभूमि मंदिर तथा शेष दो एकड़ भूमि शाही ईदगाह को सौंपा जाना गलत है। याचिका में परिसर का भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआइ) से साइंटिफिक सर्वे कराने की भी मांग की गई है। यह भी कहा गया है कि शाही ईदगाह परिसर हिंदुओं को सौंपा जाए।
याची का कहना है कि जहां शाही ईदगाह है वहीं द्वापर युग में कंस का कारागार था। इसमें भगवान श्रीकृष्ण का जन्म हुआ था। मंदिर को तोड़कर वहां शाही ईदगाह मस्जिद का निर्माण कराया गया है। अपर महाधिवक्ता मनीष गोयल ने राज्य सरकार का पक्ष रखा।
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