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    Hartalika Teej Vrat 2025 : शिव-पार्वती पूजन में खास मंत्रों का प्रयोग करें, शुभ मुहूर्त व पूजन विधि बता रहे ज्योतिर्विद

    Hartalika Teej Vrat 2025 प्रयागराज में यानी 25 अगस्त को हरतालिका तीज व्रत मनाया जाएगा। महिलाएं अखंड सौभाग्य और पति की दीर्घायु के लिए निर्जला व्रत रखेंगी। भाद्रपद शुक्लपक्ष की तृतीया तिथि 25 अगस्त को है। इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती की विशेष पूजा की जाती है। युवतियां भी अच्छे वर के लिए यह व्रत रखती हैं।

    By Amlendu Tripathi Edited By: Brijesh Srivastava Updated: Sun, 24 Aug 2025 02:21 PM (IST)
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    Hartalika Teej Vrat 2025 अखंड सौभाग्य के लिए 26 अगस्त को गौरा-पार्वती की स्तुति करेंगी सुहागिनें।

    जागरण संवाददाता, प्रयागराज। Hartalika Teej Vrat 2025 भाद्रपद शुक्लपक्ष की तृतीया तिथि पर मंगलवार को संयम, समर्पण व संस्कार की प्रतीक हरतालिका तीज पर्व मनाया जाएगा। अखंड सौभाग्य की प्राप्ति, पति की लंबी आयु के लिए महिलाएं निर्जला रहकर भजन-पूजन करेंगी। दोपहर बाद भगवान शिव, माता पार्वती की स्तुति करेंगी।

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    Hartalika Teej Vrat 2025 ज्योतिर्विद आचार्य देवेंद्र प्रसाद त्रिपाठी के अनुसार भाद्रपद शुक्लपक्ष की तृतीया तिथि 25 अगस्त की सुबह 11.39 बजे लगकर मंगलवार की दोपहर 12.40 बजे तक रहेगी। हरतालिका तीज व्रत में शाम को तृतीया व चतुर्थी तिथि का मिलन होना चाहिए। ऐसे में मंगलवार 26 अगस्त को हरतालिका तीज व्रत रखा जाएगा।

    मान्यता है कि भगवान शिव को पाने के लिए माता पार्वती ने हरतालिका तीज का निर्जला व्रत रखकर पूजन किया था। इससे उन्हें भगवान शिव मिले थे। यही कारण है कि महिलाएं निर्जला रहकर हाथों में मेहंदी रचाकर सोलह श्रृंगार करके शाम को भगवान शिव और माता पार्वती का पूजन करती हैं। वहीं, युवतियां योग्य वर की प्राप्ति के लिए हरतालिका तीज व्रत रखती हैं।

    विधि-विधान से करें पूजन

    Hartalika Teej Vrat 2025पाराशर ज्योतिष संस्थान के निदेशक आचार्य विद्याकांत पांडेय के अनुसार व्रत रखने वाली महिलाएं सुबह घर को स्वच्छ करके तोरण-मंडप से सजाएं। भगवान शंकर, माता पार्वती, रिद्धि-सिद्धि व गणेश जी की आकृति (प्रतिमा) को पवित्र चौकी पर विराजमान करें। पूर्व या उत्तर दिशा की ओर मुख होकर दाहिने हाथ में जल, चावल, सुपाड़ी, कुछ पैसा व फूल लेकर व्रत का संकल्प लें। माता पार्वती को मेहंदी, चूड़ी व सुहाग की सामग्री चढ़ाएं। भगवान शिव को फूल, बेलपत्र, शमी की पत्ती, धूप, दीप, गंध, चंदन, चावल, पुष्प, शहद, यज्ञोपवीत, धतूरा, कमल गट्टा अर्पित करके हरितालिका तीज कथा कहें अथवा सुनें।

    इन मंत्रों का करें जप

    आचार्य विद्याकांत पांडेय बताते हैं कि हरितालिका तीज व्रत में भगवान शिव व माता पार्वती को प्रसन्न करने के लिए कुछ मंत्रों का 108 बार जप करना चाहिए।

    माता पार्वती के लिए : ऊं उमायै नम:, पार्वत्यै नम:, जगद्धात्रयै नम:, शिवायै नम:, ब्रह्मरूपिण्यै नम: में किसी एक का जप करना चाहिए।

    भगवान शिव के लिए : ऊं हराय नम:, ऊं महेश्वराय नम:, ऊं शम्भवे नम:, ऊं शूलपाणये नम:, ऊं नम: शिवाय, ऊं पशुपतये नम: व ऊं महादेवाय नम: में किसी एक का 108 बार जप करना उत्तम रहेगा।