'विश्व की आधी आबादी लगा चुकी है डुबकी', CM योगी बोले- सनातन धर्म के हर आयोजन की भव्यता के लिए सरकार संकल्पबद्ध
मुख्यमंत्री ने आश्वस्त किया कि सनातन धर्म और महाकुंभ से जुड़े हर आयोजन को भव्यता प्रदान करने के लिए उनकी सरकार संकल्पबद्ध है। सनातन धर्म से जुड़े किसी भी आयोजन के लिए हम पूरी निष्ठा और समर्पण के साथ कार्य करेंगे जिससे यह आयोजन सफलता की नई ऊंचाइयों को छू सके। सीएम ने श्री कांची कामकोटि पीठ के शिविर में पहुंचकर शंकराचार्य शंकर विजयेंद्र सरस्वती से आशीर्वाद प्राप्त किया।

जागरण संवाददाता, महाकुंभनगर। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को महाकुंभ नगर में संतों से भेंट की। उन्होंने कहा कि महाकुंभ में अब तक विश्व के आधे से अधिक सनातन धर्मावलंबी स्नान कर चुके हैं, जो सनातन संस्कृति की अद्वितीय आस्था और शक्ति को दर्शाता है।
मुख्यमंत्री ने आश्वस्त किया कि सनातन धर्म और महाकुंभ से जुड़े हर आयोजन को भव्यता प्रदान करने के लिए उनकी सरकार संकल्पबद्ध है। सनातन धर्म से जुड़े किसी भी आयोजन के लिए हम पूरी निष्ठा और समर्पण के साथ कार्य करेंगे, जिससे यह आयोजन सफलता की नई ऊंचाइयों को छू सके।
मुख्यमंत्री सबसे पहले विष्णुस्वामी संप्रदाय की सतुआ बाबा पीठ पहुंचे, जहां जगदगुरु संतोषाचार्य जी महाराज ‘सतुआ बाबा’ से भेंट की। इसके बाद श्री कांची कामकोटि पीठ के शिविर में पहुंचकर शंकराचार्य शंकर विजयेंद्र सरस्वती से आशीर्वाद प्राप्त किया।
योगी ने कांची कामकोटि पीठ के योगदान की सराहना की
मुख्यमंत्री योगी ने कांची कामकोटि पीठ के योगदान की सराहना करते हुए कहा कि इस पीठ की परंपरा ने सनातन धर्म के जनजागरण व अभिवृद्धि में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। जब भी सनातन धर्म के सामने कोई संकट आया, कांची पीठ ने आगे बढ़कर उसका समाधान किया।
संगम स्नान करते शंकराचार्य स्वामी शंकर विजयेंद्र सरस्वती। सौ. शिष्य
उन्होंने कहा कि श्रीरामजन्मभूमि आंदोलन हो या नेपाल संकट, इस पीठ ने सदैव धर्म की रक्षा के लिए प्रयास किए हैं। महाकुंभ का उल्लेख करते हुए कहा कि अब तक 62 करोड़ श्रद्धालु संगम की त्रिवेणी में स्नान कर चुके हैं। आने वाले दिनों में यह संख्या और बढ़ेगी। पूरी दुनिया में कोई ऐसा मत, मजहब या संप्रदाय नहीं, जहां निश्चित समय पर इतनी बड़ी संख्या में लोग अपनी आस्था व्यक्त करने के लिए एकत्र होते हों।
महाकुंभ सनातन धर्म की दिव्यता और विराटता का प्रतीक है। योगी ने कांची कामकोटि पीठ के शिविर में ब्रह्मलीन शंकराचार्य स्वामी जयेंद्र सरस्वती को भावपूर्ण नमन किया। उनकी प्रतिमा पर माल्यार्पण करके आरती उतारी।
शंकराचार्य ने भव्य महाकुंभ व पुन: प्राचीन नाम प्रयागराज के लिए योगी की प्रशंसा की
शंकराचार्य शंकर विजयेंद्र सरस्वती ने महाकुंभ की व्यवस्थाओं के लिए मुख्यमंत्री की प्रशंसा की। कहा, सनातन ही विश्व की आदर्श संस्कृति है। महाकुंभ उसका जीवंत प्रमाण है। तीर्थराज प्रयाग में दुनियाभर के लोगों ने उसकी अनुभूति की है। शंकराचार्य ने मुख्यमंत्री योगी की सराहना की कि प्रयागराज के प्राचीन नाम को दोबारा स्थापित किया। कहा कि प्रत्येक कुंभ राष्ट्र को दिशा देता है।
महाकुंभ एकता का अद्वैत कुंभ है। रविवार सुबह प्रयागराज आए विजयेंद्र सरस्वती ने शिष्यों के साथ संगम स्नान किया। त्रिवेणी बांध स्थित शंकर विमान मंडपम् मंदिर आकर दर्शन-पूजन किया। शाम को वह त्रिची के लिए रवाना हो गए।
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