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    Prayagraj News: गंगा की कटान वाले क्षेत्र में शव दफनाने पर रहेगा पहरा, प्रशासन ने इस वजह से लिया फैसला

    Updated: Wed, 26 Jun 2024 12:47 PM (IST)

    संगम नगरी के फाफामऊ तथा सोनौटी गंगा घाट पर नगर निगम की एक टीम तैनात की जाएगी। यह टीम देखेगी कि कोई गंगा की कटान वाले क्षेत्र में शव नहीं दफनाए। प्रयागराज में अधिक बारिश के कारण रेत अंदर दबे शव दिखने लगते हैं। ऐसी स्थिति से बचने के लिए नगर निगम अलर्ट मूड में आ गया है। अब ऐसे क्षेत्रों में पहरा रहेगा।

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    अधिक बारिश होने पर रेत के अंदर दबे शव दिखने लगते हैं। (फाइल फोटो)

    संवाद सूत्र, फाफामऊ। बारिश और बाढ़ की संभावना निकट देख नगर निगम ने फाफामऊ तथा सोनौटी गंगा घाट पर टीमें तैनात कर दी हैं। यह टीमें गंगा की कटान वाले क्षेत्र में शव को दफनाए जाने से रोकेंगी, साथ ही उन शवों का दाह संस्कार कराएंगी जो पहले से दफनाए जा चुके हैं और बाढ़ के पानी के चलते होने वाली कटान से दिखने लगेंगे। निगम कर्मियों के अलावा सेवानिवृत्त सैनिकों और सफाई कर्मियों की ड्यूटी लगा दी गई है।

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    दरअसल गंगा घाट पर ग्रामीण क्षेत्रों से लाए जाने वाले तमाम शव रेत में दफना दिए जाते हैं। इसके पीछे पुरानी परंपरा और वर्तमान में आर्थिक कमजोरी, प्रमुख कारण हैं। जो शव दफन रहते हैं गंगा नदी में बाढ़ आने, मिट्टी कटान होने से वह दिखने लगते हैं।

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    ऐसे शवों का दाह संस्कार कराने का दायित्व नगर निगम ने बीते कुछ वर्षों में संभाला है। वर्तमान में बारिश दूसरे जिलों व पहाड़ी राज्यों में होने लगी है। इससे नदी में पानी बढ़ने के आसार अभी से जताए जाने लगे हैं। शवों के रेत में दिखने की स्थिति फिर से न आने पाए, जो शव दिखें तो उनका दाह संस्कार कराया जाए, इसके लिए नगर निगम सतर्क हो गया है। मंगलवार को शव दफनाने आए कुछ लोगों को समझाते हुए टीम ने दाह संस्कार के लिए प्रेरित किया।

    अपर नगर आयुक्त अरविंद कुमार राय को नोडल अधिकारी बनाया गया है। नीरज कुमार सिंह को पर्यवेक्षणीय अधिकारी, कर्नल दिनेश तंवर को सह पर्यवेक्षणीय अधिकारी अधिशाषी अभियंता अजीत कुमार को व्यवस्था अधिकारी बनाया गया है। इनके नेतृत्व में फाफामऊ तथा सोनौटी घाट पर अलग-अलग टीमें बनाई गई हैं।

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    पर्यवेक्षणीय अधिकारी नीरज कुमार सिंह ने बताया कि शव गंगा किनारे रेत में दफनाने की बहुत पुरानी पंरपरा है। उस पर रोक लगाना कठिन है, बाढ़ के चलते कटान होने पर शव दिखने लगते हैं इसलिए कटान वाले क्षेत्र में शव न दफनाने के लिए प्रेरित किया जा रहा है।

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