राष्ट्रपति के आगमन से संगम में रोका गया नावों का संचालन
द्रौपदी मुर्मू के संगम स्नान अक्षयवट व हनुमान मंदिर में दर्शन और पूजन समेत अन्य कार्यक्रमों के चलते सोमवार की सुबह से नावों के संचालन पर रोक है। ये प्रतिबंध कब तक रहेगा इसे लेकर स्थिति स्पष्ट नहीं की जा रही है। इसके कारण उन श्रद्धालुओं को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा जो नाव व मोटर बोट से संगम में स्नान करने जाने वाले थे।

जागरण संवाददाता, महाकुंभ नगर। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के संगम स्नान, अक्षयवट व हनुमान मंदिर में दर्शन और पूजन समेत अन्य कार्यक्रमों के चलते सोमवार की सुबह से नावों के संचालन पर रोक है। ये प्रतिबंध कब तक रहेगा इसे लेकर स्थिति स्पष्ट नहीं की जा रही है।
इसके कारण उन श्रद्धालुओं को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा, जो नाव व मोटर बोट से संगम में स्नान करने जाने वाले थे। काफी संख्या में लोग गऊघाट, बलुआघाट और बोट क्लब से नावों की बुकिंग भी करा चुके थे।
15 से 75 हजार रुपये का भुगतान कर चुके थे लोग
इसके लिए वे 15 से 75 हजार रुपये तक पहले से भुगतान कर चुके थे। उनका सोमवार को दिन में नाव व मोटर बोट से बीच संगम जाने और वहां डुबकी लगाकर शाम तक घर लौटने के लिए ट्रेन, बस व हवाई जहाज के टिकट भी बुक थे।
बोट क्लब पर सुबह से है स्नानार्थियों की भीड़
बोट क्लब पर तो सुबह से ही स्नानार्थियों की भीड़ जुटी थी। किला घाट, वीआइपी घाट तथा अरैल के विभिन्न घाटों पर भी काफी भीड़ थी, जो दिन भर नाव का इंतजार करते रहे।
संगम नोज पर स्नान जारी
हालांकि संगम नोज पर स्नान जारी है। राष्ट्रपति के प्रोटोकॉल के चलते नावों के संचालन पर मेला पुलिस ने रोक लगाई है। राष्ट्रपति के स्नान और गंगा पूजा के दौरान नावों के संचालन पर रोक लगाने की पहले पुलिस ने जानकारी नाविकों को दी थी मगर सोमवार सुबह निर्देश जारी कर दिया गया कि पूरे दिन नावों और मोटर बोट का संचालन नहीं होगा।
पांच फरवरी को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आए थे और उन्होंने संगम में डुबकी लगाई थी, उस दिन सिर्फ उनके स्नान, ध्यान और पूजा-पाठ के दौरान ही नावों के संचालन पर रोक लगी थी।
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