बेसिक शिक्षा में भर्ती का पता नहीं, डीएलएड से छात्र-छात्राओं का मोह घटा, प्रदेश में एक लाख से ज्यादा सीटें रिक्त रहना तय?
उत्तर प्रदेश में बेसिक शिक्षा में सहायक अध्यापकों की भर्ती न होने से डीएलएड में छात्रों का रुझान घट रहा है। सुप्रीम कोर्ट में 52,000 पद रिक्त होने के ...और पढ़ें

बेसिक शिक्षा में सात वर्षों से कोई भी शिक्षक भर्ती नहीं निकली, अब डीएलएड के प्रति छात्र-छात्राओं का रुझान कम हो रहा है।
राज्य ब्यूरो, जागरण, प्रयागराज। बेसिक शिक्षा में सहायक अध्यापकों की भर्ती के लिए अनिवार्य योग्यता डिप्लोमा इन एलीमेंट्री एजूकेशन (डीएलएड) प्रशिक्षण तो हर साल प्रवेश लेकर कराया जा रहा है, लेकिन सात साल से कोई शिक्षक भर्ती नहीं आने से छात्र-छात्राओं का रुझान इससे घट रहा है।
दो वर्ष में प्रवेश लेने वालों की संख्या बढ़ गई थी
सुप्रीम कोर्ट में एक सुनवाई के दौरान बेसिक शिक्षा विभाग की ओर से दिए गए हलफनामे में करीब 52,000 पद रिक्त बताए जाने पर पिछले दो वर्ष में प्रवेश लेने वालों की संख्या बढ़ गई थी, लेकिन अब विद्यालयों में छात्र-शिक्षक अनुपात समान बताए जाने पर प्रवेश को लेकर इस बार ग्राफ फिर गिर गया है।
एक लाख से ज्यादा सीटें रिक्त रहना तय है
सत्र 2025 में डीएलएड में प्रवेश के लिए उत्तर प्रदेश परीक्षा नियामक प्राधिकारी (पीएनपी) सचिव अनिल भूषण चतुर्वेदी ने आनलाइन पंजीकरण की प्रक्रिया पूर्ण कराई। प्रदेश के कुल 3,371 डीएलएड संस्थानों की 2,39,500 सीटों के सापेक्ष केवल 1,38,857 छात्र-छात्राओं ने पंजीकरण कराए। इसके सापेक्ष शुल्क केवल 1,25,333 ने ही जमा किए। इस तरह एक लाख से ज्यादा सीटें रिक्त रहना तय है।
बेसिक शिक्षा में 2018 के बाद से भर्ती नहीं आई
शिक्षक भर्ती की स्थिति यह है कि बेसिक शिक्षा में 2018 के बाद से भर्ती नहीं आई। कुछ माह पहले सदन में बेसिक शिक्षा मंत्री ने एक प्रश्न के जवाब में कहा था कि विद्यालयों में छात्र-शिक्षक अनुपात समान हैं। इस तरह जल्दी भर्ती की उम्मीद भी नहीं है। यह भर्ती परीक्षा अब तक पीएनपी कराता रहा है, लेकिन यह दायित्व अब उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग को दे दिया है। इस तरह इस भर्ती को लेकर अभी नियमावली ही नहीं बनी है, इसलिए पद रिक्त होने पर भी भर्ती में देरी तय है।
डीएलएड में सीटों के सापेक्ष प्रवेश की स्थिति
प्रशिक्षण वर्ष कुल सीटें कुल प्रवेश
2017 2,11,550 1,91,156
2018 2,42,300 1,65,371
2019 2,42,200 1,82761
2020 कोविड के कारण सत्र शून्य
2021 2,42,200 1,24,849
2022 2,27,125 1,08,030
2023 2,38,800 1,92,759
2024 2,39,500 1,91,162

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