दहेज हत्या में पति की उम्रकैद की सजा 10 साल में तब्दील, HC ने रिहा करने का दिया आदेश
इलाहाबाद हाई कोर्ट ने दहेज हत्या के मामले में पति की उम्रकैद की सजा को घटाकर 10 साल कर दी, क्योंकि उसने 14 साल जेल में बिताए थे। सास को मिली 10 साल की सजा भी रद्द कर दी गई। न्यायमूर्ति राजीव गुप्ता और न्यायमूर्ति समित गोपाल की खंडपीठ ने यह फैसला सुनाया।

विधि संवाददाता, प्रयागराज। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने दहेज हत्या में सत्र अदालत गाजियाबाद से मिली उम्रकैद की सजा को 10 साल की कैद में तब्दील कर दिया है। अभियुक्त पति चंद्रपाल उर्फ रचित ने 14 साल जेल में बिताए हैं, इसलिए उसे तत्काल रिहा करने का निर्देश दिया है।
कोर्ट ने सास अतरकली को मिली 10 साल की कैद की सजा भी रद कर दी है। वह जमानत पर है। इसलिए बंधपत्र उन्मोचित करने का आदेश दिया है।
यह आदेश न्यायमूर्ति राजीव गुप्ता तथा न्यायमूर्ति समित गोपाल की खंडपीठ ने दहेज उत्पीड़न व हत्या के अभियुक्तों की जेल अपील को आंशिक व पूर्ण रूप से स्वीकार करते हुए दिया है।

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।