Prayagraj News : दीपावली पर दिल्ली-मुंबई का Flight Fare दोगुना, ट्रेनों में सीट नहीं, घर कैसे पहुंचेंगे... सता रही चिंता
दीपावली के आसपास ट्रेनों में सीटें फुल है तो विमान का किराया बढ़ गया है। मुंबई और दिल्ली जैसे रूटों पर 17 से 19 अक्टूबर के बीच किराया दोगुना हो गया है। प्रयागराज से अन्य शहरों का किराया भी काफी बढ़ गया है। महाकुंभ के बाद उड़ानों की संख्या घटने से यात्रियों के पास विकल्प कम हो गए हैं जिससे किराए में वृद्धि हुई है।
जागरण संवाददाता, प्रयागराज। दूर-दराज शहरों में नौकरीपेशा या फिर व्यापार करने वाले लोगों के लिए इस बार दीपावली पर्व पर घर पहुंचना आसान नहीं होगा। ऐसा इसलिए कि ट्रेनों में सीट नहीं मिल रही है। वहीं अब हवाई जहाज का भी टिकट आम लोगों के लिए वहन करना आसान नहीं है। ऐसे में लोग सोचने पर विवश हैं।
दीपावली पर राजधानी, वंदे भारत समेत मेल-एक्सप्रेस में दिल्ली-मुंबई रूट पर सभी ट्रेनें रिग्रेट हो चुकी हैं। अब विमान का किराया भी बढ़ने लगा है। ऐसे में दीपावली पर घर आने वाले यात्रियों को इस बार खूब जेब ढीली करनी पड़ेगी।
अभी 5000 रुपये है मुंबई का किराया
दीपावली 20 अक्टूबर को मनाई जानी है और इसकी आस-पास की तिथियों में मुंबई-दिल्ली जैसे प्रमुख रूटों का किराया दोगुना हो गया है। 17 अक्टूबर के आसपास से किराया आसमान छूने लगेगा। अभी मुंबई का किराया चार से पांच हजार रुपये के बीच चल रहा है, अगस्त से लेकर सितंबर और अक्टूबर के प्रथम पखवारे तक अधिकतम किराया छह हजार के आसपास ही है।
17 से 19 अक्टूबर तक किराया 13 हजार रुपये
17 से 19 अक्टूबर तक यह किराया बढ़कर 13 हजार पहुंच गया है। यही स्थिति दिल्ली रूट पर भी है, यहां भी किराया औसतन चार से पांच हजार के सापेक्ष 12 हजार पार कर गया है। वहीं, प्रयागराज की ओर से भी इन दोनों शहरों के लिए किराया लगभग इसी औसत में है। इसके अलावा बेंगलुरु से प्रयागराज का किराया 17 से 19 अक्टूबर तक 14 हजार से 17 हजार रुपये के बीच में है।
20 अक्टूबर को भुवनेश्वर का 19 हजार रुपये
17 से 19 अक्टूबर तक हैदराबाद का किराया 13 से 15 हजार रुपये है। 17 अक्टूबर को ही रायपुर से प्रयागराज का किराया 13 हजार रुपये पहुंच गया है। वहीं, भुवनेश्वर से यहां का किराया 20 अक्टूबर को 19 हजार रुपये हो गया है। प्रयागराज एयरपोर्ट से अभी सात शहरों के लिए विमान सेवा उपलब्ध है। इसमें बिलासपुर के लिए विमान दिल्ली से आने के बाद जाता है, जबकि अन्य सभी उड़ाने सीधे हैं। यह किराया फ्लैक्सी फेयर पर आधारित है, यानी जैसे-जैसे विमान में सीटें कम होंगी किराया बढ़ता जाएगा।
उड़ानें कम होने से बढ़ रहा किराया
महाकुंभ के दौरान प्रयागराज से 17 शहरों के लिए सीधी उड़ान थी, जबकि कनेक्टिंग शहरों की संख्या 31 हो गई थी। लेकिन महाकुंभ के बाद उड़ानों के बंद होने का क्रम शुरू हुआ तो अब यहां से मात्र साथ शहरों के लिए विमान सेवा उपलब्ध है। महाकुंभ के दौरान प्रयागराज से रायपुर, बिलासपुर, जयपुर, जम्मू, गुवाहाटी, कोलकाता, भुवनेश्वर, दिल्ली, देहरादून, पुणे, मुंबई, बेंग्लुरु, चेन्नई, अहमदाबाद, हैदराबाद, चंडीगढ़, लखनऊ के लिए सीधी उड़ान उपलब्ध थी और महाकुंभ की अवधि में 48 दिन में 5,363 उड़ान और 574,788 यात्रियों का आवागमन हुआ था।
विकल्प घटने से बढ़ रहा किराया
17 फरवरी से 26 फरवरी तक हर दिन एयरपोर्ट से 200 से अधिक उड़ाने रिकार्ड की गई थी। 16 फरवरी से 25 फरवरी तक हर दिन 20 हजार से अधिक यात्रियों का आवागमन हुआ था। उड़ानों की संख्या कम होने से अब विकल्प घटे हैं, जिससे किराया बढ़ रहा है।
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