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    आपका बेटा अरेस्ट हो चुका है, पैसे देकर छुड़वाना चाहते हो या नहीं?...पाकिस्तान से आई कॉल से मचा हड़कंप!

    Updated: Wed, 20 Aug 2025 05:45 PM (IST)

    प्रतापगढ़ में पाकिस्तानी साइबर अपराधियों ने पुलिस अधिकारी बनकर ठगी करने का प्रयास किया। विजयकांत पांडेय नामक व्यक्ति को पाकिस्तान से कॉल आई जिसमें उनके बेटे को गिरफ्तार बताने की धमकी दी गई। विजयकांत की सतर्कता से ठगी विफल रही। पुलिस ने लोगों को अनजान कॉल्स से सावधान रहने और निजी जानकारी साझा न करने की सलाह दी है।

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    प्रतापगढ़ में पाकिस्तानी साइबर अपराधियों ने पुलिस अधिकारी बन ठगी करने की कोशिश की।- जागरण

    जागरण संवाददाता, प्रतापगढ़ : साइबर अपराधी दूसरे देश से सीधे कॉल करके वसूली का प्रयास कर रहे हैं। जो सतर्क हैं, वह तो बच जा रहे हैं, लेकिन जो सावधान नहीं हैं वह ठगी में फंस जा रहे हैं। रानीगंज के खाखापुर में पाकिस्तानी साइबर अपराधियों की सक्रियता ने स्थानीय निवासियों में दहशत पैदा कर दी है। यह अपराधी लोगों को डिजिटल अरेस्ट करने में लगे हैं।

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    पाकिस्तान से आई ठगी की कॉल

    पुलिस अधिकारी बनकर फोन कॉल के जरिए ठगी करने की कोशिश का नया मामला बुधवार को सामने आया। गांव के रहने वाले विजयकांत पांडेय को एक संदिग्ध कॉल आई। सुबह करीब 10 बजे मोबाइल पर 923062176133 नंबर से एक कॉल आई। इस नंबर का देश कोड 92 लिखा था, जो पाकिस्तान का है।

    पिता ने दिया करारा जवाब

    फोन करने वाले ने खुद को पुलिस अधिकारी बताते हुए धमकी दी, कहा कि आपका बेटा क्राइम में अरेस्ट हो गया है। अब बताइए, क्या करना है? पैसे देकर उसे छुड़ाना चाहते हैं या बड़े साहब के पास भेज दूं। विजयकांत पहले से ही इस तरह की ठगी की खबरों से सतर्क थे। ऐसे में उन्होंने कहा कि हमें नहीं छुड़वाना, जहां चाहो भेज दो।

    ऐसा जवाब सुनते ही कॉल कट हो गई। यही नहीं कॉल कटते ही वह नंबर विजयकांत के मोबाइल से अपने आप ही डिलीट हो गया। पीड़ित ने बातचीत के दौरान स्क्रीनशाट ले लिया था, जिसमें कॉलर की डिस्प्ले पिक्चर (डीपी) पर पुलिस की वर्दी में एक व्यक्ति की तस्वीर दिखाई दे रही थी। यह घटना कोई इकलौती नहीं है। हाल के महीनों में प्रतापगढ़ और आसपास के क्षेत्रों में ऐसी कई शिकायतें सामने आई हैं, जहां साइबर ठग विदेशी नंबरों से कॉल करके लोगों को डराने और पैसे ऐंठने की कोशिश कर रहे हैं।

    ऐसी कॉल्स से रहें सावधान!

    साइबर अपराधी आमतौर पर डिजिटल अरेस्ट, मनी लांड्रिंग या परिवार के किसी सदस्य के गिरफ्तार होने जैसे झूठे दावे करके लोगों को भावनात्मक रूप से ब्लैकमेल करते हैं। साइबर थाना प्रभारी दिवाकर सिंह बताते हैं कि ये कॉल्स वाट्सएप या अन्य इंटरनेट-आधारित सिस्टम के जरिए की जाती हैं, जिससे नंबर को ट्रेस करना मुश्किल हो जाता है।

    इस मामले में कॉलर नंबर को तुरंत डिलीट होने की तकनीक का इस्तेमाल करते हैं। बेहतर होगा कि अनजान नंबरों से आने वाली कॉल्स पर भरोसा न करें। तुरंत पुलिस को सूचित करें। ठगी से बचने के लिए अपने निजी और बैंकिंग विवरण किसी के साथ साझा न करें। साथ ही, ऐसी कॉल्स का स्क्रीनशाट या रिकार्डिंग भी कर लें। तुरंत नजदीकी थाने या साइबर क्राइम हेल्पलाइन नंबर 1930 पर संपर्क करें।