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    नाव से ले गए कंबोडिया, गुलाम बनाकर दी यातनाएं, साइबर अपराधियों के जाल में फंसे मो. फहद अंसारी ने बयां की दास्तां

    Updated: Tue, 29 Jul 2025 05:40 PM (IST)

    प्रयागराज के मोहम्मद फहद अंसारी को साइबर अपराधियों ने कंबोडिया में बंधक बनाकर प्रताड़ित किया। भारतीय दूतावास की मदद से वह स्वदेश लौटा। उसने पुलिस को कई अहम जानकारियां दी हैं जिसके आधार पर पुलिस जांच कर रही है। पुलिस ने एक एजेंट को गिरफ्तार किया है और अन्य की तलाश जारी है।

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    साइबर अपराध पीड़ितों की पीड़ा: प्रयागराज का युवक कंबोडिया में फंसा

    जागरण संवाददाता, प्रयागराज। साइबर अपराधियों के जाल में फंसे मो. फहद अंसारी को नाव से कंबोडिया ले जाया गया। इसके बाद साइबर गुलाम कई तरह की यातनाएं दी गई हैं। साइबर ठगी करते-करते जब वह परेशान हो गया तो भारत वापस भेजने की बात कही। इस पर उसे एक कमरे में बंद कर दिया गया और मानसिक व शारीरिक रूप परेशान किया गया।

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    भारत सरकार ने विशेष व्यवस्था करा स्वदेश बुलवाया

    फहद अंसारी की तरह कई और भी युवक थे, जिन्हें साइबर गुलाम बनाया गया था। एक दिन सभी युवक किसी तरह वहां से भाग निकले तो कंबोडिया पुलिस ने गिरफ्तार करके जेल भेज दिया। तीन दिनों तक जेल में रहने के दौरान भारतीय दूतावास से संपर्क हुआ, जिसके बाद भारत सरकार ने विशेष व्यवस्था करवाकर उन्हें स्वदेश बुलवाया।

    एसीपी करेली के सामने चौंकाने वाली दी जानकारी 

    पीड़ित फहद अंसारी ने एसीपी करेली राजकुमार मीना के सामने पूछताछ के दौरान कई चौंकाने वाली जानकारी दी है। साथ ही साइबर अपराधियों के नेटवर्क में शामिल कई अन्य का नाम बताया है। इसके आधार पर पुलिस चेन में शामिल सभी लोगों को ब्योरा खंगाल रही है।

    वापस जाने की बात करने पर प्रताड़ित करते थे 

    फहद ने बताया कि प्रयागराज से दिल्ली पहुंचने के बाद उसे फ्लाइट से थाईलैंड ले जाया गया। इसके बाद बस से म्यामार तक पहुंचाया गया। वहां से नाव के जरिए कंबोडिया ले जाया गया, जहां पर एक विशेष जगह पर ठहराया गया। वहां पहुंचते ही पासपोर्ट और दूसरे कागजात जब्त कर लिए गए। मोबाइल को फार्मेट कर दिया गया। काल सेंटर में मौजूद चाइनीज नागरिक डाटा देते थे और फिर साइबर गुलाम से आनलाइन ठगी करवाते थे। समय पर खाना और दूसरी सुविधा भी नहीं दी जाती है। वापस जाने की बात करने पर प्रताड़ित करने लगते थे।

    कई लोगों को विदेश भेज चुका है शीबू

    पुलिस का कहना है कि विदेश में नौकरी दिलवाने के नाम पर मो. शीबू उर्फ शमशुज जोहा कई लोगों को विदेश भेज चुका है। वह ज्यादातर बेरोजगार युवकों को सऊदी अरब और दूसरे खाड़ी देशों में भेजता था। पहली बार उसने किसी युवक को कंबोडिया भेजा था। यूपी में शीबू पहला एजेंट है कि जिसकी गिरफ्तारी हुई है। उससे पूछताछ में कई अहम जानकारी मिली है, जिसके आधार पर जांच को आगे बढ़ाया जा रहा है। शीबू के बैंक खाते में जमा रकम को भी फ्रीज करवा दिया गया है।

    एक की गिरफ्तारी, अन्य की तलाश 

    डीसीपी सिटी अभिषेक भारती ने बताया कि बेरोजगार युवकों को कंबोडिया भेजकर साइबर गुलाम बनाए जाने के मामले में एक एजेंट की गिरफ्तारी की गई है। इस मामले में कई अन्य की तलाश की जा रही है। उनके पकड़े जाने के बाद गिरोह से जुड़े अहम राज सामने आएंगे।