हाई कोर्ट का जज, मंत्री और अधिकारी बनकर ठगी करने वाले गिरोह का भंडाफोड़, इन तरीकों से लोगों को फंसाते थे
प्रयागराज पुलिस ने एक ऐसे साइबर अपराध गिरोह का भंडाफोड़ किया है जो हाईकोर्ट के जज मंत्री सांसद और सीनियर अधिकारी बनकर लोगों से ठगी करते थे। गिरोह के सरगना अशोक कुमार और उसके पांच साथियों को गिरफ्तार किया गया है। इनके खिलाफ देश के 15 राज्यों में 9607 साइबर शिकायतें दर्ज हैं। गिरोह के सदस्य अलग-अलग तरीकों से लोगों को झांसा देकर ठगी करते थे।

जागरण संवाददाता, प्रयागराज। हाई कोर्ट का जज, मंत्री, सांसद और सीनियर अधिकारी बनकर साइबर ठगी करने वाले गिरोह का आखिरकार भंडाफोड़ हो गया है। साइबर थाने की पुलिस ने गैंग के बिहार निवासी सरगना अशोक कुमार और उसके पांच साथियों को गिरफ्तार करते हुए राजफाश किया है।
इसी गिरोह ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के एक न्यायमूर्ति के नाम से देवरिया के विधायक से पैसे मांगे थे। अभियुक्तों के खिलाफ देश के 15 राज्यों में 9607 साइबर शिकायत हुई थी, जिसको लेकर अब शिकंजा कसा गया है।
डीसीपी कुलदीप सिंह गुनावत ने बताया कि साइबर अपराधियों के एक संगठित गिरोह द्वारा न्यायाधीश, सांसद, सीनियर अधिकारी बनकर पैसे की मांग की जाती थी। एक न्यायाधीश के संबंध में प्राप्त शिकायत के आधार पर जनवरी 2025 में अभियोग पंजीकृत किया गया था। इसके बाद प्रभारी निरीक्षक साइबर थाना राजीव तिवारी, इंस्पेक्टर मो. आलमगीर की टीम को विवेचना व गिरफ्तारी के लिए लगाया गया था।
साइबर थाने की पुलिस ने जांच को आगे बढ़ाते हुए कुछ सुराग जुटाए। इसके बाद सरगना और उसके पांच साथियों को दबोच लिया। अभियुक्तों के पास से मोबाइल, डायरी सहित तमाम सामग्री बरामद की गई है। डीसीपी का कहना है कि गिरोह के साइबर अपराधी अलग-अलग तरह का झांसा देकर लोगों से ठगी करते थे।
साइबर हेल्पलाइन 1930 पर कुल 9607 साइबर शिकायत हुई थी। साइबर अपराधियों ने ठगी के लिए 52 अकाउंट इस्तेमाल किया था, जिसके बारे में और जानकारी जुटाई जा रही है।
ऐसे काम करता था गिरोह
पूछताछ में पता चला है कि गिरोह तीन तरीके से काम करता था। पहली टीम भोले-भाले गरीब लोगों को कुछ पैसों का लालच देकर उनके बैंक खाते खुलवाती थी। फिर खाता खुलने के बाद उनसे एटीएम, पासबुक, चेकबुक एवं अकाउंट से संबंधित सिम ले लेते थे।
दूसरी टीम कालिंग का काम करती थी, जो कि लोगों को काल करके उनको झांसे में फंसाती और खाते में पैसे डलवाती थी। यही टीम इंटरनेट अधिकारियों सहित अन्य लोगों की जानकारी करके उनके परिचितों को संबंधित अधिकारी बता कर पैसे की मांग किया करती थी।
तीसरी टीम द्वारा साइबर ठगी के पैसों को निकालने का काम करती थी। गिरोह के सदस्य भिन्न-भिन्न एटीएम में जा-जाकर पैसे निकालकर सरगना को देते थे। उसके बाद वह सभी को कमीशन के हिसाब से पैसे देता था। पुलिस का कहना है कि सरगना अशोक बीए पास है और उसके गिरोह में करीब 20 सदस्य हैं।
इनकी हुई गिरफ्तारी-
- -अशोक कुमार पुत्र नन्दकिशोर प्रसाद सिंह निवासी ग्राम पोवारी पोस्ट पोवारी थाना हरनौत जनपद नालंदा बिहार
- - रौशन कुमार पुत्र उमा प्रसाद निवासी ग्राम चकरसलपुर पोस्ट रानाबीघा थाना दीपनगर जनपद नालंदा बिहार
- - रौशन कुमार पुत्र इन्द्रदेव राम निवासी ग्राम बरनामा पोस्ट गोपालपुर थाना वारसलीगंज जनपद नवादा बिहार
- -जीवनराज पुत्र संजीव प्रसाद निवासी ग्राम रामचन्द्रपुर पोस्ट बिहारशरीफ थाना लहरी जनपद नालंदा बिहार
- -श्रीनिवास कुमार पुत्र रायमल चौहान निवासी ग्राम दरूवारा बेलदारीपर पोस्ट दरूवारा थाना नुरसरांय जनपद नालंदा बिहार
- -आकाश वर्मा पुत्र सत्यपाल वर्मा निवासी ग्राम वनभल्लियां थाना गोला गोकर्णनाथ जनपद लखीमपुर खीरी उत्तर प्रदेश
यह हुई बरामदगी
- -52 एंड्रायड/एप्पल मोबाइल
- -156 एटीएम कार्ड
- -122 फर्जी सिम कार्ड
- -52 पासबुक
- -03 डायरी पैसों के हिसाब-किताब वाली
यह भी पढ़ें: वेबसाइट बनाकर छाप रहे थे नोट, जी रहे थे ऐश की जिंदगी; पुलिस ने किया गिरफ्तार, निकला महाकुंभ से कनेक्शन
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।