Delhi-Mumbai रूट पर ट्रेनों के आरक्षित कोचों में घुस रही भीड़, शौचालय तक नहीं पहुंच पा रहे यात्री
दिल्ली-मुंबई रेल मार्ग पर ट्रेनों में अनधिकृत भीड़ से यात्री परेशान हैं। स्लीपर और एसी कोचों में बिना टिकट यात्रियों के कारण स्थिति बदतर हो गई है। यात्रियों ने आरक्षित सीटों पर कब्जे गंदगी और शौचालयों की समस्या की शिकायत की है। रेलवे से सख्ती बरतने और टिकट चेकिंग की प्रभावी व्यवस्था लागू करने की मांग की गई है।

जागरण संवाददाता, प्रयागराज। दिल्ली-मुंबई रेलरूट Delhi-Mumbai train route पर आरक्षित कोचों में भीड़ का मानो आतंक है। इससे यात्री परेशान हो रहे हैं। इन रेल मार्गों पर चलने वाली ट्रेनों के आरक्षित कोचों में अनधिकृत भीड़ की समस्या ने यात्रियों का सफर दूभर कर दिया है। स्लीपर और एसी कोचों में बिना टिकट यात्रियों का जमावड़ा इस कदर बढ़ गया है कि स्थिति जनरल कोच से भी बदतर हो गई है।
गुरुवार को भीड़, गंदगी और शौचालय तक न पहुंच पाने की 200 से अधिक शिकायतें दर्ज की गईं। यात्रियों का कहना है कि आरक्षित सीटों पर जबरन कब्जा, गलियारों और दरवाजों में भीड़ का जमावड़ा और बदहाल शौचालयों ने उनकी यात्रा को नारकीय बना दिया है। उत्तर रेलवे से लेकर, उत्तर मध्य रेलवे, पूर्वोत्तर रेलवे, पश्चिम मध्य रेलवे से गुजरते समय और प्रयागराज आते समय भीड़ अधिक बढ़ी। लंबी दूरी की ट्रेनों में समस्या ज्यादा रही।
Delhi-Mumbai train route प्रयागराज के छिवकी स्टेशन पर मुंबई सीएसएमटी-हावड़ा मेल के स्लीपर कोच (एस-4) में यात्रा कर रहे अंकित ने बताया कि उनका कोच भीड़ से ठसाठस है। आरक्षित सीट पर पांच से छह लोग जबरन बैठे हैं, जिससे वह अपनी सीट तक नहीं पहुंच पा रहे। उन्होंने शिकायत दर्ज की, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई।
पूर्वा एक्सप्रेस के स्लीपर कोच (एस-6) में सफर कर रहे संजय अग्रवाल ने बताया कि 50 से अधिक बिना टिकट यात्रियों ने कोच में घुसपैठ कर ली है। गलियारे में ठसाठस भीड़ के कारण सांस लेना मुश्किल हो रहा है और शौचालय तक पहुंचना असंभव है। गुवाहाटी पूर्वोत्तर संपर्क क्रांति के यात्री अमन पाठक ने भी ऐसी ही शिकायत की। उनके कोच (एस-2) में प्रयागराज जंक्शन से ट्रेन के रवाना होते ही 50 से अधिक अनधिकृत यात्रियों ने दरवाजे और गलियारे जाम कर दिए, जिससे शौचालय पूरी तरह ब्लाक हो गया।
रामेश्वरम-बनारस साप्ताहिक विशेष ट्रेन के एसी कोच (ए-2) में यात्रा कर रहे संदीप ने बताया कि वह सीट नंबर 43 और 45 पर है। कोच का दरवाजा बंद न होने के कारण भीड़ लगातार बढ़ रही है। शिकायतक करने वाले यात्रियों का कहना है कि आरक्षित कोच में पहले से बुक सीटों पर सफर करने का उद्देश्य सुविधा और सुरक्षा है, लेकिन अनधिकृत यात्रियों की भीड़ ने इसे पूरी तरह बेकार कर दिया है। गंदगी, शौचालयों की बदहाली और भीड़ के कारण यात्रियों, खासकर महिलाओं और बच्चों, को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
शिकायतों के बाद डीआरएम ने कार्रवाई के निर्देश दिए, लेकिन अधिकारियों के बीच शिकायतों का फारवर्ड होना ही एकमात्र कार्रवाई रही। आरपीएफ, जीआरपी और टीटीई की मौजूदगी के बावजूद भीड़ पर नियंत्रण नहीं हो पा रहा है। यात्रियों ने मांग की है कि रेलवे आरक्षित कोचों में सख्ती बढ़ाए और टिकट चेकिंग की प्रभावी व्यवस्था लागू करे।
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