बच्ची से दुष्कर्म कर हत्या में दोषी युवक को फांसी की सजा, कोर्ट ने कहा- मौत होने तक फंदे से लटकाया जाए
प्रयागराज की अदालत ने सात साल की बच्ची से दुष्कर्म और हत्या के मामले में विनोद पासी को फांसी की सजा सुनाई है। विशेष न्यायाधीश अंजू कनौजिया ने दोषी पर 80 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया। अदालत ने कहा कि विनोद पासी को तब तक फांसी पर लटकाया जाए जब तक उसकी मौत न हो जाए। यह वारदात 2012 में नवाबगंज इलाके में हुई थी।

जागरण संवाददाता, प्रयागराज। सात साल की बच्ची से दुष्कर्म कर हत्या के मुकदमे में दोषी पाए गए विनोद पासी को फांसी (मृत्युदंड) की सजा सुनाई गई है। जिला अदालत की अपर विशेष न्यायाधीश अंजू कनौजिया ने ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए दोषी पर 80 हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया है। कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि ‘दोषी विनोद पासी को फांसी के फंदे पर तब तक लटकाया जाए, जब तक की उसकी मृत्यु न हो जाए’। विनोद प्रतापगढ़ के किलहनापुर, हथिगवां का निवासी है।
सनसनीखेज वारदात वर्ष 2012 में नवाबगंज थाना क्षेत्र में हुई थी। अभियोजन के अनुसार, नवाबगंज निवासी एक व्यक्ति ने थाने पर तहरीर दिया था कि प्रतापगढ़ निवासी उसका बहनोई नवाबगंज में उसकी बहन के साथ घर पर रहता था। 20 अप्रैल 2012 को शाम पांच बजे ग्रामीणों ने देखा था कि विनोद उसकी सात साल की भतीजी को बिस्किट खिलाते हुए हाईवे की तरफ ले गया था। तलाशने पर अगले दिन सुबह साढ़े आठ बजे भतीजी का शव पटना ऊपरहार गांव में गंगा किनारे जंगल में मिली थी।
विनोद, जो उसका बहनोई है उसने भतीजी के साथ दुष्कर्म करके हत्या की और फिर जंगल में लाश फेंक दिया था। पुलिस ने कोर्ट में आरोप पत्र दाखिल किया, जिसका ट्रायल शुरू हुआ। गुरुवार को पाक्सो एक्ट की अपर विशेष न्यायाधीश अंजू कनौजिया ने एडीजीसी फौजदारी मनोज पांडेय, सविता पाठक और आरोपित के अधिवक्ता के तर्कों को सुनने के बाद निर्णय सुनाया।
वहीं, आरोपित को सजा दिलवाने के लिए आपरेशन कन्विक्शन के तहत प्रभारी निरीक्षक नवाबगंज राघवेंद्र सिंह, सिपाही सावित्री और विरेंद्र कुमार ने कोर्ट में प्रभावी पैरवी की।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।