आखिर किस बात की घुटन में थे ठेकेदार विजय जो हार गए जिंदगी की जंग, मां के साथ चारपाई पर मिला था शव
कौशांबी के बारा हवेली खालसा गांव में ठेकेदार विजय मिश्रा और उनकी माँ का शव संदिग्ध अवस्था में मिला। विजय ने बेटे की पढ़ाई के लिए पत्नी को पैसे दिए थे। ...और पढ़ें

कौशांबी में ठेकेदार और उनकी मां की संदिग्ध मौत मामले में पुलिस जांच-पड़ताल कर रही है।
जागरण संवाददाता कौशांबी। बारा हवेली खालसा गांव निवासी ठेकेदार विजय मिश्रा किसी बात को लेकर अंदर ही अंदर घुट रहा था। इकलौते बेटे रत्नेंश का भविष्य संवारने के लिए उसने पत्नी व बेटे को ससुराल में छोड़ रखा रखा था। पत्नी व बच्चों की जरुरत का विजय हर ख्याल रखता था। इसी वजह से उसने कर्ज भी ले रखा था। शनिवार को बीफार्मा कर रहे बेटे की फीस के लिए पत्नी नीता पैसा लेने विजय के पास गई तो गेहूं बेचकर रुपये दे दिए।
मां-बेटे की संदिग्ध मौत पर अफसर शांत
विजय व उसकी मां मालती देवी की संदिग्ध मौत के मामले में पुलिस अफसर कुछ खुलकर बोल नहीं पा रहे हैं। पत्नी नीता ने बताया कि इकलौता बेटा रत्नेश बीफार्मा कर रहा है। बेटे की पढ़ाई में किसी तरह का व्यवधान नहीं आए, इसके लिए उन्होंने उसे व बेटे को अपनी ससुराल (नीता के मायके) भरवारी में छोड़ रखा था।
विजय गांव में वृद्ध मां की सेवा करते थे
विजय गांव में रहकर वृद्ध मां मैला देवी की सेवा करते थे। अक्सर नीता व बेटा भी उनसे मिलने जाया करते थे। नीता के मुताबिक शनिवार को वह अपनी ससुराल बारा हवेली खालसा गई थी। उसने पति से बेटे की फीस के लिए पैसे मांगे। इस पर विजय ने फौरन गेहू बेचकर पैसे दिए। नीता के सामने विजय हंस-बोल रहे थे।
पत्नी ने बताया- कई लोगों से लिया था कर्ज
पत्नी नीना ने यह भी बताया कि विजय ने कई लोगों से कर्ज ले रखा था। रविवार की सुबह बेटे ने कई बार पिता को फोन किया लेकिन काल रिसीब नहीं हुई। इसे लेकर वह बेटे के साथ बारा हवेली पहुंची तो घटना की जानकारी हुई। वहीं पुलिस का कहना है कि घटना स्थल की जांच के दौरान कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है।
क्या विजय ने खुद ही खाने में मिलाया जहर?
कमरे में कोई भी जहर की पुड़िया नहीं मिली। इससे अनुमान है कि विजय ने खुुद ही खाने में जहर मिलाया होगा। इसके बाद उसने विशाक्त खाना खुद खाया व मां को खिला दिया। इस संबंध में एएसपी राजेश कुमार सिंह का कहना है कि अब तक की जांच में जहर से मौत होने की बात पता चली है। पत्नी ने भी बताया कि पारिवारिक रिश्ते भी ठीक थे। कर्ज की बात सामने आ रही है।

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