प्रयागराज में चिमटा गैंग फिर सक्रिय, बिना कार्ड के ही एटीएम से निकाल रहे रुपये, इनकी करतूत सुन हैरान रह जाएंगे
प्रयागराज में चिमटा गैंग फिर सक्रिय है, जो एटीएम में चिमटा फंसाकर लोगों के पैसे चुरा रहा है। गिरोह एटीएम के कैश आउटलेट में चिमटा फंसा देता है, जिससे पैसे अटक जाते हैं और ग्राहक के खाते से कट जाते हैं। बाद में गिरोह के सदस्य पैसे निकाल लेते हैं। सीसीटीवी से बचने के लिए वे चेहरा ढंक लेते हैं। पुलिस ने कुछ सदस्यों को गिरफ्तार किया है, लेकिन सरगना अभी भी फरार है।(x)

प्रयागराज के एटीएम में चिमटा गैंग का आतंक है, आपको भी ऐसे गिरोह के सदस्यों से सावधान रहने की जरूरत है।
जागरण संवाददाता, प्रयागराज। मेहनत की कमाई एटीएम बूथ में निकालने पहुंचे लोगों की जेब पर अब ‘चिमटा गैंग’ की नजर है। यह वही गिरोह है, जो एटीएम मशीन के कैश निकलने वाले हिस्से (डिसपेंसर शटर) में लोहे का चिमटा नुमा उपकरण फंसा देता है। इससे मशीन में निकले रुपये बाहर नहीं आते, लेकिन ग्राहक के खाते से पैसे कट जाते हैं। ग्राहक जैसे ही वहां से हटता है, गिरोह का सदस्य मौके पर पहुंचकर चिमटे में फंसे हुए रुपये निकाल लेता है।
ग्राहक के जाते ही फंसे पैसे निकाल लेते हैं
यह गैंग बिना कार्ड और बिना ओटीपी के भी लोगों के पैसे उड़ाने का तरीका जानता है। गैंग के सदस्य एटीएम बूथ के अंदर पहले से पहुंच जाते हैं और मशीन के कैश आउटलेट में चिमटा जैसा उपकरण फंसा देते हैं। जब कोई ग्राहक पैसे निकालने आता है तो मशीन के भीतर नोट अटक जाते हैं। ग्राहक को लगता है कि मशीन खराब है और वह लौट जाता है। बाद में गिरोह के सदस्य मशीन से अटके रुपये निकाल लेते हैं।
सीसीटीवी फुटेज में पहचान से बचने का तरीका भी
यहीं नहीं गिरोह के सदस्य एटीएम बूथ में प्रवेश करते समय चेहरा मास्क या कपड़े से ढंक लेते हैं। कई बार टोपी और सनग्लास का भी इस्तेमाल करते हैं ताकि सीसीटीवी फुटेज में पहचान न हो सके। कुछ मामलों में वे बूथ की लाइट भी बंद कर देते हैं या कैमरे की दिशा बदल देते हैं। उनका मुख्य उद्देश्य होता है कि मशीन में पहले से फंसा चिमटा बाहर से दिखाई न दे। इसके लिए वे बेहद बारीकी से उपकरण को फिट करते हैं। एक बार पैसे फंसने के बाद ग्राहक को यह समझ नहीं आता कि क्या हुआ। जैसे ही ग्राहक वहां से चला जाता है, यह गिरोह कुछ सेकंड में नकदी निकालकर फरार हो जाता है।
सोरांव में पकड़े जा चुका है मामला
एसओजी गंगापार और सोरांव पुलिस ने वर्ष 2020 में चिमटा गैंग के सदस्य बजरंग बहादुर सिंह उर्फ सावन निवासी करमचंद्रपुर थाना जेठवारा, तौफीक खान उर्फ बब्बू निवासी बाबूतारा लालगंज व आदिल अहमद उर्फ अनस निवासी पूरेमुस्तफाखान थाना कोतवाली जनपद प्रतापगढ़ को गिरफ्तार किया था। हालांकि, गैंग का सरगना शाकिर अली निवासी भूलियापुर थाना कोतवाली जनपद प्रतापगढ़ हाथ नहीं लगा था। इस गैंग ने उप्र के साथ ही छत्तीसगढ़ और मप्र में भी कई वारदातें की थीं।
झूंसी में गैंग के चार बदमाश हुए थे गिरफ्तार
रविवार को झूंसी पुलिस ने चिमटा गैंग के चार बदमाशों को गिरफ्तार किया है। हालांकि, इसके पहले पिछले वर्ष यानी 2024 में चिमटा गैंग ने अल्लापुर स्थित एक एटीएम बूथ से तीन लोगों के रुपये उड़ाए थे। तीनों मामले जार्जटाउन थाने में दर्ज हुए थे, लेकिन आज तक इन तीनों घटनाओं का राजफाश नहीं हो सका।
लोगों के साथ ठगी का तरीका
- बदमाश एटीएम बूथ में जाकर डिसपेंसर के अंदर पतला चिमटा या धातु का क्लिप फंसा देते हैं।
- ग्राहक कार्ड लगाकर पैसे निकालने की कोशिश करता है। पैसे मशीन के अंदर फंस जाते हैं, पर खाते से राशि कट जाती है।
-ग्राहक को लगता है कि मशीन खराब है और वह लौट जाता है।
-बदमाश तुरंत अंदर जाकर उपकरण की मदद से पैसे निकाल लेता है।
-कभी-कभी ये लोग मौके पर मौजूद ग्राहक को भी बहला-फुसलाकर उसकी मदद करने के बहाने एटीएम कार्ड या पिन नंबर जान लेते हैं।
ये सावधानी जरूरी
- एटीएम बूथ में दाखिल होने से पहले आसपास नजर डालें।
- अगर कोई संदिग्ध व्यक्ति आसपास घूम रहा हो तो सतर्क हो जाएं।
- एटीएम मशीन में अगर कार्ड स्लाट, कीपैड या डिसपेंसर ढीला लगे या उसमें कुछ अटका दिखे तो तत्काल हेल्पलाइन नंबर पर जानकारी दें।
- किसी अनजान व्यक्ति की मदद न लें। कई बार ठग खुद को मददगार बताकर कार्ड या पिन जान लेते हैं।
- ट्रांजेक्शन फेल होने पर रसीद रखें। यह बैंक में शिकायत के लिए सबूत का काम करता है।
- एटीएम से पैसे न निकलें और खाते से कट जाएं तो तुरंत 1930 या बैंक के हेल्पलाइन नंबर पर फोन करें।
- रात में सुनसान एटीएम बूथ में जाने से बचें। कोशिश करें कि गार्ड वाले या सीसीटीवी युक्त एटीएम बूथ का ही प्रयोग करें।
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