बुलंदशहर में तालाब पर अतिक्रमण को लेकर इलाबाबाद हाई कोर्ट गंभीर, तहसीलदार से मांगा जवाब
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बुलंदशहर में तालाब पर अतिक्रमण के मामले में सख्त रुख अपनाया है। कोर्ट ने तहसीलदार से जवाब मांगा है कि 2013 के बेदखली आदेश पर अब तक अमल क्यों नहीं हुआ। नौ अतिक्रमणकारियों को नोटिस जारी किया गया है। मामले की अगली सुनवाई 17 सितंबर 2025 को होगी। याचिकाकर्ता ने तालाब पर कब्जे पर पूर्ण प्रतिबंध की मांग की है।

विधि संवाददाता, प्रयागराज। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने बुलंदशहर में स्याना तहसील अंतर्गत सौजना झाया गांव स्थित तालाब पर अतिक्रमण के मामले में गंभीर रुख अपनाया है।
न्यायमूर्ति जेजे मुनीर ने कैप्टन गोपी सिंह की जनहित याचिका पर तहसीलदार को इस आशय का हलफनामा दाखिल करने के लिए निर्देशित किया है कि बेदखली आदेश पर अमल क्यों नहीं हो सका है, जबकि यह वर्ष 2013 में जारी किया गया था।
नौ कथित अतिक्रमणकारियों को भी नोटिस जारी किया गया है। इस मामले में 17 सितंबर 2025 को अगली सुनवाई होगी।
याची के वकील ने हिंचलाल तिवारी बनाम कमला देवी और अन्य मामले में सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय के आलोक में तालाब पर कब्जे पर पूर्ण प्रतिबंध का उल्लेख किया है।
कोर्ट ने कहा है कि प्रतिवादियों द्वारा दायर किए जाने वाले प्रति-शपथपत्रों के अलावा, तहसीलदार अगली निर्धारित तिथि को अथवा उससे पहले अपना स्वयं का हलफनामा दायर करेंगे, जिसमें कारण का उल्लेख करते हुए बताएंगे कि बेदखली संबंधी आदेश का अब तक निष्पादन क्यों नहीं किया गया है? यदि उक्त आदेशों के विरुद्ध कोई अपील दायर की गई है तो उसकी संख्या, वर्तमान स्थिति और जहां यह लंबित है,उसे भी हलफनामे में दर्शाया जाएगा।
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